तिरुवनंतपुरम से उड़ा ब्रिटिश F-35 जेट: 37 दिन बाद मरम्मत पूरी-तकनीक और भरोसे के मैदान में।
भारत और ब्रिटेन की दोस्ती ने एक नई ऊंचाई को छू लिया है – इस बार तकनीक और भरोसे के मैदान में।
तिरुवनंतपुरम से उड़ान भरने वाले ब्रिटिश F-35B फाइटर जेट की मरम्मत भारत में सफलतापूर्वक पूरी हुई है और 37 दिन बाद यह अत्याधुनिक जेट एक बार फिर आसमान में उड़ान भरने को तैयार है। यह घटना सिर्फ एक तकनीकी उपलब्धि नहीं, बल्कि भारत और ब्रिटेन के बीच मजबूत होते रक्षा संबंधों और सहयोग का प्रतीक बन गई है।
🛩️ क्या है F-35B जेट?
F-35B दुनिया के सबसे उन्नत मल्टीरोल फाइटर जेट्स में से एक है, जिसे लॉकहीड मार्टिन द्वारा विकसित किया गया है। इसमें स्टील्थ टेक्नोलॉजी, वर्टिकल टेकऑफ और लैंडिंग (VTOL) क्षमताएं, और हाई-स्पीड अटैक सिस्टम हैं। यह जेट आमतौर पर ब्रिटेन की रॉयल नेवी और यूएस मरीन कॉर्प्स जैसे शीर्ष रक्षा बलों के पास होता है।
🔧 कैसे हुई मरम्मत और क्यों है यह बड़ी बात?
मई 2025 में, एक ब्रिटिश F-35B को तकनीकी खराबी के कारण तिरुवनंतपुरम एयरबेस पर आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी। ऐसी स्थिति में आमतौर पर जेट को उसके मूल देश में वापस भेजा जाता है। लेकिन इस बार भारत ने न केवल इसे अपने यहां मरम्मत की अनुमति दी, बल्कि अपनी तकनीकी विशेषज्ञता से इसे संभव भी बनाया।


भारतीय इंजीनियरों ने ब्रिटिश टीम के साथ मिलकर इस हाई-टेक जेट की मरम्मत में 37 दिन तक दिन-रात मेहनत की। इसमें एयरफ्रेम जांच, इंजन सिंक्रोनाइजेशन, और इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम री-कैलिब्रेशन जैसे जटिल काम शामिल थे।
🇮🇳 भारत की तकनीकी ताकत का प्रदर्शन
यह पहला मौका है जब भारत में किसी विदेशी स्टील्थ फाइटर जेट की मरम्मत इतनी सफलता के साथ की गई है। इससे न केवल भारत की रक्षा तकनीकी क्षमता का प्रदर्शन हुआ, बल्कि यह भी दिखाया कि भारत आज सिर्फ रक्षा सामान खरीदने वाला देश नहीं, बल्कि मरम्मत और मेंटेनेंस में भी आत्मनिर्भर बन रहा है।
🤝 यूके ने जताया आभार
ब्रिटेन ने आधिकारिक रूप से भारत सरकार और मरम्मत में शामिल इंजीनियरिंग टीम का आभार व्यक्त किया। यूके डिफेंस मिनिस्ट्री के एक प्रवक्ता ने कहा,
“हम भारत की त्वरित सहायता और उच्च स्तरीय तकनीकी सहयोग के लिए आभारी हैं। यह घटना दोनों देशों के बीच रक्षा रिश्तों को नई मजबूती देती है।”
🌍 रणनीतिक साझेदारी की ओर
भारत और ब्रिटेन के बीच रक्षा साझेदारी हाल के वर्षों में तेज़ी से मजबूत हुई है। दोनों देशों ने संयुक्त नौसेना अभ्यास, रक्षा उत्पादन साझेदारी और साइबर सुरक्षा में सहयोग के कई कदम उठाए हैं। F-35B की मरम्मत इस रिश्ते में तकनीकी भरोसे और आपसी समर्थन का नया अध्याय जोड़ती है।
🔮 भविष्य की दिशा
F-35B की मरम्मत की सफलता भारत को “रक्षा MRO हब” (Maintenance, Repair and Overhaul) बनने की दिशा में मजबूत बनाती है। आने वाले वर्षों में भारत, एशिया में अन्य देशों के लड़ाकू विमानों के लिए भी मरम्मत सेवा प्रदान कर सकता है।F-35B की मरम्मत केवल एक तकनीकी कार्य नहीं था — यह भारत की वैश्विक भूमिका, आत्मनिर्भरता, और मित्र देशों के साथ विश्वास के स्तर को दर्शाने वाली घटना थी। तिरुवनंतपुरम में हुआ यह “टेक्नोलॉजिकल चमत्कार” आने वाले समय में भारत को वैश्विक रक्षा मंच पर और भी मजबूती से स्थापित करेगा।
तिरुवनंतपुरम से उड़ा ब्रिटिश F-35 जेट: 37 दिन बाद मरम्मत पूरी-तकनीक और भरोसे के मैदान में।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “आत्मनिर्भर भारत” अभियान को यह घटना सीधा समर्थन देती है। इससे यह साबित होता है कि भारत अब रक्षा क्षेत्र में सिर्फ उपभोक्ता नहीं, बल्कि सेवा प्रदाता और सहयोगी की भूमिका भी निभा सकता है।
आने वाले समय में भारत की यह सफलता दक्षिण एशिया में अन्य देशों के लिए भी एक उदाहरण बनेगी। विदेशी विमानों की मरम्मत के लिए भारत एक भरोसेमंद हब बन सकता है।
