अमेरिकी चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप ने बड़ी जीत दर्ज की है। जिस चुनाव को पहले कांटे का बताया जा रहा था, माना जा रहा था कि कमला हैरिस बाजी पलट सकती हैं, उसी चुनाव में ट्रंप ने इतिहास रच दिया है। अंतिम परिणामों के अनुसार रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने कुल 306 इलेक्टोरल वोट प्राप्त किए। वहीं कमला हैरिस 232 वोटों पर रुक गई। इस हार के बाद राजनीतिक विश्लेषकों ने हैरिस की हार के पीछे संभावित कारणों पर मंथन शुरू कर दिया है। इस चुनाव में उनकी जीत के पीछे कुछ महत्वपूर्ण कारण थे, जो उनके मजबूत नेतृत्व की छवि, मुद्दों की सटीक पकड़ और अलग-अग सामाजिक और आर्थिक मुद्दों को लेकर नैरेटिव सेट करने से जुड़े हुए थे। आइए जानते हैं डोनाल्ड ट्रंप की जीत के 5 सबसे अहम कारण
प्रभावशाली सोशल मीडिया प्रचार टीम
ट्रंप समर्थकों को ‘MAGA समर्थक’ कहा जाता है, यानी मेक अमेरिका ग्रेट अगेन। इन समर्थकों ने लगातार सोशल मीडिया पर कमला हैरिस पर सवाल उठाए और उन्हें एक कमजोर दावेदार बताया। आरोप मीडिया पर भी लगाए गए कि वह डेमोक्रेटिक पार्टी का पक्षधर है और हैरिस की कमजोरियों को छिपाता है। कमला हैरिस के इंटरव्यू और सवालों के सटीक जवाब न दे पाने पर उनकी काफी आलोचना की गई। जबकि ट्रंप को एक शक्तिशाली शख्स के तौर पर दिखाया गया। वहीं कमाल हैरिस के इस पराजय के लिए कई प्रमुख कारणों को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। इनमें हैरिस की संचार शैली का अभाव प्रमुख रूप से सामने आया। उनके भाषणों को अक्सर अस्पष्ट या अनिर्णायक माना गया। जिससे वे उन मतदाताओं का विश्वास हासिल करने में असफल रहीं।
हमले के बाद बनी राष्ट्रवादी नेता की छवि
डोनाल्ड ट्रंप ने जब अपना चुनावी अभियान शुरू किया था, पेंसिल्वेनिया में उन पर जानलेवाल हमला हुआ था, गोली तो सिर्फ उनके कान को छूकर निकल गई, लेकिन वो चुनाव का एक बड़ा मुद्दा बना। ऐसा मुद्दा जिसे हर रैली में ट्रंप और उनके समर्थकों ने भुनाने का काम किया। इस चुनाव में ट्रंप ने राष्ट्रवादी नेता के रूप में अपनी छवि को बखूबी स्थापित किया। उन्होंने अमेरिकी हितों की सुरक्षा को सबसे बड़ा मुद्दा बनाते हुए खुद को विश्व मंच पर अमेरिका की साख दोबारा स्थापित करने वाले नेता के रूप में पेश किया।
स्विंग राज्यों में ट्रंप का जलवा, फेल रहीं हैरिस
स्विंग राज्यों में हैरिस की विफलता भी ट्रंपी की जीत एक प्रमुख कारण रही। ट्रम्प ने इन महत्वपूर्ण राज्यों में अपने समर्थन आधार को मजबूत किया। जिससे उनकी बढ़त सुनिश्चित हो गई। नतीजे बता रहे हैं कि स्विंग स्टेट पेंसिल्वेनिया में ट्रंप ने एक बड़ी जीत दर्ज की है, उनकी तरफ से निर्णायक अंतर से कमला हैरिस को हरा दिया गया है। ट्रंप को इस बड़े राज्य में 50.8 फीसदी वोट मिले, वहीं उनकी प्रतिद्वंद्वी कमला हैरिस को सिर्फ 48.2 फीसदी वोट से संतोष करना पड़ा।
तन-मन-धन से साथ दे रहे एलन मस्क
इस चुनाव में एक्स के मालिक एलन मस्क का उन्हें जिस तरह से खुला समर्थन मिला, उसने भी उनके प्रचार को मजबूत करने का काम किया। उस वजह से भी उनका हर सहानुभूति वाला संदेश दूर तक गया, ज्यादा लोगों को प्रभावित कर पाया। पिछले 6 महीनों में एलन मस्क डोनाल्ड ट्रंप की जीत के लिए न केवल अपने अभियान समूह, अमेरिका PAC में 119 मिलियन से अधिक का निवेश किया है, बल्कि हाई स्टेक पेनसिल्वेनिया में चुनाव प्रचार के लिए भी काफी समय और ऊर्जा खर्च की है। यही नहीं एलन मस्क ने अपने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर न केवल ट्रंप की वापसी करवाई बल्कि उसे रिपब्लिकन उम्मीदवार के लिए एक प्रचार मशीन में बदल दिया। वह हर रोज़ ट्रंप के समर्थन में ढेरों पोस्ट और रि-पोस्ट करते रहे हैं, शायद ट्रंप से भी ज्यादा।
हिंदू प्रेम और अप्रवासियों पर कड़ी कार्रवाई का वादा
अभी तक के जो चुनावी ट्रेंड सामने आए हैं, कहा जा सकता है कि भारतवंशियों ने भी अच्छी तादाद में ट्रंप को वोट किया है। पारंपरिक रूप से यह वोटर डेमोक्रेट्स के साथ ज्यादा मजबूती के साथ खड़े होते हैं, लेकिन इस बार क्योंकि चुनावी प्रचार के दौरान ट्रंप ने खुलकर हिंदू वोटरों को संबोधित किया, उनकी तरफ से बांग्लादेश हिंसा की कठोर शब्दों में निंदा की, उसका कुछ असर चुनावी परिणामों में दिख रहा है। इतना ही नहीं अप्रवासियों पर कड़ी कार्रवाई और अवैध प्रवासियों को देश से बाहर निकालने के वादे ने ट्रंप को खासतौर पर स्थानीय वोटरों का समर्थन दिलाया. ट्रंप ने इस मुद्दे पर जोर देकर कहा कि अमेरिकी टैक्स का पैसा अवैध प्रवासियों पर नहीं खर्च होना चाहिए।
इसके अलावा भी ट्रंप की इस बड़ी जीत के कई कारण रहे जिनमें उनकी आक्रमक नीति से लेकर जबरदस्त प्रचार तक, सहानुभूति की लहर से लेकर बाइडेन के खिलाफ एंटी इनमकबेंसी तक, कई ऐसे मुद्दे हावी रहे जिन्होंने अमेरिकी वोटरों को ट्रंप के पक्ष में वोट करने के लिए ही मना लिया।
