12 दिन का युद्ध खत्म हुआ… ट्रंप ने किया ईरान-इजरायल के बीच सीजफायर का ऐलान
जब चारों ओर सिर्फ धमाके थे, आकाश में सिर्फ धुएं थे, और दिलों में सिर्फ डर… ऐसे समय में एक आवाज़ आई – “युद्ध खत्म हुआ।” और यह आवाज़ आई डोनाल्ड ट्रंप की ओर से।
जी हां, आज दुनिया के लिए बड़ी खबर ये है कि ईरान और इजरायल के बीच 12 दिन से चल रहा भीषण युद्ध आखिरकार थम गया है। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऐलान किया कि दोनों देशों के बीच पूर्ण और अंतिम सीजफायर पर सहमति बन गई है। उन्होंने कहा कि अगले 24 घंटे के भीतर यह सीजफायर पूरी तरह लागू होगा और युद्धविराम की स्थिति कायम रहेगी।
🔥 कैसे शुरू हुआ ये युद्ध?
12 दिन पहले, जब इजरायल ने ईरान के एक कथित परमाणु ठिकाने पर एयरस्ट्राइक की थी, तो मध्य पूर्व की ज़मीन फिर से बारूद बन गई थी। जवाबी हमलों में ईरान ने इजरायल के कई सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि कतर, बहरीन और कुवैत तक इसके असर महसूस होने लगे।
हर दिन की खबरों में सिर्फ मिसाइल, बंकर बस्टर बम, ड्रोन हमले और सेना की तैनाती थी। आम जनता के लिए बिजली, पानी और इंटरनेट जैसी ज़रूरतें भी छिन गई थीं। लाखों लोग विस्थापित हुए, हजारों घायल और सैकड़ों की जान गई।
🕊️ ट्रंप कैसे बने सीजफायर के सूत्रधार?
हालांकि ट्रंप इस समय राष्ट्रपति नहीं हैं, लेकिन उनका पश्चिम एशिया में एक मजबूत नेटवर्क और प्रभाव है। कूटनीतिक सूत्रों के अनुसार, ट्रंप ने दोनों देशों के नेतृत्व से सीक्रेट बातचीत की और एक गोपनीय समझौते को तैयार किया।
इस समझौते के तहत:
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दोनों देश कोई भी आक्रामक सैन्य कार्रवाई नहीं करेंगे।
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अंतरराष्ट्रीय निरीक्षकों की निगरानी में प्रभावित क्षेत्रों में मानवता सहायता पहुंचाई जाएगी।
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भविष्य में विवादों को सुलझाने के लिए संयुक्त वार्ता तंत्र बनाया जाएगा।
📸 सोशल मीडिया पर क्या हो रहा है?
सीजफायर की खबर आते ही ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर #Ceasefire, #IranIsraelPeace और #TrumpBrokerPeace ट्रेंड करने लगे। कुछ लोग ट्रंप की तारीफ कर रहे हैं तो कुछ इसे “अस्थायी और दिखावटी” कदम बता रहे हैं।
एक यूज़र ने लिखा:
“शांति की कोई भी कोशिश बेमतलब नहीं होती। अगर ट्रंप ने ये करवाया है तो उनका धन्यवाद बनता है।”
वहीं, एक और यूज़र का कहना था:
“जब तक दोनों देशों की नीतियां नहीं बदलतीं, तब तक यह युद्ध कभी भी फिर से शुरू हो सकता है।”
🧩 अब आगे क्या?
सीजफायर लागू हो जाएगा, लेकिन इसके बाद क्या? क्या यह संघर्ष सच में थम जाएगा या सिर्फ कुछ महीनों की शांति के बाद फिर से युद्ध शुरू होगा?
संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ ने इस पहल का स्वागत किया है, लेकिन उन्होंने यह भी चेताया है कि “शांति सिर्फ कागज पर नहीं, ज़मीन पर होनी चाहिए।”
भारत, जिसने इस संघर्ष के दौरान तटस्थ रहते हुए सभी पक्षों से संयम बरतने की अपील की थी, उसने भी ट्रंप की पहल को “सकारात्मक शुरुआत” बताया है।
🗣️ एक आम इंसान की उम्मीद
एक आम इंसान के लिए इस युद्ध का मतलब था – बम, डर और बेघर हो जाना। और अब इस सीजफायर की उम्मीद है – वापस घर जाना, बच्चों को स्कूल भेजना, और रात को चैन से सोना।
हम, जो युद्ध नहीं करते, लेकिन उसकी सबसे बड़ी कीमत चुकाते हैं… हमें बस यही चाहिए – थोड़ी सी शांति, थोड़ी सी उम्मीद।
