दिल्ली विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। इससे पहले अरविंद केजरीवाल की टेंशन बढ़ाने वाली रिपोर्ट सामने आई है। दरअसल, दिल्ली में विधानसभा चुनाव से पहले कथित शराब घोटाले का मुद्दा फिर चर्चाओं में आ गया है। शराब नीति से जुड़ी भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट लीक हुई है। लीक हुई कैग रिपोर्ट के हवाले से एक निजी मीडिया समूह ने दावा किया है कि इसमें लाइसेंस जारी करने में महत्वपूर्ण खामियों, नीतिगत विचलन और उल्लंघनों पर प्रकाश डालती है। इसमें यह भी उल्लेख किया गया है कि नीति अपने इच्छित लक्ष्यों को प्राप्त करने में विफल रही और आप नेताओं को कथित तौर पर रिश्वत से लाभ हुआ। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि विशेषज्ञ पैनल की सिफारिशों को तत्कालीन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के नेतृत्व वाले मंत्रियों के समूह (जीओएम) द्वारा नजरअंदाज कर दिया गया था।
आबकारी नीति में बहुत सारी खामियां थीं-CAG रिपोर्ट
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली सरकार की अब खत्म हो चुकी आबकारी नीति में बहुत सारी खामियां थीं। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि अरविंद केजरीवाल प्रशासन ने घाटे में होने के बावजूद कुछ बोलीदाताओं को लाइसेंस दे दिया, जिससे कई सवाल खड़े होते हैं। कैबिनेट ने नीति को मंजूरी दे दी थी और कई अहम फैसलों पर तब के उप-राज्यपाल की मंजूरी भी नहीं ली गई थी। रिपोर्ट के अनुसार, नीति में खामियों के कारण सरकार को भारी वित्तीय नुकसान हुआ। शराब की कीमत तय करने और लाइसेंस जारी करने में पारदर्शिता की भारी कमी रही। शराब की गुणवत्ता जांचने के लिए लैब की सुविधाओं की कमी रही और खुदरा दुकानों का वितरण भी समान रूप से नहीं किया गया।
आबकारी नीति से राजस्व में भी हुआ भारी घाटा
दिल्ली सरकार के नुकसान का ब्यौरा देते हुए कैग रिपोर्ट में कहा गया कि कुछ रिटेलर ने नीति खत्म होने से पहले अपने लाइसेंस सरेंडर कर दिए और सरकार ने उन्हें फिर से टेंडर नहीं दिया। इसकी वजह से 890 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। इतना ही नहीं इसमें यह भी कहा गया है कि सरकार ने कुछ लाइसेंसधारियों को छूट दी। इस कारण भी 941 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। केजरीवाल सरकार ने कथिर तौर पर कोरोना महामारी में बैन के कारण 144 करोड़ रुपये का लाइसेंस फीस माफ कर दी। इससे राजस्व में भारी घाटा हुआ।
पूरी दिल्ली सरकार पर घोटाले का आरोप
दिल्ली विधानसभा चुनाव के बीच दिल्ली शराब नीति को लेकर कथित घोटाले ने तूल पकड़ लिया है। इस मुद्दे ने दिल्ली में चुनावी माहौल को और गर्म कर दिया है, और दोनों पक्षों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। बीजेपी का आरोप है कि शराब नीति के चलते दिल्ली सरकार को 2,026 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ और कई AAP नेताओं ने रिश्वत ली। बता दें कि दिल्ली में 2021 में नई शराब नीति लागू की गई थी। इसमें लाइसेंस आवंटन को लेकर कई सवाल खड़े हुए। नीति वापस लेनी पड़ी। अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा। दोनों जेल भी गए। CM और डिप्टी CM पद छोड़ना पड़ा। फिलहाल जमानत पर बाहर हैं।
