भारत और चीन के बीच बीते कई वर्षों से पूर्वी लद्दाख में जारी सैन्य गतिरोध अब समाप्त होता हुआ नजर आ रहा है। चीन ने पुष्टि की है कि पूर्वी लद्दाख में दोनों सेनाओं के बीच गतिरोध समाप्त करने के लिए भारत के साथ समझौता हो गया है। चीन की इस पुष्टि के बाद अब पूर्वी लद्दाख में अब दोनों सेनाएं पुरानी जगह पर लौटेंगी। इससे पहले सोमवार को भारतीय विदेश सचिव ने भी इसका ऐलान किया था। भारत और चीन के रिश्तों में लंबे समय से देखी जा रही तल्खी में सोमवार को उस समय नरमी देखने को मिली, जब दोनों देशों के बीच विवादित पेट्रोलिंग प्वॉइंट्स को लेकर एग्रीमेंट हुआ। इस समझौते के मुताबिक भारतीय सेना यहां फिर से पेट्रोलिंग शुरू कर सकेगी।
हम भारत के साथ मिलकर आगे काम करेंगे-चीन
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने यहां एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि भारत और चीन सीमा को लेकर पिछले कुछ समय से दोनों देश राजनयिक और सैन्य दोनों स्तरों पर लगातार बातचीत करते रहे हैं। अब दोनों पक्षों के बीच इस मामले पर सहमति बन गई है और हम भारत के साथ इस पर काम करेंगे। जियान ने आगे कहा कि चीन इन प्रस्तावों को लागू करने के लिए भारत के साथ मिलकर काम करेगा। अब दोनों पक्ष प्रासंगिक मामलों पर एक समाधान पर पहुंच गए हैं जिसकी चीन बहुत सराहना करता है। हालांकि, उन्होंने इस संबंध में विस्तृत जानकारी देने से इनकार कर दिया।
भारत के बयान में कहा गया है, कि “भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर गश्त व्यवस्था पर सहमति बन गई है, जिससे 2020 में इन क्षेत्रों में उत्पन्न हुए मुद्दों का समाधान हो गया है और हम इस पर अगला कदम उठाएंगे।”इसके अलावा, भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, कि “हम कह सकते हैं कि चीन के साथ सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पूरी हो गई है।” उन्होंने कहा कि गश्त पर समझौता स्थिति को वापस उसी स्थिति में ले जाता है, जहां यह 2020 में क्षेत्र में चीनी घुसपैठ के बाद मुद्दे उठने से पहले थी।
4 साल से चल रहा था गलवान को लेकर गतिरोध
भारत ने सोमवार को घोषणा की थी कि भारतीय और चीनी वार्ताकार पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गश्त के लिए एक समझौते पर सहमत हुए हैं। इस समझौते को पूर्वी लद्दाख में चार वर्ष से अधिक समय से जारी सैन्य गतिरोध के समाधान की दिशा में एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है। पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन दोनों की तरफ से एलएसी पर भारी संख्या में सेना की तैनाती की गई थी। इसे लेकर विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा सोमवार को कहा था कि हाल में हुए समझौते से दोनों देशों के बीच डिसइंगेजमेंट हो रहा है और उन मुद्दों का समाधान हो रहा है जो इन क्षेत्रों में साल 2020 में पैदा हुए थे। बता दें कि भारत और चीन की सेनाओं के बीच साल 2020 में लद्दाख के गलवान में झड़प हुई थी। इसमें दोनों देशों की सेनाओं को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा था।
