सीरिया में सत्ता का परिवर्तन हो चुका है और राष्ट्रपति बशर अल-असद की सरकार का पतन हो चुका है। सीरिया के अपदस्थ राष्ट्रपति बशर अल असद (Bashar-al-Assad) मॉस्को पहुंच गए हैं। असद के साथ उनका परिवार भी है। रूस के सरकारी मीडिया ने बताया कि उन्हें शरण दी गई है। सीरिया में विद्रोहियों के राजधानी दमिश्क सहित देश के ज्यादातर इलाकों पर कब्जा कर लिया था, जिसके बाद असद ने परिवार सहित सीरिया छोड़ दिया था। असद के देश छोड़ने की खबर के बाद बड़ी संख्या में लोग असद के दमिश्क स्थित आवास पर पहुंचे. यहां मौजूद बशर अल असद की तस्वीरों पर लोगों का जमकर गुस्सा फूटा. साथ ही लोगों ने इस घर में जमकर लूटपाट की है।
27 नवंबर को विद्रोही गुटों और सेना के बीच शुरू हुई थी लड़ाई
सीरिया में 27 नवंबर को विद्रोही गुटों और सेना के बीच लड़ाई शुरू हुई थी। विद्रोही लड़ाकों ने एक-एक कर 4 शहर जीतने के बाद 8 दिसंबर को राजधानी दमिश्क पर भी कब्जा कर लिया। इसके साथ ही सीरिया में 5 दशक से जारी असद परिवार के साम्राज्य का अंत हो गया है। अमेरिका ने सीरिया में असद सरकार के पतन का स्वागत किया है। वहीं, असद सरकार के सहयोगी ईरान ने सीरिया में हुए तख्तापलट को लेकर हैरानी जताई है। ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने रविवार को कहा कि वे इस बात से हैरान हैं कि सीरियाई सेना, विद्रोहियों को रोक नहीं सकी, यह सब बहुत तेजी से हुआ। अरागची ने यह भी कहा कि सीरिया के राष्ट्रपति असद ने ईरान से कोई मदद नहीं मांगी थी।
सीरिया के लिए एक नए युग की शुरुआत-विद्रोही
सीरियाई विद्रोही बलों ने कहा कि दमिश्क अब ‘अत्याचारी बशर अल-असद’ से मुक्त हो गया है, और “सीरिया के लिए एक नए युग” की घोषणा की है। इधर असद के भागते ही इजरायल ने सीरिया पर बम बरसाए हैं। सीरियाई विद्रोही बलों ने कथित तौर पर दमिश्क की कुख्यात सेडनया जेल से सभी बंदियों को भी रिहा कर दिया है, और “सेडनया जेल में अत्याचार के युग का अंत” की घोषणा की है। इस बीच, सीरियाई लोगों ने दमिश्क में असद के पिता हाफ़िज़ की मूर्ति को गिरा दिया और देश में असद परिवार के 50 साल लंबे शासन का अंत कर दिया।
बता दें कि करीब आठ साल तक सीरिया के गृहयुद्ध में मोर्चे स्थिर रहे, जहां असद की सरकार रूस और ईरान के समर्थन से देश के सबसे बड़े हिस्से पर राज कर रही थी, जबकि विभिन्न विपक्षी समूह उत्तर और पश्चिम में क्षेत्रों पर नियंत्रण बनाए हुए थे। लेकिन 27 नवंबर को कहानी बदल गई जब हयात तहरीर अल-शाम (HTS) नामक इस्लामिक समूह, जो पिछले पांच सालों से इडलीब प्रांत पर शासन कर रहा था उसने 13 गांवों पर कब्जा कर लिया. कुछ ही दिनों में, उन्होंने सीरिया के दूसरे सबसे बड़े शहर अलेप्पो, हमा, होम्स पर कब्जा किया और आखिरकार राजधानी दमिश्क पर भी कब्जा जमा लिया।
