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‘अब सरकारी बंगला खाली करें…’ Supreme Court ने केंद्र को डीवाई चंद्रचूड़ का बंगला खाली कराने का ऑर्डर क्यों दिया?

Supreme Court

भारत के पूर्व प्रधान न्‍यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने रिटायरमेंट के 8 महीने बाद भी लुटियंस दिल्‍ली में स्थित आधिकारिक बंगले को खाली नहीं किया है। इस मामले में अब सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) एडमिनिस्‍ट्रेशन ने बड़ा और अप्रत्‍याशित कदम उठाया है। सुप्रीम कोर्ट प्रशासन ने केंद्र को इस बाबत नोटिस जारी कर मौजूदा सीजेआई के लिए आवंटित बंगले को बिना किसी देरी के खाली करवाने और उसे सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) हाउसिंग पूल को सौंपने को कहा है। अब केंद्र के शहरी विकास विभाग को इसपर फैसला लेना है।

केंद्र सरकार को तुरंत बंगला खाली करवाने का दिया फरमान

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के एडमिनिस्ट्रेशन ने केंद्र सरकार के तहत आने वाले आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय को एक पत्र भेजा है। इस पत्र में कहा गया है कि पूर्व सीजेआई को जितने समय के लिए सरकारी बंगले में रहने को कहा गया था, वो टाइमलिमिट पूरी हो चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने ये भी मांग की है कि सरकार इस बंगले को खाली कराए और इसे कोर्ट के हाउसिंग पूल को लौटाने का काम करे। सुप्रीम कोर्ट ने अपने नोटिस में कहा- “आपसे आग्रह किया जाता है कि कृष्णा मेनन मार्ग पर स्थित बंगला नंबर 5, आदरणीय डीवाई चंद्रचूड़ जी से बिना किसी देरी के खाली करवाया जाए। 2022 के नियम 3बी के अनुसार उन्हें अतिरिक्त 6 महीने तक बंगले में रहने की अनुमति थी। यह अवधि 10 मई 2025 को खत्म हो गई थी। उन्हें 31 मई 2025 तक अतिरिक्त समय के लिए बंगले में रहने की इजाजत दी गई थी।”

सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) द्वारा केंद्र सरकार को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि डीवाई चंद्रचूड़ अब नियमों के तहत आवंटित किए जा सकने वाली टाइप VII श्रेणी की बजाय टाइप VIII बंगले में रह रहे हैं, जिसकी अनुमति सिर्फ कार्यरत CJI को होती है। नियम 3B के अनुसार, कोई भी सेवानिवृत्त प्रधान न्यायाधीश छह माह तक केवल टाइप VII आवास रख सकता है। चंद्रचूड़ ने दिसंबर 2024 में निवर्तमान CJI जस्टिस संजीव खन्ना को पत्र लिखकर 30 अप्रैल 2025 तक बंगला रखने की अनुमति मांगी थी, जो दी गई थी।

भारत के 50वें CJI रहे डीवाई चंद्रचूड़

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ नवंबर 2022 से नवंबर 2024 तक भारत के 50वें CJI रहे, अभी भी सेवानिवृत्त हुए आठ महीने बाद उसी बंगले में रह रहे हैं। उनके बाद पद संभालने वाले दो CJI न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और वर्तमान CJI भूषण आर. गवई ने इस बंगले में शिफ्ट होने के बजाय पहले से आवंटित आवास में ही रहना उचित समझा। इस मुद्दे पर संपर्क किए जाने पर न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) प्रशासन को उनकी पारिवारिक परिस्थितियों की पूरी जानकारी थी। उन्होंने बताया कि उन्हें वैकल्पिक आवास किराये पर आवंटित किया जा चुका है, लेकिन वह घर लंबे समय से बंद था और रहने लायक नहीं था।

Mayank Dwivedi
Author: Mayank Dwivedi

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