कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में पहले ट्रेनी लेडी डॉक्टर की रेप के बाद हत्या के बाद देशभर में हंगामा जारी है। कोलकाता से लेकर दिल्ली तक डॉक्टर हड़ताल पर हैं। इस बीच इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा और डॉक्टरों की मांगों पर दखल देने की मांग की। IMA ने डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा को रोकने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप की मांग की। आईएमए ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि एयरपोर्ट के बराबर अस्पतालों में सुरक्षा होनी चाहिए। साथ ही अस्पतालों में सीसीटीवी लगे और डॉक्टरों की शिफ्ट टाइमिंग भी तय हो।
IMA ने पत्र के माध्यम से प्रधानमंत्री के सामने रखी ये मांगे
1. 1897 के महामारी रोग अधिनियम में 2020 के संशोधनों को द हेल्थकेयर सर्विसेज पर्सनेल एंड क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट्स (प्रोहिबिशन ऑफ वायलेंस एंड डैमेज टू प्रॉपर्टी बिल 2019) के मसौदे में शामिल करने वाले एक केंद्रीय अधिनियम से मौजूदा 25 राज्यों के कानूनों को मजबूती मिलेगी।
2. सभी अस्पतालों के सिक्योरिटी प्रोटोकॉल किसी एयरपोर्ट से कम नहीं होने चाहिए। अनिवार्य सुरक्षा अधिकारों के साथ अस्पतालों को सुरक्षित क्षेत्र घोषित करना चाहिए। इसमें सीसीटीवी और कर्मियों की तैनाती जैसे अनिवार्य सुरक्षा उपाय शामिल हैं।
3. पीड़िता 36 घंटे की ड्यूटी शिफ्ट कर रही थी, लिहाजा आराम करने के लिए सुरक्षित स्थानों के साथ ही रेस्ट रूम्स की कमी के कारण रेजिडेंट डॉक्टरों के काम करने और रहने की स्थिति में व्यापक बदलाव की जरूरत है।
4. निश्चित समयसीमा के अंदर किसी अपराध की सावधानीपूर्वक और पेशेवर जांच हो, और न्याय मिले।
5. पीड़ित परिवार को उचित और सम्मानजनक मुआवजा दिया जाए।
इसके अलावा, वे रेजिडेंट डॉक्टरों के लिए काम करने की स्थितियों में बदलाव की मांग की गई है। इसमें 36 घंटे की शिफ्ट और अपर्याप्त आराम स्थान जैसे मुद्दों को सुलझाने पर जोर दिया गया है। IMA हेल्थ वर्कर्स के खिलाफ अपराधों की पूरी और समयबद्ध जांच और प्रभावित परिवारों के लिए उचित, सम्मानजनक मुआवजे की भी मांग करता है।
कई राज्यों में दिखा हड़ताल का असर
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की तरफ से इस मामले में गैर-आपातकालीन सेवाओं से 24 घंटे के राष्ट्रव्यापी हड़ताल कर रहा है। इस दौरान आपात सेवाएं जारी हैं, हालांकि ओपीडी बंद रहेंगी और वैकल्पिक सर्जरी को भी टाल दिया जाएगा। आईएमए के इस हड़ताल का असर कई राज्यों में दिखने लगा है। इस हड़ताल देशभर के सरकारी अस्पतालों में हेल्थ सर्विसेज पर असर पड़ा है। मरीजों को इलाज के लिए भटकना पड़ रहा है। हड़ताल के कारण केरल, झारखंड, नगालैंड में डॉक्टरों की हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाओं के प्रभावित होने की खबरें आईं हैं।
