क़ुद्स फोर्स का कमांडर सईद इजादी ढेर – क्या था सच और अब तक क्या हुआ?
1. ताज़ा खबर – क्या हुआ?
21 जून 2025 की रात इज़राइल ने अपने एयरस्ट्राइक अभियान के तहत क़ौम, ईरान में सटीक हमला करके क़ुद्स फोर्स के वरिष्ठ कमांडर ब्रिगेडियर जनरल सईद इजादी को मार गिराया । इज़ादि IRGC की वो शख्सियत थे जिन्हें हामास को धन और हथियार भेजने का ठेका था—विशेष रूप से अक्टूबर 2023 के हमले से पहले । IDF का दावा है कि यह एक “बड़ी खुफिया सफलता” थी जिसने “Axis of Resistance” को झटका दिया ।
इसी दौरान एक और कमांडर बहनाम शाह्रियारी, जो हथियार भेजने के लिए जाना जाता था, उसे भी इज़राइल द्वारा मारा गया, साथ ही ड्रोन यूनिट का एक प्रमुख भी इंटरसेप्ट हुआ ।
2. मिसाइल और प्रतिशोध का दौर
इज़ादी हत्याकांड को जवाब़ में, ईरान ने इज़राइल पर मिसाइल और ड्रोन हमलों की बौछार कर दी। हालांकि अधिकांश हमले आयरन डोम और अन्य सिस्टम द्वारा इंटरसेप्ट किए गए, लेकिन बेएर्शेबा, तेल अवीव और अन्य क्षेत्रों में नुकसान की खबरें आईं, जिसमें 24 नागरिक मारे गए । वहीं, ईरान में अब तक करीब 430–639 लोग मारे जा चुके हैं और 3,500 से अधिक घायल साबित हुए ।
3. सईद इज़ादी – कौन थे वो?
- 1964 में जन्म, क़ौम मूल निवासी ।
- इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग पढ़ाई, बाद में IRGC में शामिल ।
- Palestine Corps के प्रमुख और Axis of Resistance की रीढ़; हामास, हिज़्बोल्लाह, हूती जैसे ग्रुप्स को प्रशिक्षण और हथियार मिलते थे उसके नेटवर्क से।
- अक्टूबर 2023 हमले से पहले $100–350 मिलियन सालाना इस नेटवर्क के जरिए हामास को भेजे गए ।
4. वैश्विक प्रतिक्रिया और कूटनीति
इज़राइल ने इस हत्याकांड को “सक्रिय परमाणु और मिसाइल क्षमता को रोकने वाला एटॉमिक स्केल” बताया । इस बीच यूएस राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि वह दो हफ्तों में अमेरिका के हमले पर निर्णय लेंगे ।
ईरानी विदेश मंत्री ने कहा कि “हम स्पष्ट कर चुके हैं कि हम हमले के बीच परमाणु वार्ता नहीं करेंगे” । वहीं, ईरान का कहना है कि इसका परमाणु कार्यक्रम शांति के उद्देश्य से है।
दुनिया भर — यूएन, यूरोपीय संघ, तुर्की, रूस, चीन समेत — संघर्ष की आंच पर नज़दीकी से नजर बनाए हुए हैं, लेकिन फिलहाल कोई कूटनीतिक हल नज़र नहीं आ रहा ।
5. मानवीय दृष्टिकोण – दर्द और प्रश्न
- परिवार का डर: इज़ादी की हत्या एक राजनीतिक सफलता थी; लेकिन इसकी कीमत उसके परिवार और बच्चों की ज़िंदगी पर क्या हुई? मौत की चुप्पी में ग़म सबसे बड़ा सवाल है।
- सिविलियन पीड़ित: मिसाइलों का असर आम नागरिकों पर पड़ा; अस्पताल में बम का अंजाम और बच्चों की मौत से मानवता की कीमत उभरती है ।
- अराजकता की कगार: मिसाइल हमले और हत्याकांडें, दोनों ही मध्य-पूर्व में अशांति फैला रही हैं। क्या ये केवल एक युद्ध है या एक व्यापक मानवाधिकार संकट?
6. क्या हुआ अपराध और क्या आएगा भविष्य?
घटना | विवरण |
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वध की प्रक्रिया | इज़राइल का संयुक्त ऑपरेशन—तेरक edibenny और खुफिया– के तहत निरीक्षण पूर्वक हुआ । |
ईरानी जवाब | मिसाइलों और ड्रोन की बारिश; कोई बड़े उलटे-सीधे लक्ष्य नहीं; आयरन डोम ने सफलता पाई । |
कूटनीतिक दबाव | वार्ता रुक गई; अमेरिकी हस्तक्षेप की खटास बढ़ रही; तीसरी सप्ताह की संभावना । |
क्षेत्रीय प्रभाव | मिसाइल बरसात से संयुक्त राज्य अमेरिका, यूएई और तुर्की सतर्क ● चीन-रूस की मध्यस्थता की पुकार । |
7. निष्कर्ष – मानवता, राजनीति और अगला कदम
सईद इज़ादी का वध केवल एक ‘लक्ष्य’ को खत्म करना नहीं था, बल्कि वह मध्य-पूर्व में सत्ता, मानस और वैचारिक आक्रोश की एक साज़िश थी। लेकिन इसके पीछे छुपे इंसानी चेहरे उस चट्टान की तरह हैं जिन्हें हम अक्सर नजरअंदाज़ कर देते हैं:
- इज़ादी के करीबी, जिन्होंने उसकी कमी महसूस की होगी;
- मासूम पुरुष और महिलाएं, जो मिसाइल शिकार बने;
- विश्व समुदाय, जो संभवतः अब परमाणु-और-अतिरिक्त हिंसा रोकने की मजबूरी महसूस कर रहा है।
इस हमले का सबसे बड़ा सवाल यही है: क्या राजनीति अब मानवता से ऊपर हो गई है? क्या पत्थर की राजनीति की कीमत ज़िंदगी है?
✍️ आपकी सोच जानना चाहूंगा
- क्या आपने कभी सोचा है कि इस तरह के इमरजेंसी-टार्गेटेड हत्याकांड का असली राहत क्या हो सकता है?
- क्या राजनीति और मानवता एक ही सिक्के के दो पहलू हैं—या उनकी जंग ख़त्म हो सकती है?
- क्या अब समय आ गया है—एक ऐसे वैश्विक मानवीय रुख की जो युद्ध से पहले संवाद तवज्जो दे?
क़ुद्स फोर्स का कमांडर सईद इजादी ढेर- ईरान का लगा बड़ा झटका!
