NEET और NET परीक्षाओं में पेपर लीक को लेकर देश में हंगामा जारी है। हंगामे के बीच अब देश में पेपर लीक कानून लागू हो गया है। लंबे समय से चर्चा चल रही थी कि सरकार इस नए और सख्त कानून को लागू कर देगी। अब उसी कड़ी में शुक्रवार देर रात ने सरकार ने अधिसूचना लागू कर दी है। जिसके अनुसार पेपर लीक करने या आंसर शीट के साथ छेड़छाड़ करने पर कम से कम 3 साल की जेल और 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है। इस कानून को लागू करने का मुख्य मकसद परीक्षाओं में हो रही गड़बड़ी को रोकना है।
NEET विवाद के बीच केंद्र ने जारी की अधिसूचना
प्रतियोगी परीक्षाओं में हो रही गड़बड़ियों को रोकने के लिए केंद्र सरकार इस लोक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 को 5 फरवरी को लोकसभा में पेश किया था। वहां ये बिल 6 फरवरी को पास हो गया था उसके बाद इसे राज्यसभा में पेश किया गया जहां पर इसे 9 फरवरी को पास करवा लिया गया था। दोनों सदनों से पास होने के बाद इस विधेयक को 13 फरवरी राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने मंजूरी दे दी थी। फरवरी में मंजूरी मिलने के बाद केंद्र सरकार ने इस एंटी पेपर लीक कानून को 21 जून की रात से देशभर में लागू कर दिया है। आइए जानते हैं इस कानून के बारे मे
10 साल तक की कैद का प्रावधान
इस कानून के तहत सार्वजनिक परीक्षाओं में होने वाली धोखाधड़ी (नकल) पर अंकुश लगाने के लिए न्यूनतम 3 से 5 साल की कैद की सजा का प्रस्ताव है और पेपर लीक गिरोह में शामिल लोगों को 5 से 10 साल की कैद और न्यूनतम 1 करोड़ रुपये के जुर्माने का प्रावधान है।
जुर्माने के साथ-साथ संपत्ति कुर्की का भी प्रावधान
यदि कोई व्यक्ति या व्यक्तियों का समूह कोई संगठित अपराध करता है, जिसमें परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था, सेवा प्रदाता, या कोई अन्य संस्थान शामिल है, तो उन्हें कम से कम 5 साल की कैद की सजा दी जाएगी, जिसे 10 साल तक बढ़ाया जा सकता है। कानून कहता है कि जुर्माना 1 करोड़ रुपये से कम नहीं होगा। किसी संस्थान के संगठित पेपर लीक अपराध में शामिल पाए जाने पर उसकी संपत्ति कुर्क करने और जब्त करने का भी प्रावधान कानून में है और परीक्षा की लागत भी उस संस्थान से वसूली जाएगी।
परीक्षार्थी इस एंटी पेपर लीक कानून के दायरे से बाहर रहेंगे
इस नए एंटी पेपर लीक कानून के कुछ दायरे भी हैं। जिसके अनुसार प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में शामिल होने वाले युवा विद्यार्थी इस कानून के दायरे में नहीं हैं। जब संसद में इस बिल पेश किया गया था तो उस वक्त केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा था कि इस कानून का उद्देश्य केवल धांधली करके युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने वालों को रोकना है।
ये परीक्षाएं हैं इस कानून के दायरे में
एंटी पेपर लीक कानून यानी की लोक परीक्षा कानून के दायरे में UPSC, SSC, जेईई, नीट, CUET, रेलवे, बैंकिंग भर्ती परीक्षाएं और एनटीए की तरफ से आयोजित सभी परीक्षाएं आएंगी। अगर अब इन परीक्षाओं में कोई भी किसी भी तरह की गड़बड़ी करता पाया जाएगा। उसके खिलाफ एंटी पेपर लीक कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी।
