ऑपरेशन सिंदूर पर संसद के मानसून सत्र में चर्चा को तैयार है सरकार। कांग्रेस और AAP ने ऑल पार्टी मीटिंग में इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया। जानें क्या है पूरा मामला।
लेखक: [Rahul Chandre]
तारीख: 20 जुलाई 2025
भारतीय संसद का मानसून सत्र इस बार बेहद खास रहने वाला है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’, जिसे लेकर देशभर में चर्चा गर्म है, अब संसद के गलियारों में भी गूंजेगा। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने साफ कहा है कि सरकार इस संवेदनशील और अहम मुद्दे पर चर्चा के लिए पूरी तरह तैयार है।
🔷 ऑल पार्टी मीटिंग में उठा मुद्दा
19 जुलाई को हुई ऑल पार्टी मीटिंग में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) ने संयुक्त रूप से इस मुद्दे को सत्र की प्रमुख बहसों में शामिल करने की मांग की। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और AAP के संजय सिंह ने इसे “राष्ट्रीय सुरक्षा और सामाजिक संतुलन” का मामला बताते हुए इस पर खुली बहस की मांग रखी।
🔶 क्या है ऑपरेशन सिंदूर?
‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारत की एक खुफिया और सामरिक पहल मानी जा रही है, जिसमें हाल ही में भारत ने पड़ोसी सीमा क्षेत्रों में आतंकी ठिकानों पर सटीक और सीमित कार्रवाई की। इसकी पुष्टि आधिकारिक रूप से नहीं की गई, लेकिन मीडिया और रक्षा सूत्रों से मिली जानकारी ने इसे प्रमुख राष्ट्रीय मुद्दा बना दिया है।
🔷 सरकार का रुख
केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा,
“सरकार किसी भी विषय पर बहस से नहीं डरती। अगर विपक्ष ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा चाहता है, तो हम तैयार हैं। संसद लोकतंत्र का मंदिर है और वहां हर सवाल उठ सकता है।”
उनके बयान से यह स्पष्ट है कि सरकार विपक्ष की आलोचनाओं को सिरे से खारिज करने की बजाय, संसद में जवाब देने को तैयार है।
🔶 विपक्ष का दावा
विपक्ष ने आरोप लगाया है कि सरकार ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को प्रचार का माध्यम बना रही है। कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश ने कहा,
“इस तरह के ऑपरेशन की जानकारी सीमित और गोपनीय होनी चाहिए थी। लेकिन इसे मीडिया में लीक कर राजनीतिक लाभ उठाया गया।”
AAP ने भी इसी सुर में कहा कि सरकार केवल “राष्ट्रीय सुरक्षा” के नाम पर ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है।
🔷 संसद में होगी गरमागरम बहस
इस मुद्दे पर दोनों पक्षों की तल्ख़ बयानबाज़ी से यह साफ है कि संसद का मानसून सत्र इस बार शांतिपूर्ण नहीं रहने वाला। विपक्ष सरकार को राष्ट्रीय सुरक्षा और खुफिया कार्रवाई के राजनीतिकरण पर घेरने की कोशिश करेगा, जबकि सरकार अपनी नीति और दृढ़ता का बचाव करेगी।
🔶 जनता की नजरें संसद पर
देश की जनता इस बहस को गंभीरता से देख रही है। सोशल मीडिया पर भी ‘#OperationSindoor’ और ‘#MonsoonSession2025’ जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। जनता यह जानना चाहती है कि आख़िरकार ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी सच्चाई क्या है और इसके नतीजे क्या होंगे?
‘ऑपरेशन सिंदूर’ एक संवेदनशील विषय है और इस पर संसद में चर्चा लोकतंत्र की मजबूती का संकेत है। सरकार और विपक्ष दोनों को इस मुद्दे को गंभीरता से लेना होगा, ताकि न केवल देश की सुरक्षा सुनिश्चित हो, बल्कि राजनीति भी शुचिता की राह पर चले।
ऑपरेशन सिंदूर पर संसद के मानसून सत्र में चर्चा को तैयार है सरकार। कांग्रेस और AAP ने ऑल पार्टी मीटिंग में इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया। \
