18 महीने पहले भारतीय शेयर मार्केट में अपने खुलासे से तहलका मचाने वाली हिंडनबर्ग के एक और खुलासे देश में हंगामा मचा हुआ है। हिडेनबर्ग की लेटेस्ट रिपोर्ट ने एक बार फिर देश के बड़े उद्योगपति गौतम अडानी की कंपनी को घेरा है। इस बार के ताजा रिपोर्ट में मार्केट हिडेनबर्ग ने गौतम अडानी के साथ-साथ सेबी चीफ पर भी गंभीर आरोप लगाए गए हैं। शनिवार को जारी की गई इस रिपोर्ट के संबंध में रविवार सुबह जहां सेबी चीफ माधबी पुरी बुच की ओर से स्टेटमेंट जारी कर सफाई दी गई और इन आरोपों को निराधार बताया गया. तो वहीं अब इस मामले में अब अडानी समूह ने शनिवार देर शाम आई रिपोर्ट अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है। अडानी समूह ने हिंडनबर्ग के द्वारा लगाए गए आरोपों से इनकार करते हुए रविवार को कहा कि सेबी चीफ माधबी पुरी बुच के साथ उसका कोई कमर्शियल कनेक्शन नहीं है, जिसका दावा हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में किया गया है।
हिंडनबर्ग के आरोपों को अदाणी समूह ने भी नकारा
अदाणी ग्रुप ने हिडेनबर्ग के आरोपों पर पलटवार करते हुए एक बयान जारी किया है। बयान में लिखा है कि ‘हिंडनबर्ग की तरफ से लगाए गए ताजा आरोप दुर्भावनापूर्ण हैं। रिपोर्ट में जिन लोगों या केस का जिक्र किया गया है, उससे अडानी ग्रुप का कोई कमर्शियल कनेक्शन नहीं है। ग्रुप ने सभी आरोपों को खारिज करते कहा कि उसकी कंपनियों के खिलाफ लगाए गए आरोपों को वह खारिज करता है और फिर से अपनी बात को दोहराता है कि उसकी विदेशी होल्डिंग का स्ट्रक्चर पूरी तरह से पारदर्शी है।अडानी ग्रुप की ओर से कहा गया है कि पहले लगाए गए इन सभी आरोपों की गहन जांच की जा चुकी है, जो पूरी तरह से निराधार साबित हुए हैं। इन्हें सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी 2024 में पहले ही खारिज कर दिया है। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में अडानी समूह को लेकर कहा गया है कि उसने कंपनियों का जाल बुनकर फंड को इधर से उधर किया।
अडानी ग्रुप और SEBI चीफ के बीच वित्तीय लिंक के आरोप
अमेरिकी फारेंसिक वित्तीय रिसर्च कंपनी हिंडनबर्ग ने अपनी नई रिपोर्ट में आरोप लगाया है कि अडानी ग्रुप और SEBI चीफ माधबी पुरी बुच के बीच लिंक है। रिपोर्ट में कहा गया है कि व्हिसलब्लोअर से मिले दस्तावेजों से पता चलता है जिन ऑफशोर संस्थाओं का इस्तेमाल अडानी मनी साइफनिंग स्कैंडल में हुआ, उसमें SEBI अध्यक्ष की हिस्सेदारी थी। रिपोर्ट में दावा करते हुए कहा गया कि माधबी बुच और उनके पति धवल बुच ने 5 जून, 2015 को सिंगापुर में आईपीई प्लस फंड 1 के साथ अपना अकाउंट खोला। इसमें दंपति का कुल निवेश 10 मिलियन डॉलर आंका गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ऑफशोर मॉरीशस फंड की स्थापना इंडिया इंफोलाइन के माध्यम से अडानी ग्रुप के एक निदेशक ने की थी और यह टैक्स हेवन मॉरीशस में रजिस्टर्ड है।
इससे पहले जनवरी में हिंडनबर्ग रिसर्च ने आरोप लगाया था कि अदाणी समूह खुल्लम-खुल्ला शेयरों में गड़बड़ी और लेखा धोखाधड़ी में शामिल रहा है। हालांकि, समूह ने इस आरोप को पूरी तरह से बेबुनियाद बताया था। उसने कहा कि यह कुछ और नहीं बल्कि उसकी शेयर बिक्री को नुकसान पहुंचाने के गलत इरादे से किया गया है. उस समय अदाणी समूह की प्रमुख कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज 20,000 करोड़ रुपए का एफपीओ लाने की तैयारी कर रही थी।
