केंद्र की मोदी सरकार ने शिक्षा की दिशा में अहम बदलाव की ओर कदम बढ़ाते हुए एक बहुत बड़ा फैसला लिया है। शिक्षा मंत्रालय की ओर से नो डिटेंशन पॉलिसी (No Detention Policy) को खत्म करने का फैसला लिया है। इस पॉलिसी के खत्म होने के बाद ऐसे छात्र जो 5वीं कक्षा से 8वीं कक्षा में पढ़ रहे हैं और अगर वे उस कक्षा में फेल हो जाते हैं तो उन्हें अगली कक्षा में प्रमोट नहीं किया जायेगा। नए नियम के तहत अब उनको फेल ही माना जायेगा और उनको दोबारा से उस कक्षा को पास करना होगा। इस नई नीति का उद्देश्य स्टूडेंट्स की सीखने की क्षमता को बेहतर बनाना और एकेडमिक परफॉर्मेंस में सुधार लाना है।
2 महीने के अंदर दोबारा परीक्षा देने का मिलेगा मौका
सरकार के इस फैसले के की जानकारी केंद्रीय शिक्षा विभाग के सेक्रेटरी संजय कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से दी। सरकार के नए नोटिफिकेशन के मुताबिक फेल होने वाले स्टूडेंट्स को 2 महीने के अंदर दोबारा परीक्षा देने का मौका दिया जाएगा। अगर वे दोबारा फेल होते हैं, तो उन्हें प्रमोट नहीं किया जाएगा, बल्कि जिस क्लास में वो पढ़ रहे थे उसी में दोबारा पढ़ेंगे। हालांकि स्कूल छात्रों को स्कूल से निष्कासित नहीं कर सकते हैं। पास होने के लिए उन्हें दोबारा परीक्षा देनी होगी और जब तक वे पास नहीं होते पदोन्नत नहीं किया जायेगा।
शिक्षा विभाग के सचिव संजय कुमार ने आगे कहा कि हमारा प्रयास शिक्षा में सुधार के लिए उपाय सभी संभव और जरूरी उपाय करने का है और यह फैसला उसी को ध्यान में रखकर लिया गया है। इस फैसले के बाद हमने यह भी तय किया है कि हमारे स्कूलों में ऐसे बच्चे जिनका पढ़ाई से किसी कारणवश विशेष लगाव नहीं है उन पर विशेष ध्यान भी दिया जाएगा और इसीलिए हमने इस पॉलिसी के अंडर आने वाले बच्चों के लिए दोबारा एग्जाम जल्द आयोजित करने का फैसला किया है।
इन विद्यालयों पर होगा सीधा असर
केंद्र सरकार की नई पॉलिसी का असर केंद्रीय विद्यालयों, नवोदय विद्यालयों और सैनिक स्कूलों सहित करीब 3 हजार से ज्यादा स्कूलों पर होगा। 16 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों (दिल्ली और पुडुचेरी) ने पहले ही नो-डिटेंशन पॉलिसी को खत्म कर दिया है। शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक स्कूली शिक्षा राज्य का विषय है, इसलिए राज्य इस संबंध में अपना निर्णय ले सकते हैं। यह नीति लंबे समय से चर्चा में थी, लेकिन अब नई व्यवस्था के तहत क्लास 5 और 8 में वार्षिक परीक्षा में असफल होने वाले स्टूडेंट्स को फेल किया जाएगा।
