चीन में हाहाकार मचाने के बाद भारत में भी ह्यूमन मेटापेन्यूमोवायरस (HMPV) के मामले मिलने शुरु हो गए हैं। अब एक नया केस मुंबई में मिला है। मुंबई को जोड़कर अब भारत में HMPV के 8 मामले सामने आ चुके हैं। अभी तक अधिकतर केस केवल बच्चों में ही आए हैं. इस वायरस से बच्चों को खांसी- जुकाम और कुछ मामलों में सांस लेने में परेशानी की समस्या भी हो रही है। भारत में वायरस के 8 एक्टिव केस दर्ज किए गए हैं, जिनमें से दो महाराष्ट्र, दो कर्नाटक, और दो तमिलनाडु में। वहीं, गुजरात के अहमदाबाद में अभी तक सिर्फ एक एक्टिव केस पाया गया है। ये सभी संक्रमण बच्चे में पाए गए हैं। हालांकि, विशेषज्ञों और सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह वायरस खतरनाक नहीं है और स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है।
अबतक बच्चों में सबसे ज्यादा संक्रमण
मुंबई में जिस बच्ची में HMPV का मामला सामने आया है वह महज छह महीने की है। 1 जनवरी को गंभीर खांसी, सीने में जकड़न और ऑक्सीजन स्तर 84 फीसदी गिरने के कारण बच्ची को अस्पताल में भर्ती किया गया था। डॉक्टर्स ने नये रैपिड पीसीआर टेस्ट के जरिए पुष्टि की है कि वह HMPV से संक्रमित है। बच्ची को आईसीयू में ब्रोंकोडायलेटर्स जैसी दवाओं से लक्षणों का उपचार दिया गया और फिर पांच दिनों बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। स्वास्थ्य मंत्रालय वायरस को लेकर सतर्क है। एचएमपीवी वायरस के मामले बच्चों में तो आ ही रहे हैं, लेकिन बच्चों के अलावा किन लोगों को इस वायरस से ज्यादा खतरा है. एक्सपर्ट्स बताते हैं कि कोविड से मिली सीख को ध्यान में रखते हुए, यह जरूरी है कि HMPV वायरस को हल्के में न लिया जाए। इस वायरस के बारे में जानकारी, लक्षण, और बचाव के उपायों को जानना जरूरी है।
2001 में नीदरलैंड में मिला था ये वायरस
इस वायरस की पहचान सबसे पहले 2001 में नीदरलैंड में बच्चों में की गई थी। हालांकि, ब्रिटेन के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार, कई अध्ययनों से पता चला है कि यह बीमारी कम से कम 50 वर्षों से मनुष्यों में फैल रही है। एचएमपीवी 1958 से ही नीदरलैंड में मौजूद था। नीदरलैंड में इसकी खोज के बाद, दुनिया भर के अन्य शोध समूहों ने ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी अमेरिका और यूरोप में वायरस की रिपोर्ट की। अब चीन में हाहाकार मचाने वाली बीमारी एक बार फिर दुनिया में बड़े स्तर पर दस्तक दी है। चीन में फैलने के बाद HMPV वायरस (ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस) के कई केस भारत, मलेशिया, हांगकांग, जापान और ब्रिटेन समेत कई देशों में सामने आ चुके हैं। दुनिया भर के अस्पतालों को हाई अलर्ट पर रखा गया है, जिसमें श्वसन संबंधी बीमारियों से संक्रमित रोगियों की संख्या में वृद्धि देखी गई है. आइये जानते हैं इस एचएमपीवी वायरस की टाइमलाइन के बारे में कि कब इस बीमारी का पहली बार पता चला और कब इसके केस चीन में बढ़ने शुरू हुए।
