संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो गया है, ये सत्र 20 दिसंबर तक चलेगा। इस सत्र के लिए सरकार ने वक्फ संशोधन बिल समेत 16 बिल सूचीबद्ध किए गए हैं। जिनमें पांच नए विधेयक पेश होंगे. जबकि वक्फ (संशोधन) समेत 11 अन्य विधेयकों को चर्चा के लिए सूचीबद्ध किया गया है। यानी कुल 16 विधेयक होंगे। हरियाणा और महाराष्ट्र में एनडीए की भारी जीत के बाद इस सत्र में सरकार की स्थिति मजबूत होने की संभावना है। लेकिन विपक्षी पार्टियों के जिस तरह के तेवर हैं, उससे साफ है कि शीत सत्र हंगामेदार रह सकता है।
शीतकालीन सत्र है और माहौल भी शीत ही रहेगा-पीएम मोदी
वहीं सत्र शुरू होने से पहले संसद परिसर में पीएम मोदी ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि शीतकालीन सत्र है और माहौल भी शीत ही रहेगा। 2024 का ये अंतिम कालखंड चल रहा है, देश उमंग और उत्साह के साथ 2025 के स्वागत की तैयारी में भी लगा हुआ है। संसद का ये सत्र अनेक प्रकार से विशेष है। सबसे बड़ी बात है कि हमारे संविधान की यात्रा का 75वें साल में प्रवेश अपने आप में लोकतंत्र के लिए एक बहुत ही उज्जवल अवसर है। पीएम ने कहा कि संसद में बेहतर चर्चा हो, ज्यादा से ज्यादा लोग संसद में अपना योगदान दें। दुर्भाग्य से कुछ लोगों ने अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए जिनको जनता ने अस्वीकार किया है वे संसद में हुड़दंगबाजी कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि जिनको जनता ने नकार दिया है वे न संसद में चर्चा होने देते हैं न लोकतंत्र की भावना का सम्मान करते हैं। न वो लोगों के प्रति अपना दायित्व समझ पाते हैं। वे जनता की उम्मीदों पर कभी भी खरे नहीं उतरते। जनता को उन्हें बार-बार नकारना पड़ रहा है।”
सर्वदलीय बैठक में इन मुद्दों र चर्चा करने की मांग
सत्र शुरु होने से पहले सरकार की तरफ से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने अदाणी मुद्दे पर पहले ही दिन चर्चा कराने की मांग की वहीं सरकार ने कार्यवाही सुचारु रूप से चलने देने की अपील की। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में कांग्रेस के गौरव गोगोई और आप के संजय सिंह ने अदाणी समूह पर लगे आरोपों, भ्रष्टाचार के मामले में अमेरिका में दर्ज मुकदमे को बेहद गंभीर बताया। इसके अलावा कांग्रेस ने मणिपुर हिंसा, उत्तर भारत में प्रदूषण का कहर, महंगाई और बेरोजगारी पर सत्र के दौरान चर्चा कराने की मांग की। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने साफ किया कि सरकार सभी मुद्दों पर नियमों के लिए चर्चा के लिए तैयार है। चर्चा वाले मुद्दों का फैसला संसद की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी करेगी।
