BJP को मिलेगी पहली महिला राष्ट्रीय अध्यक्ष? साउथ की नेताओं समेत इन नामों की चर्चा !
भारतीय जनता पार्टी (BJP) का अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा? इस पर फिलहाल सस्पेंस बरकरार है, लेकिन उच्च पदस्थ सूत्रों ने संकेत दिए हैं कि बीजेपी एक ऐतिहासिक बदलाव की ओर बढ़ सकती है। BJP के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर चल रही अटकलों के बीच पार्टी इतिहास में पहली बार किसी महिला को शीर्ष पद मिलने की संभावना जताई जा रही है। सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी महिला नेतृत्व की ओर बड़ा कदम उठाने जा रही है, जिसकी तैयारी अब अंतिम चरण में है।पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के बीच पिछले कुछ समय से चर्चा चल रही है, जिसमें कई प्रमुख महिला नेताओं के नाम पर विचार किया जा रहा है।
क्या BJP को मिलने जा रही पहली महिला राष्ट्रीय अध्यक्ष?
भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर किसी महिला की ताजपोशी पहली बार होने की संभावना है। इस दिशा में जिन तीन नामों की सबसे ज़्यादा चर्चा हो रही है वे हैं: निर्मला सीतारमण, डी. पुरंदेश्वरी, और वनाथी श्रीनिवासन। आइए विस्तार से समझते हैं कि ये तीनों कैसे इस शीर्ष पद तक पहुँच सकती हैं।
1. निर्मला सीतारमण
निर्मता सीतारमन वर्तमान में BJP की सबसे कद्दावर महिला है। वो फिलहाल केंद्रीय वित्त मंत्री का पद संभाल रही हैं साथ ही पूर्व में रक्षा मंत्री भी रह चुकी हैं। हाल ही में उन्होंने पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और महासचिव बीएल संतोष से पार्टी मुख्यालय में उच्चस्तरीय बैठक की थी। उनकी तमिलनाडु से राजनीतिक पृष्ठभूमि और प्रभावशाली नेतृत्व क्षमता को दक्षिण भारत में भाजपा के विस्तार के लिहाज से अहम माना जा रहा है। अगर वे अध्यक्ष बनती हैं, तो यह महिला आरक्षण बिल के समर्थन में भी पार्टी का मजबूत संदेश होगा।
क्यों बन सकती हैं BJP अध्यक्ष?
निर्मला सीतारमण को पार्टी प्रवक्ता, संगठन में काम और फिर रक्षा व वित्त जैसे बड़े मंत्रालयों को संभालने का अनुभव उन्हें एक परिपक्व नेता बनाता है। BJP की दक्षिण भारत में पकड़ कम है। सीतारमण तमिलनाडु से आती हैं, और एक महिला होने के साथ यह प्रतिनिधित्व और संतुलन देने का काम करेगा। वो संघ की विचारधारा के करीब मानी जाती हैं, जिससे संघ का समर्थन उन्हें मिल सकता है। वित्त मंत्री होने के नाते उनकी छवि वैश्विक स्तर पर बनी है। इससे BJP को एक प्रगतिशील और सशक्त महिला नेतृत्व का संदेश देने में मदद मिलेगी। अगर उन्हें अध्यक्ष बनाया जाता है, तो वित्त मंत्रालय का कार्यभार फिर किसी और को सौंपना होगा। सरकार और संगठन में संतुलन बनाना चुनौती हो सकता है।
2. डी. पुरंदेश्वरी
सीतारमण के अलावा दूसरा नाम पूर्व केंद्रीय मंत्री डी पुरंदेश्वरी का है। उन्हें भी इस पद का एक मजबूत दावेदार बताया गया है। वह बीजेपी की आंध्र प्रदेश की पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रह चुकी हैं। पुरंदेश्वरी कई भाषाओं की जानकार हैं। उन्होंने राजनीति में कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है। पुरंदेश्वरी को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल के लिए भी चुना गया था।
क्यों बन सकती हैं BJP अध्यक्ष?
