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जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान गुंडिचा मंदिर में भगदड़, 3 की मौके पर मौत, 50 से ज्यादा घायल, सीएम ने मांगी माफी

जगन्नाथ रथ यात्रा

पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के दौरान दर्दनाक हादसा हो गया। रविवार सुबह करीब 4:30 बजे, जब भक्त श्रीगुंडिचा मंदिर के सामने भगवान के दर्शन करने के लिए भारी संख्या में जमा हुए थे, उसी दौरान वहां काफी धक्का-मुक्की हुई। इसके बाद वहां भगदड़ मच गई। पुरी के श्रीगुंडिचा मंदिर के पास रविवार को मची भगदड़ में 3 लोगों की मौत हो गई। मृतकों की पहचान बसंती साहू, प्रेमकांत मोहंती और पार्वती दास के रूप में हुई है। वहीं, 50 से अधिक लोग घायल हो गए हैं।

श्रीगुंडिचा मंदिर के सामने ही हुआ हादसा

खबरों के मुताबिक,यह घटना शरधाबली के पास, श्रीगुंडिचा मंदिर के सामने हुई। जहां रविवार होने की वजह से आज सुबह करीब 4 बजे श्रीगुंडिचा मंदिर के सामने खड़े तीनों रथों पर चतुर्थ विग्रहों का दर्शन करने के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी थी। भारी भीड़ के कारण दर्शन के समय भीड़ को नियंत्रित करना मुश्किल हो गया और लोगों में धक्का-मुक्की शुरू हो गई। कुछ लोग जमीन पर गिर पड़े और भगदड़ की स्थिति बन गई। इसी दौरान 3 लोग भीड़ के नीचे दब गए और उनकी मौके पर ही मौत हो गई। सभी मृतक खुर्दा जिले के बताए जा रहे हैं। इसके अलावा 50 से ज्यादा लोग घायल भी हुए हैं। घायलों को तुरंत पुरी जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है।

सीएम मोहन चरण माझी ने भक्तों से माफी मांगी

पुरी मंदिर में भगदड़ से मची अफरातफरी के बाद ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने बयान जारी कर भगवान जगन्नाथ के भक्तों से इस दुखद घटना के लिए माफी मांगी है। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि “यह लापरवाही अक्षम्य है। सुरक्षा चूक की तत्काल जांच की जाएगी और मैंने निर्देश दिया है कि जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं।” ऐसे बड़े धार्मिक आयोजन में जहां लाखों लोग जुटते हैं, वहां भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा व्यवस्था की तैयारी पर सवाल उठने लगे हैं।

देश की सबसे बड़ी धार्मिक यात्राओं में से एक जगन्नाथ रथ यात्रा

पुरी की जगन्नाथ रथ यात्रा देश की सबसे बड़ी धार्मिक यात्राओं में से एक है। हर साल लाखों श्रद्धालु भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के दर्शन के लिए पुरी पहुंचते हैं। रथयात्रा के दौरान भगवान को श्रीमंदिर से बाहर लाकर श्रीगुंडिचा मंदिर तक ले जाया जाता है। जहां वे कुछ दिन विश्राम करते हैं। इसी यात्रा के बीच यह हादसा हुआ है।

Mayank Dwivedi
Author: Mayank Dwivedi

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