विज्ञापन के लिए संपर्क करें

Israel-Iran War: ‘ईरान का न्यूक्लियर प्रोग्राम नहीं रुकेगा’ – AEOI ने ट्रंप के दावे को बताया गलत

ईरान का न्यूक्लियर प्रोग्राम .png

Israel-Iran War LIVE: ‘ईरान का न्यूक्लियर प्रोग्राम नहीं रुकेगा’ – AEOI ने ट्रंप के दावे को बताया गलत


जैसे-जैसे ईरान और इज़राइल के बीच चल रही जंग का पारा चढ़ता जा रहा है, वैसे-वैसे कूटनीतिक मोर्चे पर भी हलचल तेज हो गई है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में दावा किया था कि एक सीज़फायर समझौते के तहत ईरान अपने न्यूक्लियर कार्यक्रम पर रोक लगाने के लिए तैयार हो गया है। लेकिन अब इस दावे को ईरान की एटॉमिक एनर्जी ऑर्गनाइजेशन (AEOI) ने पूरी तरह से खारिज कर दिया है।

AEOI के प्रवक्ता ने साफ शब्दों में कहा है कि:

“हमारा परमाणु कार्यक्रम शांति और विज्ञान के लिए है। यह हमारी संप्रभुता का हिस्सा है और किसी भी बाहरी दबाव में इसे नहीं रोका जाएगा।”

यानी बात साफ है – ईरान झुकेगा नहीं।


⚔️ युद्ध थमा नहीं है, बस मोर्चे बदले हैं

सीजफायर की खबरें ज़रूर आई हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। बीती रात फिर एक बार अमेरिकी एयरबेस पर मिसाइल हमला हुआ है। यह हमला इराक़ और कुवैत के बीच बने गठबंधन बेस पर हुआ, जिसे अमेरिकी सेनाओं का अहम लॉजिस्टिक हब माना जाता है।

इस हमले के बाद, कतर ने फौरन खाड़ी सहयोग परिषद (Gulf Cooperation Council – GCC) की आपात बैठक बुलाई है।


🛑 GCC की इमरजेंसी मीटिंग – तनाव की गंभीरता

कतर की राजधानी दोहा में बुलाई गई इस बैठक में शामिल होने के लिए सऊदी अरब, यूएई, बहरीन, ओमान और कुवैत के विदेश मंत्रियों को बुलाया गया है। GCC सूत्रों के अनुसार, मीटिंग का मुख्य एजेंडा है:

  • अमेरिकी बेस पर हुए हमलों की समीक्षा

  • क्षेत्रीय सुरक्षा की रणनीति तय करना

  • ईरान-इज़राइल संघर्ष के फैलते दायरे को रोकना

एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा:

“अब मामला सिर्फ इज़राइल और ईरान के बीच नहीं है, यह पूरे खाड़ी क्षेत्र की सुरक्षा से जुड़ा हुआ है। हमें सामूहिक जवाब देना होगा।”


🇮🇱 इज़राइल की स्थिति

इज़राइली सरकार ने अभी तक सीज़फायर को पूरी तरह से स्वीकार नहीं किया है। देश में हाई अलर्ट जारी है। गाजा, सीरिया और लेबनान बॉर्डर पर बड़ी मात्रा में सैनिकों की तैनाती कर दी गई है।

प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक टीवी संबोधन में कहा:

“हम ईरान की धमकियों से नहीं डरते। अगर ज़रूरत पड़ी तो एक बार फिर निर्णायक जवाब देंगे।”


🇮🇳 भारत की चिंता बढ़ी

भारत के लिए यह तनाव कई मायनों में खतरनाक है:

  • ऊर्जा आपूर्ति बाधित हो सकती है

  • प्रवासी भारतीयों की सुरक्षा खतरे में है

  • तेल की कीमतें आसमान छू रही हैं

  • कूटनीतिक संतुलन बनाना चुनौती बनता जा रहा है

विदेश मंत्रालय ने एक बार फिर सभी पक्षों से “संयम और वार्ता” की अपील की है।


🌍 वैश्विक प्रतिक्रियाएं

  • संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि वह “मध्यस्थता के लिए तैयार” है।

  • यूरोपीय संघ ने ट्रंप के दावे को “अनाधिकारिक और भ्रमित करने वाला” बताया है।

  • रूस ने ईरान का समर्थन करते हुए कहा कि “न्यूक्लियर कार्यक्रम रोकने की मांग असंवैधानिक दबाव है।”


📢 जनता क्या सोच रही है?

सोशल मीडिया पर लोग अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं:

“ईरान को झुकाने की कोशिश करना बेकार है। वो अपने हक की लड़ाई लड़ रहा है।”

“ट्रंप सिर्फ बयानबाज़ी कर रहे हैं, ग्राउंड पर कोई असर नहीं दिख रहा।”

“अब वक्त है कि खाड़ी देश खुद शांति की पहल करें, अमेरिका पर निर्भर रहना नुकसानदायक है।”


✍️ निष्कर्ष: क्या ये संघर्ष रुक पाएगा?

ईरान ने साफ कर दिया है कि वो किसी दबाव में नहीं आने वाला। अमेरिका और इज़राइल अभी भी आक्रामक मुद्रा में हैं। ऐसे में GCC की बैठक से कूटनीतिक समाधान निकलेगा या सिर्फ बयानबाज़ी होगी, ये आने वाला समय बताएगा।

newsviewss
Author: newsviewss

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *