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Mysterious Temples: भोलेनाथ के 5 रहस्यमयी मंदिर जहां दर्शन करने से पूरी होती है मनोकामना

भारत अपने प्राचीन संस्कृति और मंदिरों के लिए पूरी दुनिया में चर्चित है। सावन का महीना शुरु हो रहा है।शिवभक्त भोलेबाबा के दर्शन करने हजारों किलोमीटर की दूरी से चलकर पहुंचते हैं। वैसे तो काशी विश्वनाथ, बाबा महाकाल, केदारनाथ जैसे फेमस शिव मंदिरों के बारे में आप जानते ही होंगे लेकिन आज हम आपको भोलेनाथ के अद्भूत और रहस्यमयी मंदिरों के दर्शन कराएंगे…..

कैलाश मानसरोवर

सबसे पहले बात करेंगे कैलाश मानसरोवर की जहां साक्षात भगवान शिव विराजमान हैं। इस संपूर्ण क्षेत्र को शिव और देवलोक कहा गया है। दुनिया के सबसे ऊंचे स्थान पर स्थित कैलाश मानसरोवर की महिमा वेद और पुराणों में भरी पड़ी है। यदि आप कैलाश पर्वत या मानसरोवर झील के क्षेत्र में जाएंगे, तो आपको निरंतर एक आवाज सुनाई देगी, जो ‘डमरू’ या ‘ॐ’ की ध्वनि जैसी होती है। वैज्ञानिक कहते हैं कि हो सकता है कि यह आवाज बर्फ के पिघलने की हो…लेकिन इसके रहस्य का पता कोई नहीं लगा पाया है।

बिजली महादेव मंदिर

हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में बिजली महादेव मंदिर काफी रहस्यमयी माना जाता है।यहां हर 12 साल में मंदिर पर बिजली गिरती है, जिससे मंदिर को नुकसान नहीं होता लेकिन शिवलिंग के टुकड़े हो जाते हैं। इसके बाद यहां पुजारी नाज, दाल के आटे और मक्खन से शिवलिंग को दोबारा जोड़ते हैं।

ऐरावतेश्वर मंदिर

वैसे तो दक्षिण भारत में एक से एक पवित्र और मंदिर मौजूद है, लेकिन किसी रहस्यमयी शिव मंदिर की बात होती है, तो सबसे पहले ऐरावतेश्वर मंदिर का नाम जरूर शामिल रहता है।भगवान शिव को समर्पित ऐरावतेश्वर शिव मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इस मंदिर की सीढ़ियाँ बेहद ही खास हैं.. मान्यता है कि इन पर कदम रखते ही मधुर संगीत की ध्वनि निकलने लगती है। हालांकि, इसका कारण आज तक किसी को पता नहीं चला है, इसलिए इस मंदिर को रहस्यमयी मंदिर भी माना जाता है।

अचलेश्वर महादेव मंदिर

राजस्थान के माउंट आबू में स्थित अचलेश्वर महादेव मंदिर में रोजाना शिवलिंग रंग बदलता है। दिन में यहां शिवलिंग केसरिया रंग का दिखाई देता है और शाम होते ही इसका रंग सांवला हो जाता है। इस मंदिर की एक और खास बात है, यहां शिव जी के अंगूठे की पूजा होती है।

टिटलागढ़ शिव मंदिर

उड़ीसा के सबसे गर्म क्षेत्रों में से एक टिटलागढ़ में एक कुम्‍हड़ा पहाड़ है,जहां एक अनोखा शिव मंदिर है। पथरीली चट्टानों के बीच इस मंदिर परिसर में एसी से भी ज्‍यादा ठंड होती है जबकि मंदिर से बाहर प्रचंड गर्मी… हैरानी का विषय यह है कि यहां प्रचंड गर्मी के चलते मंदिर परिसर के बाहर भक्‍तों के लिए 5 मिनट खड़ा होना भी दुश्‍वार होता है। लेकिन मंदिर के अंदर कदम रखते हैं एसी से भी ज्‍यादा ठंडी हवाओं का अहसास होने लगता है। इसके पीछे क्‍या रहस्‍य है आज तक कोई नहीं जान पाया।

स्तंभेश्वर महादेव मंदिर

स्तंभेश्वर महादेव मंदिर गुजरात के कवि कंबोई में स्थित है। इस मंदिर में स्वयं समुद्र अभिषेक करता है। समुद्र के बीच बसा ये शिव मंदिर दिन में दो बार समुद्र की लहरों में पूरी तरह डूब जाता है। सुबह और शाम दो बार ऐसा होता है।

Mukul Dwivedi
Author: Mukul Dwivedi

I graduated From the University of Allahabad and PG diploma in Mass communication From Government Polytechnic Lucknow. After study worked with Bharat samachar as Trainee Producer. Currently I am working With Ekal Bharat as a Producer.

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