रूस-यूक्रेन जंग को शुरू हुए तीन साल ज्यादा बीत गए हैं। अब जाकर रूस और यूक्रेन के बीच जंग खत्म (Russia-Ukraine ceasefire) होने की दिशा में एक अहम कदम उठता दिख रहा है। रूसी और यूक्रेनी युद्ध के बीच आज दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडलों के बीच इस्तांबुल में दूसरे दौर की बातचीत एक घंटे से अधिक समय तक चली। बैठक चिरागन पैलेस में लगभग 14:43 बजे शुरू हुई और 15:57 बजे समाप्त हुई। इस बैठक में एक बार फिर यूक्रेन ने बिना 30 दिनों के सीज़फायर का प्रस्ताव रखा, जिसे रूस की तरफ से नकार दिया गया। यूक्रेन ने एक बार फिर रूस पर युद्ध को लंबा खींचने का आरोप लगाया।
रुस ने यूक्रेन के सामने रखी ये शर्तें
इस्तांबुल में दूसरे दौर की वार्ता के दौरान दोनों देशों के प्रतिनिधियों के तेवर सख्त दिखे। रूस ने वार्ता के दौरान स्पष्ट किया कि सीजफायर (Russia-Ukraine Ceasefire) पर तब सहमति बनेगी जब यूक्रेन उन चार जगहों से सैनिकों को हटाएगा जिनपर रूस का आंशिक नियंत्रण है। वहीं, यूक्रेन का कहना है कि रूस युद्धविराम नहीं चाहता है और इसे शांति के दिशा में मजबूर करने के लिए नए प्रतिबंधों की तत्काल आवश्यकता है। रूस के प्रतिनिधि मेडिंस्की ने जानकारी दी है कि रूस 6,000 मारे गए यूक्रेनी सैनिकों के शव को यूक्रेन को लौटाएगा। ताकि इन सैनिकों को सम्मानजनक अंतिम संस्कार उनके रिती-रिवाज के अनुसार किया जा सके। उन्होंने कहा कि ग्रे जोन के जरिए शवों को सौंपा जाएगा। हालांकि, शवों को निकालने के लिए उस क्षेत्र में सीजफायर जरूरी है।
युद्धबंदियों की अदला-बदली पर बनी है सहमति
दरअसल रूसी वार्ताकारों ने सोमवार को अपने यूक्रेनी समकक्षों को एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा है जिसमें पूर्ण युद्ध विराम(Russia-Ukraine Ceasefire) के लिए मॉस्को की शर्तों को सामने रखा है। रूसी प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख व्लादिमीर मेडिंस्की ने यह भी कहा कि रूस ने कुछ क्षेत्रों में दो से तीन दिनों के युद्ध विराम का सुझाव (Kremlin Peace Proposal) दिया था। मेडिंस्की ने बताया कि 2-3 दिनों का सीमित सीजफायर प्रस्तावित किया गया है, जो कि कुछ चयनित फ्रंटलाइन इलाकों में लागू होगा। इस सीजफायर का उद्देश्य सैनिकों के शवों को यूक्रेन को सुरक्षित सौंपना है। रूस-यूक्रेन के बीच 1,000-1,000 युद्धबंदियों की अदला-बदली पर सहमति बनी है। जल्दी ही प्रक्रिया शुरू की जाएगी। गंभीर रूप से घायल और बीमार सैनिकों की अदला-बदली पर दोनों पक्षों की सहमति बनी। 25 साल से कम उम्र के युवा सैनिकों को भी इस समझौते के दायरे में लाया गया है।
रूस की तरफ से पेश शर्तों के अध्ययन के बाद अगली बैठक पर फैसला
बैठक के बाद यूक्रेन की तरफ से कहा गया कि रूस ने अपना मेमोरेंडम बैठक शुरू होने के बाद ही सौंपा इसलिए उसका अध्ययन किया जाएगा और फिर उस पर यूक्रेन अपने रुख के साथ सामने आएगा। अगले दौर की बातचीत के बारे में पूछे जाने पर यूक्रेन की तरफ से कहा गया कि रूस की तरफ से पेश शर्तों के अध्ययन के बाद ये तय हो पाएगा। यूक्रेन ये भी चाहता है कि दोनों देशों के नेताओं के बीच सीधी बातचीत हो, क्योंकि सीजफायर का आखिरी फैसला इन दोनों को ही करना है। बैठक के बाद पहली प्रतिक्रिया देते हुए यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि युद्धबंदियों की लिस्ट तैयार की जा रही है, जिनकी जल्द अदलाबदली होगी।
