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Pahalgam Attack पर FATF का बड़ा बयान, कहा- बिना आतंकी फंडिंग के हमला संभव नहीं, पाकिस्तान को लताड़ा

FATF on pahalgam attack

22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले को लेकर ग्लोबल टेरर वॉचडॉग FATF (Financial Action Task Force) ने चिंता जाहिर की। वित्तीय कार्रवाई कार्य बल(FATF) ने इस हमले में मारे गए लोगों के लिए संवेदना जाहिर करते हुए आतंकी हमले की निंदा की। FATF का कहना है कि इस तरह के हमले सिर्फ हथियारों और गोलियों से नहीं होते, बल्कि इनके पीछे एक संगठित फाइनेंशियल नेटवर्क काम करता है, जो आतंकियों को फंडिंग देता है। FATF ने कहा, “ऐसे हमले बिना आर्थिक सहायता के संभव नहीं होते। ये सिर्फ लोगों की जान नहीं लेते, बल्कि समाज और देशों के बीच डर और अस्थिरता फैलाते हैं। इनका मकसद दुनियाभर में डर फैलाना है।”

आतंकी फंडिंग रोकने के लिए  FATF तैयार कर रहा एक नया वैश्विक ढांचा

FATF ने अपने बयान में पाकिस्तान का नाम लिए बिना यह भी कहा कि वह आतंकी फंडिंग रोकने के लिए एक नया वैश्विक ढांचा तैयार कर रहा है। बयान में बताया गया कि FATF अब यह जांच रहा है कि अलग-अलग देश आतंकवाद को रोकने के लिए कितनी प्रभावी व्यवस्थाएं लागू कर चुके हैं। FATF ने 200 से ज्यादा देशों और क्षेत्रों में आतंकी फंडिंग जोखिम का मूल्यांकन करने के लिए गाइडलाइंस तैयार की हैं। FATF का यह बयान पहलगाम हमले के 55 दिन बाद आया है। ग्लोबल टेरर वॉच डॉग ने कहा कि आतंकी हमले लोगों को मारते हैं, घायल करते हैं और दुनियाभर में डर फैलाते हैं। FATF का यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारतीय अधिकारियों ने पाकिस्तान के लगातार आतंकवाद को समर्थन देने और मल्टीपल फंड्स को हथियारों की खरीद में इस्तेमाल करने की बात को उजागर किया है।

आतंकवाद की फंडिंग से निपटने के लिए गाइडलाइन देता है FATF

FATF पिछले कई वर्षों से दुनिया भर के 200 से ज्यादा देशों को आतंकवाद की फंडिंग से निपटने के लिए गाइडलाइन दे रहा है। इन गाइडलाइनों में बैंकिंग सिस्टम पर निगरानी, संदिग्ध लेनदेन की पहचान, और सोशल मीडिया, क्राउड फंडिंग या क्रिप्टो जैसी नई तकनीकों के दुरुपयोग से जुड़ी चेतावनियां शामिल हैं। फिलहाल FATF की ‘ग्रे लिस्ट’ में 24 देश शामिल हैं, जिनकी आतंकी फंडिंग, मनी लॉन्ड्रिंग और हथियारों की गैरकानूनी खरीद-बिक्री के मामलों में निगरानी की जा रही है। पाकिस्तान इससे पहले भी कई बार FATF की ग्रे लिस्ट में रह चुका है।

पाकिस्तान को  फिर से FATF की ‘ग्रे लिस्ट’ में डाला जा सकता है

सूत्रों के अनुसार, ऐसी गतिविधियों की वजह से पाकिस्तान को FATF की ‘ग्रे लिस्ट’ में डाला जा सकता है। यह संगठन पाकिस्तान को 2018 से 2022 तक ग्रे लिस्ट में रख चुका है, जिसे उसने 2022 में हटा दिया था। भारत लंबे समय से FATF से आग्रह कर रहा है कि पाकिस्तान को फिर से ग्रे लिस्ट में शामिल किया जाए, क्योंकि यकीनन पाकिस्तान ने सीमा पार से संचालित आतंकी संगठनों के खिलाफ उचित कार्रवाई नहीं की है। ऐसे में FATF के इस बयान से भारत को अपने दावों के समर्थन में मजबूती मिल सकती है। FATF ने पाकिस्तान आधारित आतंक वित्त पोषण के रास्तों की ओर संकेत करते हुए कहा है कि आतंकवादी समूह हवाला, गैर सरकारी संगठनों (NGO) और क्रिप्टोकरेंसी जैसे डिजिटल टूल्स का इस्तेमाल कर मनी मूवमेंट्स को छुपाते हैं।

Mayank Dwivedi
Author: Mayank Dwivedi

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