नेपाल में भारी बारिश के बाद बिहार में लगभग सभी नदियों में उफान पर हैं। बिहार के कई जिलों में बाढ़ का अलर्ट जारी है। उत्तर बिहार के कई जिलों में जबरदस्त बाढ़ आ गई है। गंडक नदी, गंगा और कोसी का पानी गांव के गांव डुबा देने पर आमादा है।गंडक और कोसी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिससे उत्तर बिहार के कई जिलों में बाढ़ आ गई है।पिछले 24 घंटों में दोनों नदियों से पानी का डिस्चार्ज पांच गुना बढ़ गया है। आपदा प्रबंधन विभाग ने उत्तरी, दक्षिणी और मध्य भागों के 20 जिलों में बाढ़ का अलर्ट जारी किया है।
कोसी में नेपाल ने छोड़ा रिकॉर्ड पानी
नेपाल ने अपना रिकॉर्ड पानी शनिवार को बिहार की कोसी और गंडक नदी में भेज दिया। इन दोनों नदियों में बाढ़ ने एक लाख लोगों को घेर लिया। अब गंगा का भी जलस्तर बढ़ने का डर है। राजधानी पटना पर भी आफत है। कोसी नदी पर बने वीरपुर बैराज से सुबह पांच बजे तक कुल 6.61 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जो 56 वर्षों में सबसे अधिक है। राज्य जल संसाधन विभाग के ताजा बुलेटिन के अनुसार, पिछली बार इस बैराज से सबसे अधिक पानी 1968 में 7.88 लाख क्यूसेक छोड़ा गया था। इससे 13 जिलों के 16.28 लाख से अधिक लोगों की स्थिति और खराब हो सकती है, जो पहले से ही भारी बारिश के कारण जलजमाव से प्रभावित हैं।
वाल्मीकिनगर गंडक बराज से लगभग 6 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद कई जिले में अफरा-तफरी का माहौल है। गंडक नदी में उफान और बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। डीएम ने हाजीपुर से लेकर लालगंज तक गंडक नदी का निरीक्षण किया और निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को अलर्ट जारी किया। उन्हें नदी के पास न जाने और नाव लेकर नदी में न उतरने की सख्त हिदायत दी गई है।
चंपारण और सीतामढ़ी में टूट गए तटबंध
सीतामढ़ी जिले के बेलसंड प्रखंड स्थित मधकौल गांव के समीप बागमती तटबंध में माउस होल से हो रहे रिसाव के कारण बांध टूट गया, जिससे 15 गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। इससे 25हजार की आबादी प्रभावित हो गई है। इस घटना ने स्थानीय समुदाय के लिए गंभीर संकट उत्पन्न कर दिया है। सीतामढ़ी के जिलाधिकारी (डीएम) रिची पांडे ने बताया कि इस घटना के मद्देनजर ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है और मरम्मत का काम जारी है…अभी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। वीरपुर बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण गोपालपुर के निकट कोसी पूर्वी तटबंध में कल रात रिसाव की भी सूचना मिली, जिसे जल संसाधन विभाग (डब्ल्यूआरडी) के अभियंताओं ने दुरुस्त कर दिया।
सुरक्षित जगह पर पलायन कर रहे लोग
बाढ़ को देखते हुए लोग सुरक्षित स्थान की ओर पलायन कर रहे हैं। कई लोगों ने कोसी तटबंध के ऊपर माल मवेशी के साथ डेरा डाल रखा है। जो लोग तटबंध के भीतर ही किसी ऊंचे स्थल की ओर चले गए थे, उनके लिए खतरा बढ़ गया है। कोसी नदी इन ऊंचे स्थलों का भी कटाव कर रही है। तटबंध के भीतर कई जगहों पर सुरक्षा बांध के टूट जाने से लोगों की परेशानी बढ़ गई है। घर डूब गए हैं। सैकड़ों एकड़ में लगी फसलें जलमग्न हो चुकी हैं। यहां नाव के लिए मारामारी मची है। जिन लोगों के पास अपनी नाव है, वे माल मवेशी रखकर सुरक्षित स्थान की ओर निकल पड़े हैं।
