बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने अपनी कसम को अयोध्या की सरयू में डुबकी लगाकर समाप्त कर दिया। सम्राट चौधरी इसके लिए 02 जुलाई यानी कल ही अयोध्या रवाना हो गए थे। इसके बाद आज यानी 03 जुलाई की सुबह वो अपने तय वादे के मुताबिक सरयू नदी के तट पर पहुंचे। इसके बाद वो सरयू नदी में उतरे और वहां स्नान किया। फिर उन्होंने अपनी कसम वाली पगड़ी उतार दी। सम्राट चौधरी ने मुंडन भी करा रखा था, ये तब पता चला जब उन्होंने अपनी पगड़ी उतारी। मौके पर मौजूद उनके समर्थकों ने जयश्री राम के नारे लगाए। दरअसल, डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने जंगल-राज व अराजकतावादियों को सत्ता से हटाने का संकल्प लेते हुए सिर पर मुरेठा बांधा था।
अयोध्या में पगड़ी उतारकर सरयू नदी में लगाई डुबकी
बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने अयोध्या में सरयू नदी में पविभत्र डुबकी लगाई और फिर अपनी पगड़ी को उतार दिया है। ऐसा करने के बाद सम्राट चौधरी ने कहा कि मैंने सरयू नदी में डुबकी लगाई। सम्राट ने बताया कि बीते 22 महीने से उनके पास मौजूद इस पगड़ी को वह भगवान राम को समर्पित करेंगे। बिहार के उपमुख्यमंत्री और भाजपा के प्रदेश अध्यक्षसम्राट चौधरी ने कहा कि मैं यहां भगवान राम के दर्शन करूंगा और अपनी पगड़ी उन्हें समर्पित करूंगा। भगवान राम और मां जानकी का अटूट रिश्ता है। बिहार और उत्तर प्रदेश एक परिवार की तरह हैं। सम्राट चौधरी ने आगे कहा कि राष्ट्र निर्माण में बिहार और उत्तर प्रदेश दोनों का ही अहम योगदान है।
बंदउँ अवध पुरी अति पावनि। सरजू सरि कलि कलुष नसावनि॥
प्रनवउँ पुर नर नारि बहोरी। ममता जिन्ह पर प्रभुहि न थोरी॥प्रातः अयोध्याधाम में पवित्र सरयू नदी में डुबकी लगाई और हमारे इष्ट, प्रभु श्रीराम को स्तुति कर मुरेठा खोला।
जय अयोध्या धाम की 🚩
जय-जय श्रीराम की🙏… pic.twitter.com/eLaFfXNKY3— Samrat Choudhary (@samrat4bjp) July 3, 2024
2022 में नीतीश को गद्दी से हटाने की कसम खाई थी
सम्राट चौधरी ने सितंबर 2022 में अपनी मां के निधन के बाद पगड़ी (मुरेठा) बांधा था। उन्होने इस दौरान संकल्प लिया था कि नीतीश कुमार को जब तक मुख्यमंत्री की कुर्सी से नहीं हटा देंगे, तब तक वह मुरेठा नहीं उतारेंगे। लेकिन फिर 28 जनवरी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जंगल-राज के प्रतीक महागठबंधन से अलग और मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया था। अब नीतीश के साथ मिलकर सरकार बनाने वाले सम्राट चौधरी के पगड़ी उतारते ही उनकी कसम का सरयू नदी में समापन हो गया। सम्राट चौधरी ने इस बात का ऐलान पहले ही कर दिया था कि वो अपनी पगड़ी अयोध्या जाकर उतार देंगे।
