अमेरिका की एयरस्ट्राइक में तबाह हो गए परमाणु ठिकाने, अब क्या करेगा ईरान?
✍️ एक आम नागरिक की कलम से
जब दुनिया इज़रायल और ग़ज़ा के युद्ध में उलझी थी, ठीक उसी समय एक और विस्फोट ने पूरी वैश्विक राजनीति को हिलाकर रख दिया। अमेरिका ने रात के अंधेरे में एक बड़ा कदम उठाया और ईरान के अंदर मौजूद परमाणु ठिकानों पर सीधी एयरस्ट्राइक कर दी।
ये कोई आम सैन्य कार्रवाई नहीं थी — यह वो पल था जिसने दुनिया को तीसरे विश्वयुद्ध के मुहाने तक ला खड़ा किया। सवाल अब सिर्फ इतना नहीं है कि ईरान क्या करेगा, सवाल यह है कि क्या हम एक और वैश्विक युद्ध की ओर बढ़ रहे हैं?
क्या हुआ बीती रात?
बीती रात (स्थानीय समय अनुसार), ईरान के फोर्दो (Fordow) और नतांज़ (Natanz) स्थित दो प्रमुख परमाणु सुविधाओं पर जबरदस्त धमाके हुए। इन जगहों को ईरान की सबसे सुरक्षित और अंडरग्राउंड न्यूक्लियर साइट्स माना जाता था। लेकिन अमेरिका के B-2 स्टेल्थ बॉम्बर्स ने इन पर “बंकर बस्टर” बमों की बौछार कर दी। इन बमों को खासतौर पर जमीन के अंदर बने किले जैसे ढांचों को नष्ट करने के लिए तैयार किया गया है।
कुछ ही मिनटों में, जिन ठिकानों को ईरान ने वर्षों से छुपाकर रखा था, वे मलबे में तब्दील हो गए।
अमेरिका ने क्यों किया यह हमला?
पिछले कुछ महीनों से ईरान पर ये आरोप लगते रहे हैं कि वह गुपचुप तरीके से यूरैनियम संवर्धन (Uranium Enrichment) की दर बढ़ा रहा है। अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के मुताबिक, ईरान अब उस स्तर के करीब पहुंच गया था, जिससे परमाणु बम बनाना संभव हो जाता।
अमेरिका ने इस बार संयम नहीं बरता। व्हाइट हाउस ने हमले के बाद बयान जारी करते हुए कहा:
“हमने यह कार्रवाई वैश्विक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए की है। हम परमाणु हथियारों के प्रसार को बर्दाश्त नहीं करेंगे, खासकर जब वह आतंकवाद के समर्थन में इस्तेमाल हो सकता है।”
ईरान की प्रतिक्रिया: “यह युद्ध की घोषणा है”
ईरानी विदेश मंत्रालय ने अमेरिका के इस कदम को “जंग की सीधी घोषणा” करार दिया है। ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने एक आपात बैठक बुलाकर सैन्य प्रमुखों को “तैयार रहने” का आदेश दिया है।
तेहरान की सड़कों पर प्रदर्शन शुरू हो चुके हैं। हर पोस्टर, हर भाषण में एक ही बात – “बदला ज़रूर लिया जाएगा।”
अब आगे क्या हो सकता है?
1. सीधी टकराव की संभावना
ईरान सीधे अमेरिका या इज़रायल के किसी बेस पर मिसाइल हमला कर सकता है। इससे मध्य-पूर्व में युद्ध भड़क सकता है, जिसमें यमन, सीरिया, इराक और लेबनान जैसे देश भी शामिल हो सकते हैं।
2. छद्म युद्ध (Proxy War)
ईरान अपने सहयोगी गुटों — जैसे हूती विद्रोही, हिज़बुल्लाह या इराकी मिलिशिया के ज़रिए अमेरिका और इज़रायल के खिलाफ हमले करवा सकता है।
3. वैश्विक प्रभाव
इस हमले का असर केवल सैन्य स्तर पर नहीं बल्कि आर्थिक मोर्चे पर भी साफ दिखेगा:
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तेल की कीमतें आसमान पर जा सकती हैं
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ग्लोबल सप्लाई चेन बाधित हो सकती है
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भारत जैसे देशों पर कच्चे तेल की कीमतों से लेकर व्यापारिक मार्गों तक असर पड़ेगा
क्या यह तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत है?
सीधे तौर पर कहें तो नहीं, लेकिन यह कदम उस दिशा में पहला बड़ा कदम जरूर माना जा सकता है। अमेरिका ने सीधे तौर पर ईरान के आंतरिक सैन्य ठिकानों पर हमला कर दिया है — और यह अब केवल “डिप्लोमैसी” का मामला नहीं रहा।
अब स्थिति बहुत नाजुक है। एक और गलत कदम और मध्य-पूर्व की आग पूरी दुनिया में फैल सकती है।
यह हमला एक नया अध्याय है – खतरनाक, अप्रत्याशित और शायद विनाशकारी।
ईरान की जवाबी कार्रवाई कितनी बड़ी होगी, यह कहना जल्दबाज़ी होगी। लेकिन इतना तो तय है कि अब मध्य-पूर्व पहले जैसा शांत नहीं रहेगा। यह सवाल अब हर इंसान के ज़हन में है:
“क्या हम इतिहास दोहराने जा रहे हैं?”
अमेरिका की एयरस्ट्राइक में तबाह हो गए परमाणु ठिकाने, अब क्या करेगा ईरान?
