अब भारत स्वदेशी फाइटर जेट से करेगा एयर स्ट्राइक: जल्द मिल रहा पहला Tejas Mk1A — आत्मनिर्भरता की उड़ान!
लेखक: [राहुल चंद्रे ] | दिनांक: 2 जून 2025
भारत के रक्षा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक पल आने वाला है। जिस सपने को दशकों से संजोया गया था — स्वदेशी फाइटर जेट से ताकतवर एयर स्ट्राइक करने का — वह अब हकीकत बनने जा रहा है। इस महीने भारतीय वायुसेना को मिलने जा रहा है पहला Tejas Mk1A लड़ाकू विमान, जो पूरी तरह भारत में डिजाइन और निर्मित है।
यह न सिर्फ भारतीय वायुसेना की ताकत को कई गुना बढ़ाएगा, बल्कि प्रधानमंत्री मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के विज़न को एक नई ऊंचाई पर ले जाएगा।
क्या है Tejas Mk1A?
तेजस Mk1A भारत का आधुनिक, मल्टीरोल लाइट फाइटर जेट है, जिसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा विकसित किया गया है। यह तेजस के मूल संस्करण (Tejas Mk1) का अपग्रेडेड वर्ज़न है और इसमें कई नई खूबियां जोड़ी गई हैं।
Tejas Mk1A की मुख्य विशेषताएं:
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Active Electronically Scanned Array (AESA) Radar
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Self-Protection Jammer (SPJ)
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Mid-Air Refueling क्षमता
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बियॉन्ड विजुअल रेंज (BVR) मिसाइल सिस्टम
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डिजिटल कॉकपिट, ग्लास डिस्प्ले और स्मार्ट एविऑनिक्स
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तेज और हल्का, लेकिन अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी से लैस।
यह जेट अब भारतीय वायुसेना को पाकिस्तान या चीन जैसे विरोधियों पर बेहद सटीक और प्रभावशाली एयर स्ट्राइक्स करने में सक्षम बनाएगा — और वह भी पूरी तरह देसी तकनीक के सहारे।
कब मिल रहा है पहला तेजस Mk1A?
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने पुष्टि की है कि पहला तेजस Mk1A विमान इसी जून 2025 के अंत तक भारतीय वायुसेना को सौंप दिया जाएगा।
इस डिलीवरी के साथ ही HAL की 83 तेजस Mk1A जेट की डील का पहला चरण पूरा होगा, जिसकी कीमत करीब ₹48,000 करोड़ है।
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में मील का पत्थर
तेजस Mk1A की डिलीवरी सिर्फ एक रक्षा सौदा नहीं है — यह उस भारत की तस्वीर है जो अब रक्षा उपकरणों के लिए दूसरों पर निर्भर नहीं रहना चाहता। अब भारत खुद अपने फाइटर जेट बनाएगा, एक्सपोर्ट करेगा और तकनीकी आत्मनिर्भरता की मिसाल पेश करेगा।
2023-24 में भारत पहली बार रक्षा उपकरणों का 21,000 करोड़ से अधिक का निर्यात कर चुका है। तेजस Mk1A आने वाले वर्षों में इस आंकड़े को और ऊंचा ले जाने में सक्षम होगा।
वायुसेना को क्या मिलेगा इससे?
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पुराने मिग-21 और जगुआर जेट का रिप्लेसमेंट: तेजस Mk1A इन्हें धीरे-धीरे बदल देगा।
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हाई-स्पीड इंटरसेप्शन और एयर डिफेंस की बढ़ी हुई क्षमता
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कम समय में तैनाती, हाई-टेक सर्विलांस और सर्जिकल एयर स्ट्राइक की तैयारी
दुनिया की नजर भी तेजस पर
भारत की स्वदेशी क्षमताएं अब दुनिया के लिए भी आकर्षण का केंद्र बन रही हैं। मलेशिया, अर्जेंटीना, फिलीपींस जैसे देश तेजस Mk1A में गहरी दिलचस्पी दिखा चुके हैं। यह भारत को “डिफेंस एक्सपोर्टिंग नेशन” बनाने की दिशा में बड़ा क़दम साबित हो सकता है।
निष्कर्ष: भारत अब किसी पर निर्भर नहीं
पहले हम अपने फाइटर जेट्स के लिए रूस, अमेरिका, फ्रांस जैसे देशों पर निर्भर थे। लेकिन अब भारत तेजस Mk1A के जरिए न केवल आत्मनिर्भर हुआ है, बल्कि भविष्य की रक्षा रणनीतियों में लीडर बनने की ओर बढ़ रहा है।
भारत अब सिर्फ एक उपभोक्ता नहीं, बल्कि निर्माता है — और तेजस उसका गर्व है।
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