ईरान की न्यूक्लियर साइट्स पर अमेरिका के हमले के बाद दुनिया के विभिन्न देशों का रिएक्शन आना शुरू हो चुका है। ब्रिटेन ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमलों को सही ठहराया है और कहा है कि अब ईरान को बातचीत की मेज पर आगे आना चाहिए। वहीं सऊदी अरब ने कहा है कि अमेरिकी स्ट्राइक के बाद ईरान में रेडिएशन का कोई खतरा नहीं है। सऊदी अरब ने कूटनीतिक वार्ता के जरिये समाधान की वकालत की है। पाकिस्तान ने भी ईरान पर अमेरिका के हमले की कड़े शब्दों में निंदा की है। पाकिस्तान ने कहा है कि अमेरिका का यह हमला अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है। ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला गलत है। पाकिस्तान के अलावा सऊदी अरब, क्यूबा और चिली ने भी इस हमले की निंदा की है। वहीं, यूके और यूरोपियन यूनियन ने अमेरिका के इस हमले को सही बताया है।
ओमान-चीन ने भी अमेरिकी हमले की निंदा
ओमान ने खुले तौर पर ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमले की निंदा की है। बता दें कि ओमान ईरान और अमेरिका के बीच चल रही परमाणु वार्ता में मध्यस्थता की भूमिका भी निभा रहा था। ओमान ने इस हमले को गलत ठहराते हुए तनाव कम करने का आह्वान किया है। ईरान पर अमेरिकी हमले का चीन ने भी रिएक्शन दिया है। चीन के सरकारी मीडिया ने सवाल किया कि क्या अमेरिका ईरान में वही गलती दोहरा रहा है, जो उसने इराक में की थी। चीन के सरकारी प्रसारक की विदेशी भाषा शाखा ‘सीजीटीएन’ के ऑनलाइन लेख में कहा गया है कि अमेरिकी हमले एक खतरनाक मोड़ को दर्शाते हैं। लेख में 2003 में इराक पर अमेरिकी आक्रमण का हवाला देते हुए कहा गया है, “इतिहास ने बार-बार दिखाया है कि पश्चिम एशिया में सैन्य हस्तक्षेप के अक्सर अनपेक्षित परिणाम होते हैं, जिसमें लंबे समय तक संघर्ष और क्षेत्रीय अस्थिरता जारी रहना शामिल है।”
संयुक्त राष्ट्र महासचिव भी इस हमले से चिंतित
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा है कि वह ईरान के परमाणु केंद्रों पर अमेरिका के बम हमलों से बेहद चिंतित हैं। गुतारेस ने एक बयान में कहा, ‘‘इस बात का जोखिम है कि यह संघर्ष तेजी से नियंत्रण से बाहर हो सकता है जिसके नागरिकों, क्षेत्र और दुनिया के लिए विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं।’’ उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा,‘‘मैं सदस्य देशों से तनाव कम कराने की अपील करता हूं। इसका कोई सैन्य समाधान नहीं है। कूटनीति ही कोई हल निकाल सकती है।’’
अमेरिका ने ईरान के तीन ठिकानों पर किया हमला
रविवार तड़के सुबह अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक सोशल मीडिया पोस्ट कर बताया था कि अमेरिका ने ईरान के तीन ठिकानों पर हमला किया है। ट्रंप ने अमेरिकी सेना के इस हमले के बाद राष्ट्र के नाम संबोधन भी दिया था। इस संबोधन में उन्होंने कहा कि था कि ये हमला जरूरी था। हम चाहते हैं कि अब ईरान शांति के लिए आगे आए। साथ ही उन्होंने कहा कि अमेरिका ने आज वो करके दिखाया जो कोई दूसरा देश कभी सोच भी नहीं सकता था। अमेरिकी हमलों से बौखलाए ईरान ने जवाबी कार्रवाई करते हुए रविवार (22 जून, 2025) को इजरायल के कई ठिकानों के साथ-साथ तेल अवीव के पास गुरियन एयरपोर्ट पर हमला किया। ईरान ने हाइफा और तेल अवीव में दो बैचों में 27 मिसाइलें दागीं, जिसमें कम से कम 11 लोग घायल हो गए। इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स ने कहा कि उन्होंने तेल अवीव के पास बेन गुरियन हवाई अड्डे को भी निशाना बनाया।