डी पुरंदेश्वरी कई भाषाओं में दक्ष हैं (तेलुगु, हिंदी, अंग्रेज़ी), और केंद्र में मंत्री रह चुकी हैं। आंध्र प्रदेश जैसी चुनौतीपूर्ण राज्य इकाई की अध्यक्ष हैं — जहां पार्टी को फिर से खड़ा करना आसान नहीं है। यह उनके संगठनात्मक कौशल को दिखाता है। वह एन. टी. रामाराव (NTR) की बेटी हैं, जिनकी दक्षिण भारत में बड़ी राजनीतिक विरासत रही है। उनकी साफ-सुथरी छवि और महिला सशक्तिकरण पर जोर उन्हें एक आदर्श उम्मीदवार बनाता है। हालांकि कुछ वरिष्ठ नेता उन्हें अभी राष्ट्रीय स्तर पर उतना प्रभावशाली नहीं मानते जितनी कि जरूरत होती है।
3. वनाथी श्रीनिवासन
वहीं संभावित महिला राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर तीसरा नाम वनथी श्रीनिवासन का लिया जा रहा है। वह तमिलनाडु से हैं। पेशे से वकील श्रीनिवासन वर्तमान में राज्य विधानसभा में कोयंबटूर दक्षिण का प्रतिनिधित्व करती हैं। वे 1993 से भाजपा से जुड़ी हुई हैं और महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर कार्य कर चुकी हैं। 2021 में उन्होंने अभिनेता कमल हासन को हराकर विधानसभा सीट जीती थी। वर्ष 2022 में उन्हें भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति का सदस्य बनाया गया, जिससे वे इस समिति की पहली तमिल महिला बनीं। 1993 में भाजपा में शामिल होने के बाद से वानति श्रीनिवासन ने कई महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं, जिनमें राज्य सचिव, महासचिव और तमिलनाडु की उपाध्यक्ष शामिल हैं।
क्यों बन सकती हैं BJP अध्यक्ष?

वनथी श्रीनिवासन ने पार्टी के महिला संगठन को नए स्तर पर पहुँचाया है, और महिला वोटबैंक को संगठित करने में भूमिका निभाई। BJP उन्हें भविष्य के नेतृत्व के रूप में देख रही है। वो युवा, उर्जावान और समर्पित कार्यकर्ता मानी जाती है। इनके अध्यक्ष बनने से क्षेत्रीय संतुलन बना रहेगा। तमिलनाडु से होने के कारण दक्षिण भारत का प्रतिनिधित्व मिलेगा। वे लंबे समय से संगठन से जुड़ी हैं और नीचे से ऊपर तक कार्य कर चुकी हैं। हालांकि जो चीज उनके पक्ष में नहीं है वो राष्ट्रीय स्तर पर अनुभव की कमी, और सीनियर नेताओं के मुकाबले उनकी मौजूदगी अपेक्षाकृत कम है। वरिष्ठता और अखिल भारतीय पहचान की कसौटी पर वे थोड़ी पीछे रह सकती हैं।
क्यों महिला चेहरा तलाश रही है BJP?
BJP को हाल के सालों में महिला मतदाताओं से जबरदस्त समर्थन मिला है, खासकर महाराष्ट्र, हरियाणा और दिल्ली जैसे राज्यों में। इसके अलावा, पार्टी ने 2023 में महिला आरक्षण विधेयक पारित कराया, जिसमें लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण का प्रावधान है। ऐसे में महिला अध्यक्ष की नियुक्ति, पार्टी की रणनीति और सामाजिक संदेश, दोनों को मजबूत कर सकती है। सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने भी महिला नेतृत्व को लेकर सकारात्मक रुख अपनाया है। उनका मानना है कि महिला नेतृत्व का प्रतीकात्मक और रणनीतिक दोनों दृष्टिकोण से बड़ा असर होगा। हाल के वर्षों में बीजेपी को महिला मतदाताओं से बड़ा समर्थन मिला है, खासकर महाराष्ट्र, हरियाणा और दिल्ली जैसे राज्यों के विधानसभा चुनावों में. पार्टी की महिला केंद्रित योजनाओं और लाभार्थी वोट बैंक की रणनीति को और मजबूती देने के लिए यह कदम अहम माना जा रहा है।
जेपी नड्डा 2020 से BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर हैं। जेपी नड्डा का अध्यक्ष पद का कार्यकाल जनवरी 2023 में समाप्त हो गया था, लेकिन लोकसभा चुनाव 2024 तक उनके कार्यकाल को बढ़ा दिया गया था। अब जबकि चुनाव संपन्न हो चुके हैं, पार्टी एक नए अध्यक्ष की नियुक्ति की तैयारी में है। हालांकि इस बात पर सस्पेंस बना हुआ है कि प्रमुख पद कौन संभालेगा, लेकिन सूत्रों के मुताबिक पार्टी को पहली बार महिला अध्यक्ष मिल सकती है।
