मिल्कीपुर विधानसभा के उपचुनाव के लिए भाजपा ने अपने पत्ते खोल दिए हैं। पार्टी ने चंद्रभान पासवान को अपना उम्मीदवार बनाया है। इसके संबंध में भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय कार्यालय से प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई है। चंद्रभान के अलावा कई नेता यहां से टिकट के दावेदार थे लेकिन पार्टी दलित समुदाय से आने वाले नेता को अपना कैंडिडेट घोषित किया। 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने गोरखनाथ को टिकट दिया था लेकिन इस बार उनको टिकट नहीं मिला। इस बार भी गोरखनाथ समेत आधा दर्जन नेता प्रत्याशी बनने की दौड़ में शामिल थे।
मिल्कीपुर में पासी vs पासी होगा मुकाबला
समाजवादी पार्टी पहले ही अयोध्या के सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को यहां से प्रत्याशी घोषित कर चुकी है। अवधेश प्रसाद की तरह चंद्रभान पासवान पासी समाज से आते हैं। वहीं बसपा ने इस सीट पर चुनाव न लड़ने का एलान कर दिया था। कांग्रेस और बसपा के इस चुनाव में सीधे तौर पर न आने से भाजपा और सपा के उम्मीदवार में सीधी टक्कर होगी। अब देखना यह होगा कि जनता किसे अपना नेता चुनती है। मिल्कीपुर सीट पर सालों से समाजवादी पार्टी का ही कब्जा रहा है। ये सीट सपा का गढ़ मानी जाती है। साल 1991 से अब तक बीजेपी यहां सिर्फ दो बार चुनाव जीती है, जबकि छह बार सपा और दो बार बसपा से विधायक रहे हैं।
दो बार जिला पंचायत सदस्य रहे हैं चंद्रभान पासवान
समाजवादी पार्टी के अजीत प्रसाद की तरह ही चंद्रभान पासवान युवा नेता हैं। दोनों ही पासी समाज से है। चंद्रभान रुदौली से दो बार जिला पंचायत सदस्य रहे हैं। बीजेपी प्रत्याशी चंद्रभान पासवान पेशे से वकील हैं। मिल्कीपुर के उपचुनाव में प्रमुख दावेदारों में शामिल थे। वह बीजेपी की जिला इकाई में कार्य समिति के भी सदस्य हैं। उनकी पत्नी रुदौली से दो बार से जिला पंचायत सदस्य हैं। उनके पिता बाबा राम लखन दास ग्राम प्रधान हैं। मौजूदा समय में उनकी पत्नी भी जिला पंचायत सदस्य हैं। द्रभान पासवान का परिवार मुख्य रूप से सूरत के व्यवसायी परिवार है। साड़ी के व्यापार में पूरा परिवार सक्रिय हैं। रुदौली में भी साड़ी का कारोबार करते हैं। पिछले 2 वर्षों से मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर सक्रिय थे। इससे पहले 2022 के चुनाव में भाजपा ने गोरखनाथ को यहां से उतारा था। इस बार भी गोरखनाथ समेत आधा दर्जन नेता प्रत्याशी बनने की दौड़ में शामिल थे।
5 फरवरी को मिल्कीपुर वोटिंग
मिल्कीपुर (Milkipur By Election) विधानसभा सीट पर 5 फरवरी को वोटिंग और 8 फरवरी को मतगणना होगी। नवंबर में हुए नौ विधानसभा सीटों के उपचुनाव में सिर्फ दो सीटें जीतने वाली सपा को झटका लगा था। मिल्कीपुर से सटी कटेहरी सीट पर उसे हार का सामना करना पड़ा था। इस सीट से पार्टी के विधायक रहे लालजी वर्मा के सांसद बनने के बाद हुए उपचुनाव में भाजपा ने जीत दर्ज की थी। वहीं उपचुनाव में जीत के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं में उत्साह है। कांग्रेस के मैदान से हटने के बाद अब मिल्कीपुर विधानसभा सीट दोनों पार्टियों के लिए नाक का सवाल बनी हुई है।
Author: Mukul Dwivedi
I graduated From the University of Allahabad and PG diploma in Mass communication From Government Polytechnic Lucknow. After study worked with Bharat samachar as Trainee Producer. Currently I am working With Ekal Bharat as a Producer.












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