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Bengaluru Stampede: मृतकों के परिजनों को 10 लाख की जगह मिलेगा 25 लाख मुआवजा, CM सिद्धारमैया का एलान

Bengaluru Stampede

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने चिन्नास्वामी स्टेडियम में हुई इस त्रासदी(Bengaluru Stampede) ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है। अब कर्नाटक सरकार ने हादसे में मारे गए लोगों के परिवारों के लिए घोषित मुआवजे को बढ़ाकर 25 लाख रुपये करने का आदेश दिया है। सीएम सिद्धारमैया ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि प्रभावित परिवारों को जल्द से जल्द यह मुआवजा दिया जाए ताकि उन्हें आर्थिक राहत मिल सके। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शनिवार को इस संबंध में घोषणा की। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, ‘सिद्दरमैया ने भगदड़ में मारे गए लोगों के स्वजनों के लिए मुआवजा राशि बढ़ाकर 25 लाख रुपये करने का आदेश दिया है। इससे पहले सरकार ने प्रत्येक को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की थी।’

RCB की जीत के जश्न दौरान मची थी भगदड़

दरअसल, बुधवार को RCB की जीत के जश्न के दौरान बेंगलुरु ( Bengaluru Stampede ) के चिन्नास्वामी स्टेडियम ( Chinnaswamy Stadium Bhagdad )के बाहर भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो गई और इसमें 11 लोगों की मौत हो गई। इस भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई थी और 33 अन्य घायल हो गए थे। यह घटना तब हुई थी, जब आरसीबी की आईपीएल जीत का जश्न मनाने के लिए अप्रत्याशित रूप से भारी भीड़ जमा हुई, जो उम्मीद से कहीं ज्यादा थी। स्टेडियम में लोगों के बैठने की क्षमता लगभग 35,000 थी लेकिन मौके पर लगभग 2 से 3 लाख लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी थी। जिसकी वजह से ये हादसा हुआ और लोगों को जान गंवाना पड़ा।

कर्नाटक सरकार इस मामले को बेहद गंभीरता से ले रही है। इस हादसे के जिम्मेदार लोगों की तलाश कर रही है। पुलिस ने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) और इवेंट मैनेजमेंट कंपनी डीएनए एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड के चार अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया है। अपराध शाखा और बेंगलुरु पुलिस ने शुक्रवार को संयुक्त अभियान चलाकर इन अधिकारियों को गिरफ्तार किया। अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत ने इन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। दुबई जाते समय बेंगलुरु हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किए गए आरसीबी के विपणन और राजस्व प्रमुख निखिल सोसले ने कर्नाटक हाई कोर्ट में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका दायर की थी। लेकिन, हाई कोर्ट ने गिरफ्तारी से अंतरिम राहत देने से इन्कार कर दिया।

Mayank Dwivedi
Author: Mayank Dwivedi

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