GDP में गिरावट के बीच सरकार के लिए जीएसटी के मोर्चे पर अच्छी खबर आई है। घरेलू लेनदेन से अधिक राजस्व मिलने से नवंबर में ग्रॉस माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह 8.5 प्रतिशत बढ़कर 1.82 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया। अक्टूबर महीने में जीएसटी कलेक्शन 1.87 लाख करोड़ रुपये का रहा। सालाना आधार पर इसमें 8.9 फीसदी की तेजी आई है। पिछले साल अक्टूबर में यह 1.72 लाख करोड़ रुपये था। वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-नवंबर की अवधि के लिए कलेक्शन 14.57 लाख करोड़ रुपए है। यह लगातार 8वां महीना है जब जीएसटी कलेक्शन 1.7 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रहा है। जीएसटी कलेक्शन में हुई वृद्धि दर्शाती है कि देश में आर्थिक स्थिति में पहले के मुकाबले सुधार हो रहा है।
नवंबर में 8.5 % बढ़ा GST कलेक्शन
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक अक्टूबर में सीजीएसटी, एसजीएसटी, आईजीएसटी और सेस सभी में तेजी देखी गई है। अक्टूबर में केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) के रूप में 33,821 करोड़ रुपये का कलेक्शन हुआ। वहीं स्टेट जीएसटी (एसजीएसटी) कलेक्शन 41,864 करोड़ रुपये रहा। इसके अलावा बीते महीने सरकार को 99,111 करोड़ रुपये का इंटीग्रेटेड जीएसटी (आईजीएसटी) और 12,550 करोड़ रुपये का सेस कलेक्ट हुआ है। 2024-25 के पहले सात महीनों के लिए केंद्र सरकार के राजस्व-व्यय के आंकड़ों से पता चला है कि शुद्ध कर राजस्व लगभग 13 लाख करोड़ रुपये और चालू वित्त वर्ष के बजट अनुमान का 50.5 प्रतिशत था. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) द्वारा जारी लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के दौरान 1 अप्रैल से 10 नवंबर तक भारत का शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह, जिसमें कॉर्पोरेट कर और व्यक्तिगत आयकर शामिल हैं, 15.4 प्रतिशत बढ़कर 12.1 लाख करोड़ रुपये हो गया।
बता दें कि जीएसटी काउंसिल की बैठक (GST Counsil Meet) इसी महीने प्रस्तावित है. ये काउंसिल की 55वीं बैठक होगी, जो 21 दिसंबर 2024 को राजस्थान के जैसलमेर में आयोजित की जाएगी। इस बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा होने और बड़े फैसले होने की उम्मीद जताई जा रही है। बैठक के बाद आशा है कि आने वाले दिनों में जीएसटी टैक्स व्यवस्था में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं। इसकी वजह हाल में जीएसटी परिषद के दो मंत्री समूह की बैठक होना और उसका अपनी रिपोर्ट जीएसटी काउंसिल को सौंपना है। इसमें हेल्थ इंश्योारेंस प्रीमियम पर जीएसटी को हटाने से जुड़ा फैसला है।
