ईरान और इजराइल के बीच चौथे दिन भी लड़ाई(Iran-Israel War) जारी है। ईरान ने सोमवार सुबह इजराइल पर अब तक का सबसे बड़ा हमला किया। ईरानी सेना ने सेंट्रल इजराइल में कई जगहों पर बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं। इसमें 8 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 200 से ज्यादा लोग घायल हैं। अब तक इजराइल में ईरानी हमलों में 22 लोग मारे गए हैं, जबकि करीब 600 से ज्यादा घायल हैं। इस बीच ईरान में लगातार बढ़ रहे इजरायली हवाई हमलों के बीच सैकड़ों भारतीय मेडिकल छात्र अपनी जान बचाने के लिए अपार्टमेंट के बेसमेंट में छिपे हुए हैं। गोलियों की आवाजें, बम धमाकों की गूंज और इंटरनेट की धीमी रफ्तार के बीच छात्र दिन-रात घबराए हुए हैं। इस विकट परिस्थिति में भारतीय छात्रों ने केंद्र सरकार से मदद की गुहार लगाई है।
तेहरान में मौजूद सभी भारतीय नागरिक ईरान छोड़ दें-विदेश मंत्रालय
तनाव बढ़ने के के साथ ही भारतीय विदेश मंत्रालय और तेहरान स्थित भारतीय दूतावास ने इस पर काम करना शुरू कर दिया था। अब विदेश मंत्रालय ने इसे लेकर स्थिति और ज्यादा साफ करते हुए नए सिरे से एडवाइजरी जारी कर दी है। ईरान में इस वक्त कुल 10 हजार भारतीय हैं, जिनकी सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय और दूतावास ने एक बयान जारी किया है, जिसमें कहा गया कि तेहरान में मौजूद सभी भारतीय नागरिक, फिर वो चाहे छात्र हों, नौकरीपेशा लोग हों, उनका वीजा किसी भी तरह का क्यों ना हो, वो तत्काल आज शाम तक हर हाल में ईरान की राजधानी तेहरान छोड़ दें। इजरायल-ईरान के बीच जारी जंग में 10 हजार भारतीय फंस गए हैं जिनमें 1500 छात्र हैं और उनको सुरक्षित बाहर निकालने की तैयारी भी शुरू हो गयी है।
जमीन के रास्ते भारतीयों को लाया जा सकता है ईरान से बाहर
भारत सरकार ने सोमवार को एक बयान में कहा कि ईरान में मौजूद कुछ भारतीय छात्रों को ईरान के भीतर ही सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है तथा अन्य संभावित विकल्पों पर भी काम किया जा रहा है। इजरायली हमलों के बाद वहां फंसे भारतीयों को सुरक्षित निकालने के लिए भारत सरकार ने अभियान चलाया है। भारत के अनुरोध पर ईरान सरकार ने जवाब देते हुए कहा है कि देश में भले ही हवाई क्षेत्र फिलहाल बंद हो, लेकिन जमीन के रास्ते (लैंड बॉर्डर) पूरी तरह से खुले हैं और इन रास्तों से नागरिकों को बाहर ले जाया जा सकता है। ईरान के विदेश मंत्री ने भारत के इस मानवीय मिशन को मंजूरी देते हुए कहा है कि भारतीय छात्रों और नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए जरूरी सहयोग दिया जाएगा। ईरान सरकार ने अपने जवाब में कहा, ‘हालात को देखते हुए कई देशों ने अपने नागरिकों को बाहर निकालने के लिए आग्रह किया है। इसलिए हम कहना चाहते हैं कि सभी ज़मीनी सीमाएं पार करने के लिए खुली हैं।’
इजरायल का ‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’ तो ईरान का ‘ट्रू प्रॉमिस 3’
इजरायली सेना ने 13 जून की सुबह ईरान पर पहला हमला(Iran-Israel War) किया, जिसे ‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’ नाम दिया गय। इस ऑपरेशन के तहत इजरायल ने 200 से अधिक फाइटर जेट्स के के जरिए ईरान के 100 से ज़्यादा ठिकानों को निशाना बनाया। इनमें ज्यादातर ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकाने शामिल थे। ‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’ के जवाब में ईरान ने भी ऑपरेशन ‘ट्रू प्रॉमिस 3’ शुरू कर दिया है। इसके तहत उसने तेल अवीव और यरुशलम पर देर रात जबरदस्त मिसाइल अटैक कर दिया। यही नहीं इजरायल पर लेबनान और जॉर्डन की तरफ से भी हमला किया गया है। इसके बाद इजरायल ने दोबारा ईरान पर एयर स्ट्राइक शुरू कर दिया। इजरायली डिफेंस फोर्स ने गुरुवार तड़के ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकानों को टारगेट किया था, जिसमें ईरान को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। ईरान में 78 लोगों की मौत हो गई है और 350 लोग घायल हैं। दोनों देशों के बीच जंग लगातार जारी है।
