पाकिस्तान की शाहीन मिसाइल निकली ‘फुस्सी ’, दागते ही ढेर – जनरल आसिम मुनीर की निकली हेकड़ी !
❗ “दागा… और ढेर!” – कुछ ऐसा ही हुआ जब पाकिस्तान ने अपनी बहुचर्चित ‘Shaheen मिसाइल’ को फिर से टेस्ट करने की कोशिश की। लेकिन उम्मीदों के पहाड़ पर चढ़े पाकिस्तान के सैन्य प्रमुख जनरल आसिम मुनीर के अरमान पलभर में बिखर गए, जब मिसाइल लॉन्च होते ही फेल हो गई।
अब सवाल ये है कि क्या पाकिस्तान की मिसाइल तकनीक में दम नहीं है या फिर सिर्फ कैमरों और मीडिया के सामने दिखावे के लिए ये टेस्ट होते हैं?
🇵🇰 शाहीन मिसाइल – नाम बड़ा, पर काम?
पाकिस्तान की ओर से यह दावा किया गया कि उनकी शाहीन सीरीज़ की मिसाइलें भारत तक पहुंचने में सक्षम हैं। लेकिन जब टेस्टिंग के दौरान ही मिसाइल अपनी दिशा भटक जाए या हवा में फट जाए, तो ये साफ हो जाता है कि सिर्फ दिखावे की राजनीति ज़ोरों पर है।
यह कोई पहली बार नहीं है। पिछले कुछ सालों में पाकिस्तान ने कई हथियारों की टेस्टिंग की है, परंतु वास्तविक विश्वसनीयता और सटीकता के मामले में ये हथियार बार-बार सवालों के घेरे में आते रहे हैं।
😱 डर किसका है?
भारत ने जबसे 2019 में बालाकोट एयरस्ट्राइक कर पाकिस्तान के भीतर घुसकर आतंकी ठिकानों को तबाह किया, तब से पाकिस्तान की फौज और हुकूमत दोनों डर और दबाव में हैं।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने बार-बार मिसाइल टेस्टिंग के नाम पर ड्रामा किया है – लेकिन हकीकत में ना तो वो आत्मविश्वास दिखा पाए, ना ही तकनीकी क्षमता।
शाहीन मिसाइल के फेल होने से एक बार फिर यह जाहिर हो गया कि पाकिस्तान की सेना सिर्फ प्रोपेगेंडा वीडियो और भाषणों तक ही सीमित है।
📉 टेक्नोलॉजी का दिवाला?
शाहीन मिसाइल को पाकिस्तान ने चीन की मदद से विकसित किया है। लेकिन सवाल यह है कि अगर आपके पास तकनीक है ही नहीं, और दूसरों के भरोसे हथियार बना रहे हो, तो विश्वसनीयता की गारंटी कौन देगा?
विशेषज्ञों के अनुसार, इस बार की मिसाइल लॉंचिंग फेल इसलिए हुई क्योंकि या तो:
-
मिसाइल का गायडेंस सिस्टम सही काम नहीं कर पाया,
-
या फिर प्रोपल्शन यूनिट में तकनीकी खराबी थी,
-
या फिर दोनों!
ऐसे में पाकिस्तान के लिए यह केवल सैन्य विफलता नहीं, बल्कि एक कूटनीतिक शर्मिंदगी भी बन गई है।
🧠 भारत की रणनीतिक बढ़त बरकरार
भारत न केवल अपनी मिसाइल प्रणाली – जैसे कि अग्नि सीरीज़, ब्रह्मोस, पृथ्वी और शौर्य – को लगातार अपग्रेड कर रहा है, बल्कि AI और Quantum Defence जैसी आधुनिक तकनीकों पर भी काम कर रहा है। वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान अभी भी वही पुरानी मिसाइलों को बार-बार पेंट कर, नया नाम देकर पेश कर रहा है।
डिफेंस एक्सपर्ट्स का मानना है कि पाकिस्तान की इन असफल कोशिशों से भारत की सैन्य श्रेष्ठता और स्पष्ट होती जा रही है।
🗣️ जनरल आसिम मुनीर का क्या होगा?
जनरल आसिम मुनीर की हाल की गतिविधियां बता रही हैं कि वह भीतर ही भीतर दबाव में हैं। सेना की लोकप्रियता देश में पहले से कम हो रही है और अब मिसाइल की विफलता ने उनके नेतृत्व पर भी सवाल उठा दिए हैं।
एक ओर इमरान खान का राजनीतिक संकट, दूसरी ओर सेना की गिरती साख – ऐसे में सवाल उठता है कि क्या पाकिस्तान वाकई भारत से टकराने की स्थिति में है?
📢 मीडिया में हाय-तौबा, लेकिन जनता जानती है सच्चाई
पाकिस्तान की सरकारी मीडिया ने इस खबर को या तो दबाने की कोशिश की या फिर इसे ‘सफल परीक्षण’ बताने की जिद पर अड़ी रही। लेकिन आज के डिजिटल युग में सोशल मीडिया पर लॉन्च के विफल फुटेज और रिपोर्ट्स ने सब कुछ साफ कर दिया।
जनता अब ये सवाल पूछ रही है – “हमारा पैसा इन नाकाम टेस्टिंग पर क्यों बर्बाद किया जा रहा है?”
पाकिस्तान की शाहीन मिसाइल का ये हाल बताता है कि हवाई हौसले और ज़मीनी हकीकत में फर्क होता है। जब तक तकनीक अपने दम पर विकसित नहीं होती, तब तक कोई भी देश सिर्फ दावा ही कर सकता है, काम नहीं।
भारत को इस घटना से कोई सीधा खतरा नहीं है, लेकिन सतर्क रहना ज़रूरी है। और पाकिस्तान को खुद को साबित करने से पहले खुद को सुधारना होगा।
“दागा… और ढेर!” – कुछ ऐसा ही हुआ जब पाकिस्तान ने अपनी बहुचर्चित ‘Shaheen मिसाइल’ को फिर से टेस्ट करने की कोशिश की। लेकिन उम्मीदों के पहाड़ पर चढ़े पाकिस्तान के सैन्य प्रमुख जनरल आसिम मुनीर के अरमान पलभर में बिखर गए, जब मिसाइल लॉन्च होते ही फेल हो गई।
