संसद के शीतकालीन सत्र का आज 17वां दिन रहा। शीतकालीन सत्र का ज्यादातर वक्त हंगामे की भेंट चढ़ गया है। मंगलवार को भी संसद के उच्च सदन में संविधान पर चर्चा के दौरान भारी हंगामा देखने को मिला। इस दौरान विपक्षी सांसदों ने सरकार पर कई आरोप लगाए। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह राज्यसभा में संविधान पर चर्चा का जवाब देते हुए विपक्ष को कई मुद्दों पर घेरा। शाह ने अपने संबोधन के दौरान संविधान की रक्षा का जिक्र किया वहीं EVM और इमरजेंसी को लेकर विपक्ष पर जमकर निशाना साधा।
हमारा संविधान किसी देश के संविधान की नकल नहीं-अमित शाह
राज्यसभा में देश के संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि हमारा संविधान किसी देश के संविधान की नकल नहीं है। संविधान निर्माताओं ने दुनिया के तमाम देशों के संविधानों की अच्छी बातों को इसमें समाहित किया है। हम सब संविधान को मस्तक झुकाकर सम्मान करते हैं। कोई ये न समझे कि हमारा संविधान दुनिया के संविधानों की नकल है। गृह मंत्री अमित शाह राज्यसभा में कहा कि संसद के दोनों सदनों में संविधान को लेकर जो चर्चा हुई, वह देश की युवा पीढ़ी के लिए आने वाले समय में शिक्षाप्रद साबित होगी। हमारे साथ आजाद हुए देशों में लोकतंत्र सफल नहीं हुआ, लेकिन हमारा लोकतंत्र पाताल जितना गहरा पहुंच गया है।
हमारा लोकतंत्र पाताल तक गहरा-अमित शाह
अमित शाह ने कहा कि जब भारत आजाद हुआ तब दुनिया भर के लोगों को लगता था कि ये देश बिखर जाएगा, आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर नहीं बन पाएगा। आज 75 साल बाद भारत को देखा जाए तो मैं सरदार पटेल को धन्यवाद देता हूं कि उनके अथक परिश्रम के कारण देश मजबूत होकर दुनिया के सामने खड़ा है। भारत के साथ अनेक देश आजाद हुए लेकिन वहां कई बार लोकतंत्र सफल नहीं हुआ लेकिन हमारा लोकतंत्र पाताल तक गहरा पहुंचा हुआ है। देश की जनता और संविधान की खूबसूरती ने उन्हें भी जवाब दिया है जो ये कहते थे कि भारत आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर नहीं बन पाएगा। आज भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और हम ब्रिटेन से भी आगे हैं। अमित शाह ने राज्यसभा में कहा, हम आज जिस मुकाम पर खड़े हैं, उस पर महर्षि अरविंद और स्वामी विवेकानंद की वो भविष्यवाणी सच होती दिखाई देती है कि भारत माता अपनी देदीप्यमान ओजस्वी स्वरूप में जब खड़ी होंगी, तब दुनिया की आंखें चकाचौंध हो जाएगी और पूरी दुनिया रोशनी के साथ भारत की ओर देखेगी।
‘झारखंड में EVM सही, महाराष्ट्र में खराब’
अमित शाह ने आगे विपक्ष को घेरते हुए कहा कि 5 नवंबर 1971 को इंदिरा गांधी की सरकार ने 24वें संशोधन में नागरिक अधिकारों को कर्टेल करने का संसद को अधिकार दे दिया। अमित शाह ने 39वां संविधान संशोधन को लेकर भी कांग्रेस को घेरा। उन्होंने कहा कि ये संविधान संशोधन क्या था। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इंदिरा गांधी के निर्वाचन को अवैध घोषित कर दिया था। अभी कुछ नहीं है तो हारने पर ईवीएम ले लेकर घूमते हैं। महाराष्ट्र में सूपड़ा साफ हो गया और दूरबीन लेकर दिखाई नहीं देता। उसी दिन झारखंड में जीते हैं तो टप से नए कपड़े पहनकर जाकर शपथ ले ली। एक जगह ईवीएम सही, एक जगह खराब है। अमित शाह ने कहा कि आम चुनाव में संविधान लहराया गया। संविधान तो एक विश्वास है और इसका सम्मान होना चाहिए। ये लहराने का मुद्दा नहीं है। लोकसभा में, हरियाणा और महाराष्ट्र में जवाब मिल गया। कारण ढूंढ़ते हैं। फर्जी संविधान लेकर घूमते थे।
