पीएम मोदी इस समय कुवैत दौरे पर हैं। शेख मेशाल अल अहमद अल जबार अल सबाह के बुलावे पर पीएम मोदी वहां पहुंचे हैं। 43 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री का पहला दौरा है। कुवैत पहुंचने के बाद उन्होंने प्रवासी भारतीयों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने सांस्कृतिक कार्यक्रमों को भी देखा। शनिवार शाम को प्रधानमंत्री मोदी ने कुवैत के शेख साद अल अब्दुल्ला इंडोर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में सामुदायिक कार्यक्रम ‘हला मोदी’ को संबोधित किया। उस संबोधन में उन्होंने जोर देकर कहा है कि एक प्रधानमंत्री को कुवैत आने में चार दशक तक का समय लग गया। उन्होंने कहा कि सभी कुवैत में रह रहे भारतीयों में भी भारत के प्रति प्रेम है। पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि सिर्फ कूटनीति ने नहीं बल्कि दिलों ने भी भारत और कुवैत को जोड़ने का काम किया है।
कुवैत और भारत का रिश्ता काफी खास है-पीएम मोदी
पीएम ने अपने इस विदेश दौरे को ऐतिहासिक बताया और कहा कि भारत कुवैत के साथ ऐतिहासिक संबंध को गहराई से महत्व पर जोर देता रहा है। प्रधानमंत्री ने दावा किया कि भारत- कुवैत के बीज संबंध आगामी पीढ़ियों तक जारी रहेगा। पीएम मोदी ने कहा कि भारत- कुवैत द्विपक्षीय संबंध ना सिर्फ मजबूत व्यापार और ऊर्जा भागीदार नहीं हैं और पश्चिम एशिया क्षेत्र में शांति, सुरक्षा, स्थिरता और समृद्धि में हमारे साझा हित हैं। पीएम मोदी ने कहा कि भारत, दुनिया के उन पहले देशों में से एक है, जिसने कुवैत की स्वतंत्रता के बाद उसे मान्यता दी थी। इसलिए जिस देश से, जिस समाज से इतनी सारी यादें जुड़ी हैं… वहां आना मेरे लिए बहुत यादगार है। मैं कुवैत के लोगों और यहां की सरकार का बहुत आभारी हूं। उन्होंने अपने संबोधन में इस बात पर भी जोर दिया कि कुवैत और भारत का रिश्ता काफी खास है।
अरबी भाषा की रामायण और महाभारत पुस्तक भेंट में मिली
इससे पहले भारतीय मूल के लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी के लिए कथकली डांस परफॉर्म किया था। इसके बाद पीएम कुवैत सिटी पहुंचे। जहां अरबी भाषा में लिखी और प्रकाशित रामायण और महाभारत पुस्तक के प्रकाशक अब्दुल लतीफ अलनेसेफ और अनुवादक अब्दुल्ला बैरन से मुलाकात की। उन्होंने पीएम मोदी को अरबी भाषा में लिखी महाभारत और रामायण उपहार में भेंट की। इसके बाद मोदी ने कुवैत के स्पिक लेबर कैंप का दौरा किया और भारतीय मजदूरों से मुलाकात की। दरअसल, इसी साल 12 जून को कुवैत में मजदूरों के एक कैंप में आग लग गई थी, जिसमें 50 लोगों की जलकर मौत हो गई थी। इनमें 45 भारतीय थे।
