Air India की फ्लाइट AI-171 के अहमदाबाद में हुए भीषण हादसे को 14 दिन बीत चुके हैं। इस दुर्घटना में 260 लोगों की जान गई। अब तक 259 शवों की DNA टेस्ट के जरिए पहचान हो चुकी है, और अभी एक शव की पहचान नहीं हो सकी है। इस बीच Air India की फ्लाइट AI-171 के अहमदाबाद में हुए विमान हादसे को लेकर नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने बड़ा अपडेट जारी किया है। मंत्रालय के अनुसार, हादसे के बाद जांच तेजी से की जा रही है और दोनों ब्लैक बॉक्स (CVR और FDR) से अहम डाटा सफलतापूर्वक निकाल लिया गया है। अब इनकी जांच तकनीकी विशेषज्ञों की निगरानी में की जा रही है, ताकि हादसे के कारणों का स्पष्ट रूप से पता लगाया जा सके।
ब्लैक बॉक्स से निकाले गये डाटा की जांच की जा रही है
अभी दुर्घटनाग्रस्त Air India के विमान के कॉकपिट वायस रिकार्डर (सीवीआर) और फ्लाईट डाटा रिकार्डर (एफडीआर) से निकाले गये डाटा की जांच की जा रही है। जांच का काम दिल्ली स्थित एएआइबी के लैब में हो रहा है। इसकी जानकारी देते हुए नागरिक विमानन मंत्रालय ने बताया है कि सारे डाटा मिलने के बाद की दुर्घटना की गुत्थियों को सुलझाया जा सकेगा। सरकार ने यह भी कहा है कि दुर्घटना के कारणों की तह में जा कर ही यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि आगे इस तरह का हादसा नहीं हो।सीवीआर और वीडीआर को 13 जून, 2025 (दुर्घटना के एक दिन बाद) दुर्घटनास्थल के पास एक भवन के छत से प्राप्त किया गया था।
13 और 16 जून को दुर्घटना स्थल से बरामद किया गया ब्लैक बॉक्स
12 जून 2025 को अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन-गैटविक के लिए उड़ान भरने के 36 सेकंड बाद Air India का बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। विमान बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल ब्लॉक में जा गिरा, जिससे भयंकर विस्फोट और आग लग गई। इस हादसे में केवल एक यात्री, ब्रिटिश नागरिक विश्वासकुमार रमेश, जीवित बचे। विमान के दो एन्हांस्ड एयरबोर्न फ्लाइट रिकॉर्डर्स (EAFR), जिनमें कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) शामिल हैं, को 13 और 16 जून को दुर्घटना स्थल से बरामद किया गया। ये उपकरण 24 जून को भारतीय वायुसेना के विमान के जरिए दिल्ली स्थित विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) की प्रयोगशाला में लाए गए।
तकनीकी विशेषज्ञों ने शुरु की की ब्लैक बॉक्स से डाटा निकालने की प्रक्रिया
24 जून की शाम से ही AAIB और NTSB के तकनीकी विशेषज्ञों ने ब्लैक बॉक्स के डाटा निकालने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। इसके बाद 25 जून को मेमोरी मॉड्यूल से डाटा को सफलतापूर्वक डाउनलोड कर लिया गया। अब दोनों रिकॉर्डरों CVR और FDR के डाटा का बारीकी से विश्लेषण किया जा रहा है। जांच का उद्देश्य यह पता लगाना है कि हादसे से पहले विमान(Air India ) में क्या गतिविधियां चल रही थीं और क्या तकनीकी या मानवीय त्रुटि इसकी वजह बनी। फ्रंट ब्लैक बॉक्स से क्रैश प्रोटेक्शन मॉड्यूल (CPM) को सुरक्षित निकाला गया, और 25 जून को मेमोरी मॉड्यूल से डेटा सफलतापूर्वक डाउनलोड कर लिया गया। CVR और FDR डेटा का विश्लेषण अभी जारी है, जो हादसे के कारणों, जैसे इंजन फेल्योर, फ्यूल कंटैमिनेशन या मानवीय त्रुटि, को समझने में मदद करेगा।
