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Jammu & Kashmir: पुंछ में भीषण सड़क हादसा, 300 फीट गहरी खाई में गिरा भारतीय सेना का ट्रक, 5 जवानों की मौत

जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में एक बड़ा सड़क हादसा हो गया। पुंछ जिले के बलनोई सेक्टर में मंगलवार शाम आर्मी वैन 350 फीट गहरी खाई में गिर गई। वैन में 18 जवान सवार थे। इनमें से 5 की मौत हो गई। वहीं, 10 घायल हैं। 4 की हालत गंभीर है। 3 लापता जवानों की तलाश जारी है। घटनास्थल पर बचाव अभियान जारी है और घायल कर्मियों का उपचार किया जा रहा है। सेना के अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी है। खबरों के मुताबिक सभी जवान शाम को लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) की ओर जा रहे थे। इसी दौरान बलनोई इलाके में घोड़ा पोस्ट के पास ड्राइवर के संतुलन खोने की वजह से वैन खाई में गिर गई। सभी जवान 11 मराठा रेजिमेंट के बताए जा रहे हैं।

ट्रक चालक के संतुलन बिगड़ने से हुआ हादसा

रिपोर्ट के मुताबिक, नीलम हेडक्वॉर्टर से बलनोई घोरा पोस्ट की ओर जा रही 11 MLI का आर्मी ट्रक घोरा पोस्ट पर पहुंचते ही हादसे का शिकार हो गया। सेना का ट्रक 2.5 टन का था। ये सेना के 6 गाड़ियों वाले काफिले में शामिल था और LOC की तरफ जा रहा था। हादसा शाम करीब 5:22 बजे हुआ। ट्रक में कुल 11 जवान सवार थे, जिनमें 5 की मौत हो चुकी है। ऐसा बताया जा रहा है कि सड़क के एक मोड़ पर ट्रक चालक ने नियंत्रण खो दिया, जिससे ये खाई में जा गिरी। दुर्घटना की सूचना मिलते ही 11 एमएलआई की त्वरित प्रतिक्रिया टीम ने तत्काल बचाव अभियान शुरू किया। टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर घायलों को बचाने के लिए कार्रवाई की। इसके अलावा कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और बचाव कार्यों की निगरानी की। रेस्क्यू टीम ने पांचों शव बरामद कर लिए हैं। घायल जवानों का आर्मी के अस्पताल में इलाज किया जा रहा है।

पूंछ में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

फिलहाल, पूंछ में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है, और राहत व बचाव दल मौके पर पहुंचकर घायलों को सुरक्षित निकालने का प्रयास कर रहे हैं। घायलों में से कुछ की हालत बेहद गंभीर बताई जा रही है, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यह घटना LoC के पास के हुई है जो कि पुलिस पोस्ट मानकोट और थाना मेंढर के अंतर्गत आता है। इससे पहले 4 नवंबर को राजौरी में सड़क हादसे में नायक 2 जवानों की जान चली गई थी। 2 नवंबर को रियासी जिले में कार खाई में गिर जाने से 3 लोगों की मौत हो गई थी। बता दें कि जम्मू-कश्मीर में इन दिनों भीषण ठंड पड़ रही है। शीत लहर के बीच यहां बार-बार अघोषित बिजली कटौती भी हो रही है। ठंड से बचाने वाले बिजली से चलने वाले आधुनिक उपकरण नाकाम साबित हो रहे हैं। कश्मीर अब फिर से ठंड से बचाव के अपने पारंपरिक तरीकों की ओर लौट रहा है।

Mayank Dwivedi
Author: Mayank Dwivedi

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