15 अगस्त 2024 को आजादी की 77वीं वर्षगांठ मनाएगा। भारत को इसी दिन 1947 में ब्रिटिश शासन से आजादी मिली थी, जबकि संविधान 1950 में अपनाया गया था।इसमें कोई शक नहीं कि भारत के लिए ब्रिटिश शासन से आज़ादी पाना आसान नहीं था, लेकिन हमारे राजनीतिक नेताओं, स्वतंत्रता सेनानियों और लोगों ने मिलकर स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया, जो कि स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए दृढ़ संकल्पित थे। आजादी के किस्से की सीरीज में हम आपको देश की आजादी के दिन के कुछ किस्से बता रहे हैं।
आजादी के बाद भारत की सीमाएं सुरक्षित हो रही थी लेकिन लोकतंत्र के मूल्यों को साधने के लिए भारत को चाहिए था। एक समावेशी संविधान 1949 में बाबासाहेब आंबेडकर की अगुवाई में भारतीय संविधान बनने की तैयारी चल रहा था। संविधान को तैयार करने में 2 साल 11 महीने 18 दिन का समय लगा और 26 जनवरी 1950 को ये संविधान लागू हुआ। 26 जनवरी को जब गणतंत्र भारत में राजपथ पर परेड निकाली तो दुनिया में राष्ट्रवाद की एक नई परिभाषा देखी। देश में जब-जब कोई संकट आता है तब-तब संविधान का ही हवाला देकर उस संकट को हल करने की कवायद की जाती है।
संविधान लागू होने के बाद अंग्रेजों के जमाने का गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट 1935 खत्म हो गया और भारत एक गणराज्य बना। भारत में संविधान ही सर्वोच्च है चाहे मौलिक अधिकारों की बात हो या मूल कर्तव्यों की। इसकी व्यवस्था संविधान में ही की गई है। संविधान पर ही आधारित हमारा लोकतंत्र है और इसी वजह से दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में हमारी विश्व स्तर पर अपनी एक प्रतिष्ठा और पहचान कायम हुई है।
ब्रिटिश और फ्रांस के सभी कॉलोनियल रूल खत्म होने के बाद भी भारतीय उपमहाद्वीप के गोवा,दमन और दीव में पुर्तगालियों का शासन था। समय-समय पर भारत सरकार गोवा को आजाद करने की मांग कर रही थी लेकिन पुर्तगाली ये मांग ठुकरा दे रहे थे। इसके बाद भारत सरकार ने ऑपरेशन विजय के तहत 18 दिसंबर 1968 के दिन सैन्य अभियान शुरू किया। 36 घंटे से भी कम वक्त में पुर्तगाली सेना ने बिना किसी शर्त के भारतीय सेना के सामने 19 दिसंबर को आत्मसमर्पण कर दिया और गोवा भारत का हो गया
1967 वो एतिहासिक साल था, जब देश को पहला मुस्लिम राष्ट्रपति मिला, जी हां हम बात कर रहे हैं जाकिर हुसैन की। जाकिर हुसैन के राष्ट्रपति बनने की कहानी भी काफी दिलचस्प है। 1967 में उन्हें राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया गया। 6 मई 1967 को देश के तीसरे राष्ट्रपति चुनाव का रिजल्ट आने वाला था। तभी शाम को ऑल इंडिया रेडियो का प्रसारण रोक दिया गया और जाकिर हुसैन जीत गए। इस तरह साल 1967 में देश को पहला मुस्लिम राष्ट्रपति मिला। अपने भाषण में जाकिर हुसैन ने कहा था पूरा भारत मेरा घर है और यहां के सभी लोग मेरा परिवार हैं।
पंडित नेहरू पाकिस्तान और चीन के साथ भारत के संबंधों में सुधार नहीं कर पाए। पाकिस्तान के साथ एक समझौते तक पहुंचने में कश्मीर मुद्दा और चीन के साथ मित्रता में सीमा विवाद रास्ते के पत्थर साबित हुए। नेहरू ने चीन की तरफ मित्रता का हाथ भी बढ़ाया लेकिन 1962 में चीन ने धोखे से आक्रमण कर दिया। नेहरू के लिए यह एक बड़ा झटका था और शायद उनकी मौत का कारण भी फिर 27 मई 1964 को जवाहरलाल नेहरू को दिल का दौरा पड़ा और उनका निधन हो गया है।
