राजकुमार राव बनेंगे सौरव गांगुली: परदे पर आएगी ‘दादा’ की दास्तान, बोले – “थोड़ा नर्वस हूं, लेकिन गर्व भी है”
जब कोई कलाकार किसी ऐसे किरदार को निभाने का फैसला करता है जो सिर्फ एक इंसान नहीं, बल्कि करोड़ों दिलों की धड़कन हो — तो उसमें घबराहट होना लाजिमी है। और यही हुआ राजकुमार राव के साथ, जब उन्होंने आधिकारिक रूप से पुष्टि की कि वे पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान सौरव गांगुली की बायोपिक में मुख्य भूमिका निभाने जा रहे हैं।
यह खबर सामने आते ही सोशल मीडिया पर मानो तूफान सा आ गया। फैंस की उम्मीदें, सिनेप्रेमियों की चर्चा और क्रिकेट लवर्स की एक्साइटमेंट — सब एक साथ देखने को मिले।
🎬 क्यों है यह बायोपिक खास?
सौरव गांगुली — जिन्हें प्यार से “दादा” कहा जाता है — न केवल भारतीय क्रिकेट के आक्रामक युग की शुरुआत के प्रतीक हैं, बल्कि टीम इंडिया के आत्मसम्मान और आत्मविश्वास के भी रचनाकार माने जाते हैं।
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उन्होंने स्टीव वॉ की ऑस्ट्रेलियाई टीम को आंखों में आंखें डाल कर जवाब दिया।
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2002 नेटवेस्ट ट्रॉफी में लॉर्ड्स की बालकनी में टी-शर्ट लहराने वाला दृश्य आज भी हर भारतीय के जेहन में ताजा है।
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युवराज, सहवाग, हरभजन, धोनी जैसे सितारों को मौका देने वाले वही “दादा” थे।
ऐसे में उनके जीवन को पर्दे पर उतारना आसान नहीं। लेकिन अगर कोई कलाकार इस जिम्मेदारी को निभा सकता है, तो वह राजकुमार राव ही हैं।
🗣️ राजकुमार राव ने क्या कहा?
एक इंटरव्यू में राजकुमार राव ने कहा:
“मैं इस रोल को पाकर बहुत सम्मानित महसूस कर रहा हूं। सौरव गांगुली सिर्फ एक क्रिकेटर नहीं हैं, वह एक युग हैं। मैं थोड़ा नर्वस हूं, लेकिन उतना ही गर्व भी है कि मुझे ये जिम्मेदारी दी गई है।”
राजकुमार ने आगे कहा कि वे इस भूमिका के लिए गहन प्रशिक्षण ले रहे हैं — सिर्फ क्रिकेट सीखने के लिए नहीं, बल्कि गांगुली की बॉडी लैंग्वेज, सोच और स्वभाव को आत्मसात करने के लिए।
🏏 बायोपिक में क्या-क्या देखने को मिलेगा?
हालांकि फिल्म की स्क्रिप्ट पर अभी पूरी तरह से पर्दा है, लेकिन अंदरूनी सूत्रों की मानें तो इसमें शामिल होंगे:
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सौरव गांगुली का बचपन और कोलकाता के मैदानों से शुरुआत,
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1992 में उनका पहला अंतरराष्ट्रीय मैच,
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1996 में लार्ड्स में किया गया शानदार डेब्यू,
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कप्तानी की शुरुआत और टीम को फिर से खड़ा करना,
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ग्रेग चैपल विवाद,
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और अंत में एक शानदार रिटायरमेंट।
यह फिल्म न केवल क्रिकेट फैंस के लिए ट्रीट होगी, बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा बनेगी जो कठिनाइयों के बीच भी नेतृत्व करना सीखना चाहता है।
🎭 क्यों चुने गए राजकुमार राव?
राजकुमार राव आज के दौर के सबसे वर्सेटाइल और डेडिकेटेड एक्टर्स में गिने जाते हैं। चाहे वो ‘शाहिद’ का सामाजिक संघर्ष हो या ‘न्यूटन’ की ईमानदारी, ‘बरेली की बर्फी’ का सरल प्रेमी हो या ‘स्त्री’ का कॉमिक अंदाज — राजकुमार हर रोल में सच्चाई और आत्मा भर देते हैं।
गांगुली जैसे किरदार के लिए सिर्फ क्रिकेट सीख लेना ही काफी नहीं होता, उस नेतृत्व की गहराई, संघर्ष की पीड़ा और आत्मविश्वास की ऊर्जा भी ज़रूरी होती है — और यही चीज़ राजकुमार में दिखाई देती है।
🎥 फिल्म से उम्मीदें और चुनौतियाँ
बायोपिक का निर्देशन करने जा रहे हैं एक ऐसे निर्देशक जो पहले भी स्पोर्ट्स जॉनर में काम कर चुके हैं (नाम जल्द सामने आएगा)।
फिल्म की शूटिंग 2025 के अंत तक शुरू होगी, और 2026 की गर्मियों में इसके रिलीज़ की उम्मीद की जा रही है।
फिल्म की सबसे बड़ी चुनौती यही है कि यह केवल क्रिकेट पर आधारित न लगे, बल्कि एक इंसान की कहानी, गिरने और उठने की दास्तान बन कर उभरे — जैसा कि ‘एमएस धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी’ और ’83’ में देखने को मिला।
🇮🇳 एक दादा, एक कलाकार, और एक उम्मीद
राजकुमार राव और सौरव गांगुली — दोनों ही अपने-अपने क्षेत्र में ऐसे नाम हैं जिन्होंने मुश्किलों से जूझ कर खुद को साबित किया है। अब जब ये दोनों नाम एक ही मंच पर मिलेंगे, तो न केवल यह फिल्म एक हिट बनने की संभावना रखती है, बल्कि ये आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मिसाल भी बन सकती है।
