उत्तर प्रदेश में संभल के चंदौसी के मोहल्ला लक्ष्मण गंज में बांकेबिहारी मंदिर के पास खाली प्लॉट में मिली बावड़ी की चौथे दिन भी खुदाई जारी है। खुदाई के दौरान संभल की धरती हर दिन सनातन धर्म से जुड़े नए-नए राज खोल रही है। भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच यहां अबतक 8 से 10 फीट की खुदाई हो चुकी है। खुदाई में अब तक तीन मंजिला बावड़ी की इमारत में नीचे जाने वाली सीढ़ियां नजर आने लगी हैं। खुदाई के लिए नगर पालिका के 50 कर्मचारी लगे हुए हैं। पूरे मामले में प्रशासन नजर बनाए हुए हैं। जमीन के नीचे बावड़ी होने की जानकारी के बाद आसपास के कई गांवों के लोग मौके पर पहुंचने लगे हैं।
लक्ष्मणगंज में आज भी खुदाई जारी
रविवार को चंदौसी में रानी की बावड़ी के रहस्य भी बेहद हैरान कर देने वाले हैं। यह बावड़ी की खुदाई की जा रही है। इस बीच बावड़ी में एक और प्राचीन गलियारा निकला है। खुदाई में अब तक प्रशासन की टीम सात फुट तक गहराई तक खुदाई कर रही है। जिसमें पांच-पांच गलियारे शामिल है। बावड़ी चंदौसी के लक्ष्मणगंज में आज भी खुदाई की जा रही थी, बाद में एक और गलियारा मिला। यहां पर सीढ़ियां, गलियारा और एक मुख्य गेट भी मिला हुआ है। ये मुख्य गेट बावड़ी का ही है जिसमें अंदर से बावड़ी के अंदर जाया जाता है। गलियारा मीटिंग के बाद निगम की टीम अब और गहराई से खोदने में निकल गई है।
तीर्थ और कुएं फिर से अपने अस्तित्व में आएं-प्रशासन
दरअसल, संभल का जिला प्रशासन चाहता है कि तीर्थ और कुएं फिर से अपने अस्तित्व में आएं। कुओं के जरिए वाटर हार्वेस्टिंग हो और भूजल रीचार्ज हो। उत्तर प्रदेश का राज्य पुरातत्व विभाग (State Archaeological Directorate) इन सभी जगहों की कार्बन डेटिंग भी कर रहा है, ताकि पता चल सके कि ये कुएं और मूर्तियां कितने पुराने हैं। अधिकारियों के अनुसार, इस प्रक्रिया का उद्देश्य जमीन में दफन राज और सबूतों को सामने लाना है। आज खुदाई को बावड़ी की गहराई तक बढ़ाया जाएगा, ताकि पूरी बावड़ी को उजागर किया जा सके और उसके भीतर छिपे हर दावे और रहस्य से पर्दा उठ सके। खुदाई से जुड़ी टीम का मानना है कि इस ऐतिहासिक स्थल से नई जानकारी मिल सकती है, जो अतीत के कई अनसुलझे सवालों का जवाब दे सके।
