ईरान के टॉप कमांडर की हत्या में पाकिस्तानी फील्ड मार्शल आसिम मुनीर का नाम, क्या बढ़ेगा ईरान-पाक तनाव?
13 जून 2025 की सुबह जब दुनिया रोज़ की तरह अपने काम में लगी थी, तभी एक खबर ने पूरे मध्य-पूर्व में हलचल मचा दी — ईरान के शीर्ष सैन्य कमांडर मोहम्मद हुसैन बकरी की हत्या। यह कोई आम घटना नहीं थी। बकरी, ईरान की सैन्य योजना और खुफिया नेटवर्क का केंद्र बिंदु माने जाते थे। लेकिन इस हत्या से भी ज्यादा चौंकाने वाली बात यह रही कि इस ऑपरेशन में पाकिस्तान के फील्ड मार्शल और सेना प्रमुख आसिम मुनीर का नाम सामने आया।
अब सवाल उठता है — क्या यह हत्या एक सुनियोजित इंटरनेशनल मिलिट्री कांस्पिरेसी का हिस्सा थी? और अगर हां, तो इसमें पाकिस्तान की भूमिका क्या रही?
🛑 कौन थे मोहम्मद हुसैन बकरी?
जनरल मोहम्मद हुसैन बकरी ईरान के सैन्य प्रतिष्ठान में बेहद अहम चेहरा थे। उन्हें:
- IRGC (Islamic Revolutionary Guard Corps) की रणनीतिक रीढ़ माना जाता था।
- इजरायल और अमेरिका विरोधी अभियानों के “आर्किटेक्ट” के रूप में जाना जाता था।
- हिज़्बुल्लाह, सीरिया और यमन में मिलिट्री नेटवर्क के संयोजक के तौर पर कार्यरत थे।
बकरी की हत्या ईरान के लिए सिर्फ एक सैन्य क्षति नहीं, बल्कि मनोवैज्ञानिक और रणनीतिक झटका भी है।
🔥 हत्या कैसे हुई?
13 जून की सुबह, दमिश्क के बाहरी इलाके में स्थित एक सुरक्षा-संचालित भवन पर सटीक मिसाइल स्ट्राइक हुई। बताया जा रहा है कि:
- यह हमला एक ड्रोन और सैटेलाइट इंटेलिजेंस के सहयोग से किया गया।
- बकरी की लोकेशन और मूवमेंट पहले से ट्रैक की जा रही थी।
- हमले में केवल वही निशाना बने, जिससे यह Targeted Assassination प्रतीत होती है।
इसके बाद अमेरिकी और इजरायली मीडिया में खुफिया रिपोर्ट्स लीक हुईं, जिनमें यह दावा किया गया कि इस ऑपरेशन को सफल बनाने में पाकिस्तान से लोकेशन डेटा साझा किया गया।
🇵🇰 फील्ड मार्शल आसिम मुनीर का नाम क्यों आ रहा है?
आसिम मुनीर, पाकिस्तान के मौजूदा सेना प्रमुख और फील्ड मार्शल हैं। उनकी गिनती उन लोगों में होती है जो:
- अमेरिका और पश्चिमी देशों के साथ गुप्त समझौतों में सक्रिय रहे हैं।
- आतंकवाद विरोधी ऑपरेशनों में अमेरिकन इंटेलिजेंस के साथ समन्वय कर चुके हैं।
- इज़रायल से प्रत्यक्ष संबंध न होने के बावजूद, गुप्त संवाद के आरोप झेल चुके हैं।
सूत्रों के अनुसार, ईरान की मिलिट्री खुफिया एजेंसी का दावा है कि बकरी की मूवमेंट रिपोर्ट्स मुनीर के माध्यम से अमेरिका को भेजी गईं, और वहीं से इज़रायल ने एक्शन लिया।
🤯 ईरान-पाकिस्तान संबंधों पर असर
इस घटनाक्रम ने दोनों देशों के रिश्तों में अविश्वास की दरार पैदा कर दी है। अब तक:
- तेहरान में पाक राजदूत को तलब किया गया है।
- ईरानी संसद में कुछ सांसदों ने पाकिस्तान को “इस्लामी दुनिया का विश्वासघाती” करार दिया है।
- सोशल मीडिया पर #TraitorMunir और #JusticeForBakri जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।
पाकिस्तानी मीडिया पूरी तरह से इस खबर को दबाने में लगी हुई है, जबकि अंतरराष्ट्रीय प्लेटफॉर्म पर यह मुद्दा गर्म है।
🌍 अंतरराष्ट्रीय रणनीति के मायने
अगर यह सिद्ध होता है कि पाकिस्तान ने जानबूझकर ईरानी सैन्य अधिकारी की जान खतरे में डाली, तो:
- इस्लामिक गठबंधन (OIC) में पाकिस्तान की स्थिति कमजोर हो सकती है।
- चीन और रूस, जो ईरान के नज़दीकी हैं, पाकिस्तान से दूरी बना सकते हैं।
- भारत के लिए यह एक रणनीतिक अवसर बन सकता है कि वह ईरान से संबंध मज़बूत करे।
🇮🇳 भारत का क्या स्टैंड हो?
भारत ने इस पर कोई सीधा बयान नहीं दिया है, लेकिन विदेश मंत्रालय की एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा:
“हम स्थिति पर नज़र बनाए हुए हैं। किसी भी अस्थिरता का असर ऊर्जा सुरक्षा पर पड़ सकता है।”
यह बयान बताता है कि भारत फिलहाल चुपचाप हालात का आकलन कर रहा है, और अगर वक्त आया, तो ईरान की तरफ झुकाव बढ़ा सकता है।
बकरी की हत्या और उसमें आसिम मुनीर का नाम सामने आना केवल एक व्यक्ति की मौत नहीं, बल्कि एक कूटनीतिक भूकंप है। पाकिस्तान को अब ईरान, अरब जगत और शायद चीन जैसे साझेदारों को जवाब देना होगा।
और भारत जैसे देश को यह देखना होगा कि इस भू-राजनीतिक खेल में कैसे चाल चली जाए — बिना किसी नुकसान के, लेकिन रणनीतिक लाभ के साथ।
ईरान के टॉप कमांडर की हत्या में पाकिस्तानी फील्ड मार्शल आसिम मुनीर का नाम, क्या बढ़ेगा ईरान-पाक तनाव?
