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“चेहरे पर खुशी, हाथ में ‘योगी आम’: उत्तर प्रदेश में आम महोत्सव 2025 का भव्य आग़ाज़”

YOGI AAM Yogi Adityanath

“चेहरे पर खुशी, हाथ में ‘योगी आम’: उत्तर प्रदेश में आम महोत्सव 2025 का भव्य आग़ाज़”


✍️ “कभी किसी ने कहा था – आम फलों का राजा होता है, और जब वह राजा उत्तर प्रदेश में पले-बढ़े ‘योगी आम’ के रूप में सामने आए, तो खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मुस्कुरा उठे।”


लखनऊ, 4 जुलाई 2025 —
राजधानी लखनऊ की आबोहवा इस बार कुछ खास है। न तो सियासत की गहमागहमी, न ही प्रशासनिक दबाव, बल्कि इस बार हवा में है आमों की खुशबू, स्वाद की मिठास और किसानों की मेहनत की मिठी कहानी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने “आम महोत्सव 2025” का उद्घाटन करते हुए न केवल आम की खेती और स्वाद की तारीफ़ की, बल्कि इसे ‘उत्तर प्रदेश की आत्मा’ बताया।


🍋 आम के बहाने आत्मनिर्भरता की बात

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज़ादी के अमृतकाल में उत्तर प्रदेश न केवल इंफ्रास्ट्रक्चर, कानून-व्यवस्था और निवेश के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है, बल्कि कृषि और बागवानी के मोर्चे पर भी शानदार काम कर रहा है। उन्होंने बताया कि एक समय था जब प्रदेश की जीडीपी में कृषि और औद्यानिकी फसलों का योगदान 25-30% तक था, लेकिन पहले की सरकारों की उपेक्षा ने इस क्षेत्र को प्रभावित किया।

“अब वही क्षेत्र आज हमारे विकास का इंजन बन रहा है,” मुख्यमंत्री ने गर्व से कहा।


🥭 “योगी आम” की चर्चा क्यों?

इस महोत्सव में सबसे ज़्यादा ध्यान खींचा “योगी आम” ने — जी हां, ये वही खास किस्म का आम है जो स्वाद, बनावट और सुगंध में लाजवाब है। इसे योगी आदित्यनाथ की सादगी और प्रभावशीलता से जोड़कर देखा जा रहा है। यह आम महज एक फल नहीं, बल्कि किसानों की मेहनत, वैज्ञानिक तकनीक और सरकारी समर्थन का परिणाम है।

योगी आम के किस्म को न सिर्फ़ भारत में, बल्कि खाड़ी देशों में भी एक्सपोर्ट किया जा रहा है। अब यह आम उत्तर प्रदेश के कृषि उत्पादों में एक ब्रांड बनता जा रहा है।


👨‍🌾 किसानों के चेहरे पर मुस्कान

मुख्यमंत्री ने किसानों से सीधी बातचीत की और उन्हें यह भरोसा दिया कि सरकार उनकी फसल का सही मूल्य सुनिश्चित करने के लिए नए बाजार, प्रोसेसिंग यूनिट्स और एक्सपोर्ट कॉरिडोर विकसित कर रही है। उन्होंने कहा:

“हमारी सरकार किसानों को सिर्फ़ बीज या उर्वरक नहीं दे रही, बल्कि उन्हें बाजार, सम्मान और तकनीकी शिक्षा भी दे रही है।”


📦 नवाचार और तकनीक से आम को पहचान

इस महोत्सव में आम की 500 से ज्यादा प्रजातियों की प्रदर्शनी लगाई गई। लखनऊ, मलिहाबाद, सहारनपुर और वाराणसी से आए किसानों ने अपने आमों की बेमिसाल किस्में पेश कीं।

इसके अलावा इस बार खास था:

  • ड्रोन आधारित स्प्रे तकनीक

  • AI आधारित फसल निगरानी

  • “वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट” के तहत आम को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने की योजना


🎉 आम महोत्सव सिर्फ आम तक सीमित नहीं

यह महोत्सव अब केवल फल नहीं, बल्कि संस्कृति, स्वाद और सस्टेनेबिलिटी का त्योहार बन चुका है। बच्चों के लिए चित्रकला प्रतियोगिता, आम खाने की स्पर्धा, लाइव म्यूजिक और योग कार्यक्रम भी आयोजन का हिस्सा बने।


🤝 सहयोग और संभावनाएं

मुख्यमंत्री ने बताया कि जापान, यूएई और यूके से विदेशी प्रतिनिधि मंडलों ने आम निर्यात में रुचि दिखाई है। योगी सरकार जल्द ही “मलिहाबादी आम” को GI टैग के साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार में और मजबूती से उतारने की योजना बना रही है।

जहां राजनीति में बहस और संघर्ष आम है, वहीं उत्तर प्रदेश में “आम” ने मेल, संवाद और उम्मीद की कहानी रच दी है। आम महोत्सव 2025 ने साबित कर दिया कि अगर राजनीतिक इच्छाशक्ति, किसान की मेहनत और वैज्ञानिक सोच एक साथ चलें, तो कोई भी फसल सिर्फ़ खेती नहीं, क्रांति बन सकती है।

✍️ “कभी किसी ने कहा था – आम फलों का राजा होता है, और जब वह राजा उत्तर प्रदेश में पले-बढ़े ‘योगी आम’ के रूप में सामने आए, तो खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मुस्कुरा उठे।”

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Author: newsviewss

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