कोलकाता में एक महीने से ज्यादा समय से हड़ताल कर रहे जूनियर डॉक्टरों ने प्रदर्शन खत्म करने से इनकार कर दिया है। उन्होंने ममता से एक और मीटिंग की मांग करते हुए चीफ सेक्रेटरी मनोज पंत को ईमेल भेजा है, जिसमें कहा गया है कि अभी तक सभी मांगें नहीं मानी गई हैं। डॉक्टरों ने सरकार के सामने बड़ी मांगें रखी हैं, जिनमें सुरक्षा की बेहतर व्यवस्था और कार्य परिस्थितियों में सुधार शामिल है। हड़ताल के चलते अस्पतालों में चिकित्सा सेवाएं प्रभावित हो रही हैं, और मरीजों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। सरकार और डॉक्टरों के बीच बातचीत जारी है, लेकिन समाधान के लिए अभी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
डॉक्टरों ने ममता सरकार के सामने रखी थी 5 मांगे
हड़ताल खत्म करने से इनकार करने के बाद जूनियर डॉक्टरों ने सीएम ममता बनर्जी से एक और बैठक की मांग करते हुए मुख्य सचिव को ईमेल भेजकर कहा है कि अभी तक उनकी सभी मांगें नहीं मानी गई हैं। डॉक्टरों ने राज्य सरकार से पुलिस कमिश्नर और स्वास्थ्य सचिव को हटाने सहित 5 मांगें की थी। हालांकि मुख्यमंत्री के निर्देश पर पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल सहित चार अधिकारी हटा दिए गए हैं। उनकी जगह मनोज वर्मा को कमिश्नर बनाया गया। बता दें कि कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में लेडी ट्रेनी डॉक्टर की दुष्कर्म के हत्या के विरोध में डॉक्टर बीते 38 दिन से हड़ताल पर हैं।
अभी आधी जीत हुई-हड़ताली डॉक्टर
इससे पहले16 सितंबर को जूनियर डॉक्टर और ममता के बीच मीटिंग हुई थी। इसमें ममता ने डॉक्टरों की 5 में से 3 मांगें मान ली थीं। उन्होंने मंगलवार को पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल को पद से हटाया था। उनकी जगह मनोज वर्मा को कमिश्नर बनाया गया। बुधवार सुबह प्रदर्शन जारी रखते हुए डॉक्टरों ने कहा- अभी आधी जीत हुई। हेल्थ सेक्रेटरी एनएस निगम का इस्तीफा जरूरी है। डॉक्टरों ने कहा कि वे राज्य के स्वास्थ्य सचिव एनएस निगम को हटाना चाहते हैं, और कहा कि ममता बनर्जी ने उन्हें आश्वासन दिया कि वह इस पर कार्रवाई करेंगी।
