दीपावली के मौके पर दिल्ली-NCR में बैन और तमाम सख्ती के बाद भी खूब आतिशबाजी (creakers in delhi) हुई जिससे की दिल्ली की हवा को धुआं-धुआं कर दिया। आतिशबाजी के कारण शहर के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 600 के पार पहुंच गया, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक माना जाता है। राजधानी में धुंध की एक पतली परत छाई हुई है, क्योंकि वायु गुणवत्ता लगातार खराब होती जा रही है। सीपीसीबी के मुताबिक, आने वाले दिनों में वायु प्रदूषण और बढ़ने की पूरी आशंका है। हालांकि, एनसीआर के गाजियाबाद, गुरुग्राम, ग्रेटर नोएडा और नोएडा में हवा की गुणवत्ता थोड़ी बेहतर रही। दीपावली के बाद हर साल दिल्ली के हालात इसी तरह गंभीर हो जाते हैं।
खूब हुई आतिशबाजी, गैस चेंबर बना दिल्ली-NCR
खबरों के मुताबिक पूर्वी और पश्चिमी दिल्ली में प्रतिबंध धड़ल्ले से उल्लंघन किया गया और जौनपुर, पंजाबी बाग, बुराड़ी और ईस्ट ऑफ कैलाश जैसे इलाकों में आतिशबाजी से आसमान जगमगा उठा। दिल्ली के आरके पुरम, ओखला, जहांगीरपुरी, पूसा, नेहरू नगर और पटपड़गंज जैसे कुछ प्रमुख स्टेशन हैं, जहां दिवाली के पटाखे जलाने के शुरुआती घंटों में पीएम 2.5 की सांद्रता में भारी बढ़ोतरी हुई। दिल्ली के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 700 के पार चला गया है। वहीं कुछ इलाकों में एक्यूआई 500 के पार पहुंच गया है. दिल्ली का औसत एक्यूआई 556 दर्ज किया गया. वहीं, आनंद विहार में 714, डिफेंस कॉलोनी में 631, पटपड़गंज में 513 एक्यूआई दर्ज किया गया। कुल मिलाकर दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में वायु गुणवत्ता काफी खराब स्थिति में पहुंच चुका है।
पटाखों के बैन का नहीं दिखा कोई असर
बढ़ते प्रदूषण का मुकाबला करने के लिए दिल्ली सरकार ने लगातार पांचवें साल भी राष्ट्रीय राजधानी में पटाखों के निर्माण, भंडारण, बिक्री और इस्तेमाल पर व्यापक प्रतिबंध की घोषणा की थी। दिवाली की पूर्व संध्या पर, दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने ऐलान किया था कि राष्ट्रीय राजधानी में पटाखों पर प्रतिबंध को लागू करने के लिए 377 टीमें बनाई गई हैं, लेकिन इसका कोई खास असर देखने को नहीं मिला। पिछले वर्ष दिवाली पर आसमान साफ था और अनुकूल मौसमी संबंधी परिस्थितियों के कारण एक्यूआई 218 दर्ज किया गया था। मगर इस साल दिवाली पर शहर में प्रदूषण का स्तर फिर से अपने चरम पर पहुंच गया। प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियों, पराली जलाने और वाहनों से निकलने वाले धुएं के कारण स्थिति और खराब हो गई और आतिशबाजी ने हवा में जहर घोलने का काम किया।
