भारत का बड़ा फैसला: अब 5 साल बाद चीन के नागरिकों को मिलेगा वीजा, जानिए कब से शुरू होगी प्रक्रिया
मार्च 2020 – जब पूरी दुनिया कोविड-19 महामारी की चपेट में थी, तब भारत सरकार ने एहतियातन एक बड़ा कदम उठाया था। विदेशी पर्यटकों के लिए वीजा सेवाएं अस्थायी रूप से बंद कर दी गई थीं, जिनमें चीन के नागरिक भी शामिल थे। अब करीब पांच साल बाद, भारत सरकार ने एक अहम फैसला लिया है – चीन के नागरिकों को एक बार फिर वीजा देने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।
यह कदम भारत-चीन संबंधों में एक नरमी के संकेत के रूप में देखा जा रहा है, जो कूटनीतिक स्तर पर भी महत्वपूर्ण है और पर्यटन, व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिए भी बेहद फायदेमंद हो सकता है।
🔁 वीजा पर लगी रोक कब और क्यों लगी थी?
मार्च 2020 में जब कोरोना वायरस का संक्रमण दुनिया भर में तेजी से फैल रहा था, तब भारत सरकार ने अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए पर्यटक वीजा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था। उस समय चीन महामारी का केंद्र बिंदु था, और इसलिए वहां से आने वाले नागरिकों पर विशेष पाबंदियां लगाई गई थीं।
इसके बाद, जब धीरे-धीरे वीजा सेवाएं अन्य देशों के लिए बहाल की गईं, तो चीन को इस सूची से बाहर रखा गया, जो कि दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण संबंधों और सीमा विवादों की वजह से भी था।
🗓️ अब कब से शुरू होगी वीजा प्रक्रिया?
सरकारी सूत्रों के अनुसार, 2025 की अंतिम तिमाही से चीन के नागरिकों के लिए पर्यटक वीजा और अन्य श्रेणियों की वीजा सेवाएं फिर से शुरू करने की योजना बनाई गई है। इस संबंध में गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और पर्यटन विभाग मिलकर नई वीजा नीति पर काम कर रहे हैं।
ऑनलाइन पोर्टल पर अपडेट भी जल्द ही जारी किए जाएंगे, जिससे चीनी नागरिक ई-विज़ा या रेगुलर वीज़ा के लिए आवेदन कर सकेंगे।
💼 इसका क्या होगा असर?
🔹 पर्यटन क्षेत्र में रफ्तार
चीन से भारत आने वाले पर्यटकों की संख्या महामारी से पहले तेजी से बढ़ रही थी। अब वीजा बहाली के बाद बौद्ध सर्किट टूरिज्म, हिमालयी पर्यटन और अन्य सांस्कृतिक स्थलों पर चीन से आने वाले पर्यटकों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है।
🔹 व्यापार और निवेश में सुधार
भारत और चीन के बीच व्यापार संबंध मजबूत हैं। वीजा नीति में बदलाव से व्यापार प्रतिनिधियों, निवेशकों और कॉर्पोरेट यात्रियों को फायदा मिलेगा।
🔹 शैक्षणिक और चिकित्सा उद्देश्यों से यात्रा
भारत में कई चीनी छात्र और मेडिकल टूरिस्ट आते हैं। वीजा सेवाएं खुलने से यह प्रवाह फिर से शुरू हो सकेगा।
🌐 कूटनीतिक संकेत भी छिपे हैं
हालांकि यह कदम एक प्रशासनिक निर्णय है, लेकिन इसके कूटनीतिक मायने भी हैं। यह संकेत देता है कि भारत, महामारी और सीमा विवादों के बावजूद, परिस्थितियों को सामान्य करने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है।
यह फैसला सॉफ्ट डिप्लोमेसी और पीपल टू पीपल कनेक्ट को बढ़ावा देने की दिशा में देखा जा रहा है। हालांकि यह देखा जाना बाकी है कि चीन इस कदम का किस तरह से जवाब देता है, लेकिन भारत का यह रवैया खुलापन और व्यावहारिकता को दर्शाता है।
📋 वीजा पाने की प्रक्रिया
चीन के नागरिकों के लिए वीजा पाने की प्रक्रिया अन्य विदेशी नागरिकों जैसी ही होगी:
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ऑनलाइन वीजा एप्लिकेशन (E-Visa Portal)
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पासपोर्ट, फोटोग्राफ, यात्रा उद्देश्य जैसे दस्तावेज़
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सुरक्षा जांच और मंजूरी
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निर्धारित शुल्क भुगतान
विशेष श्रेणियों जैसे व्यापार, चिकित्सा और शिक्षा के लिए अलग-अलग प्रावधान होंगे।
भारत सरकार का यह फैसला निश्चित रूप से एक नई शुरुआत की ओर इशारा करता है। पांच साल के अंतराल के बाद, चीन के नागरिकों को भारत आने की अनुमति देना सिर्फ पर्यटन या व्यापार का मसला नहीं है – यह एक बदलती सोच और भविष्य की तैयारी का प्रतीक है।
जैसे-जैसे वैश्विक हालात सामान्य हो रहे हैं, ऐसे फैसले आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक सभी स्तरों पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। अब देखना यह है कि वीजा सेवाएं शुरू होने के बाद भारत-चीन संबंधों में कितनी गर्माहट लौटती है।
भारत का बड़ा फैसला: अब 5 साल बाद चीन के नागरिकों को मिलेगा वीजा, जानिए कब से शुरू होगी प्रक्रिया
