देश बाद में फ़िल्म पहले -“भारत में बैन, पाकिस्तान में ब्लॉकबस्टर: सरदार जी 3 “क्या दलजीत ने सही किया ?
✍️ एक दर्शक की नजर से:
कभी-कभी एक फिल्म सिर्फ एक कहानी नहीं होती — वो बन जाती है बहस, भावना और बॉक्स ऑफिस की ताकत। दिलजीत दोसांझ की ‘सरदार जी 3’ भी ऐसी ही एक फिल्म बन गई है, जो भले ही भारत में रिलीज नहीं हो सकी, लेकिन पाकिस्तान में बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचा रही है।
🎥 पाकिस्तान में पहली ही दिन बना रिकॉर्ड
‘सरदार जी 3’ को पाकिस्तान में पहले ही दिन से जबरदस्त रिस्पॉन्स मिल रहा है। सिनेमा हॉल के बाहर भीड़ उमड़ पड़ी, टिकट खिड़कियों पर लंबी लाइनें लगीं और कुछ शो तो फुल हाउस रहे।
सूत्रों के मुताबिक, यह अब तक पाकिस्तान में रिलीज़ हुई सबसे बड़ी भारतीय फिल्म बन चुकी है — एक ऐसा रिकॉर्ड जो खुद दिलजीत के स्टारडम की ताकत बताता है।
🇮🇳 भारत में क्यों नहीं हुई रिलीज?
भारत में ‘सरदार जी 3’ के रिलीज को लेकर कई विवाद उभरे। बताया जा रहा है कि फिल्म में कुछ ऐसे सीन और मुद्दे हैं, जिन्हें लेकर कई संगठनों और सेंसर बोर्ड ने आपत्ति जताई।
इसके चलते:
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फिल्म को रिलीज से पहले ही विरोध का सामना करना पड़ा
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राजनीतिक मुद्दों ने इसे और जटिल बना दिया
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निर्माता भी कानूनी और सामाजिक दबावों से घबरा गए
🌍 दिलजीत दोसांझ: सीमाओं से परे एक स्टार
दिलजीत का करिश्मा सिर्फ पंजाब या भारत तक सीमित नहीं है।
उनकी मास अपील, खासकर पंजाबी और सिख समुदाय में, भारत से लेकर कनाडा, यूके और पाकिस्तान तक फैली है।
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उनके गाने और फिल्मों की लोकप्रियता सीमाओं से परे जाती है
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‘सरदार जी 3’ इस बात का ताज़ा उदाहरण है कि कला को सरहदें नहीं रोक सकतीं
🗣️ पाकिस्तान के दर्शकों की प्रतिक्रिया:
पाकिस्तानी सोशल मीडिया यूज़र्स ने फिल्म को लेकर जबरदस्त प्रतिक्रिया दी:
“दिलजीत दोसांझ ने फिर दिल जीत लिया!”
“सरदार जी 3 देखने के बाद समझ आया कि दिलजीत क्यों सबसे अलग हैं।”
“अगर भारत में नहीं मिली जगह, तो पाकिस्तान ने सिर आँखों पर बिठाया।”
🔍 सांस्कृतिक कनेक्शन: क्यों पसंद आई फिल्म?
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फिल्म में पंजाबी संस्कृति, हास्य, और इमोशन्स का मिश्रण है
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पाकिस्तान में बड़ी तादाद में पंजाबी बोलने वाले लोग हैं, जिनके लिए फिल्म भाषाई और सांस्कृतिक रूप से जुड़ाव लाती है
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दिलजीत की सादगी और असलीपन लोगों को कनेक्ट करता है
🤔 क्या भारत को अपनी सोच बदलने की ज़रूरत है?
जब एक फिल्म पड़ोसी मुल्क में इतनी पसंद की जाती है, तो सवाल उठता है — क्या भारत में रचनात्मकता को राजनीतिक विवादों से दूर नहीं रखना चाहिए?
कला एक अभिव्यक्ति है, न कि हमेशा कोई राजनीतिक बयान।
‘सरदार जी 3‘ भले ही भारत में न दिखे, लेकिन उसने ये साबित कर दिया है कि सच्ची कला सीमाओं की मोहताज नहीं होती। दिलजीत दोसांझ ने एक बार फिर दिखा दिया कि वो सिर्फ एक एक्टर नहीं, एक ग्लोबल आइकन हैं — जिनकी बात, अदायगी और अंदाज़ हर किसी को छू जाता है।
