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8th Pay Commission: आठवें वेतन आयोग को मिली केंद्र सरकार की मंजूरी, 2026 से होगा लागू

केंद्र सरकार ने बजट 2025 से पहले ही सरकारी कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया है। नरेंद्र मोदी की नेतृत्‍व वाली सरकार ने 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन की मंजूरी दे दी है। इससे पहले नरेंद्र मोदी सरकार के ही कार्यकाल में साल 2016 में 7वां वेतन आयोग (7th Pay Commission) लागू किया गया था। तब केंद्रीय कर्मचारियों की न्‍यूनतम बेसिक सैलरी में उल्‍लेखनीय बढ़ोतरी देखने को मिली थी। अब 8वें वेतन आयोग की मंजूरी दी गई है। इससे एक बार फिर कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में तगड़ा उछाल हो सकता है। आपको बता दें कि 7वें वेतन आयोग का कार्यकाल 31 दिसंबर 2025 को खत्म हो जाएगा। और आठवें वेतन आयोग को 1 जनवरी 2026 से लागू किया जाना है।

50 लाख कर्मचारियों को होगा फायदा

कैब‍िनेट बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्‍णव ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्‍यक्षता में केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ी राहत देते हुए 8वां वेतन आयोग लागू करने का फैसला लिया गया है। इस आयोग को 2026 में लागू किया जा सकता है, क्‍योंकि 7th Pay Commission का कार्यकाल 31 दिसंबर 2025 तक है। केंद्रीय कैबिनेट के इस फैसले का फायदा केंद्र सरकार के 49.18 लाख सरकारी कर्मचारियों को मिलेगा और इसके साथ-साथ 64.89 लाख पेंशनर्स को भी इससे फायदा मिलेगा। सरकारी कर्मचारियों को सैलरी इजाफा, वेतन के साथ अन्य भत्तों और बेसिक सैलरी में बढ़ोतरी जैसे फायदे मिलेंगे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बार फिटमेंट फैक्टर कम से कम 2.86 तय किया जा सकता है। ऐसा होने पर कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी में भी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। यह 51,480 रुपये हो सकती है। अभी मिनिमम बेसिक सैलरी 18,000 रुपये है। पेंशनभोगियों को भी इसी तरह फायदा मिलेगा। उनकी मिनिमम पेंशन अभी 9,000 रुपये से बढ़कर 25,740 रुपये हो सकती है।

2016 में लागू हुआ था 7वां पे कमीशन

7वें पे कमीशन की सिफारिशें मोदी सरकार ने 2016 में लागू की थीं। 7वें वेतन आयोग के तहत 2.57 का फिटमेंट फैक्टर लागू किया गया था। इसमें केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के मूल वेतन में 2.57 से गुना किया गया। यह मूल वेतन में 2.57 फीसदी की इजाफे के बराबर था। इसके हिसाब से पिछले वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 1.86 था। आठवां पे कमीशन 1 जनवरी 2026 से लागू होगा। समय रहते सुझाव, सिफारिशें आदि आएं इसलिये इसका गठन जल्द किया गया है। बता दें कि हर वेतन आयोग का कार्यकाल 10 साल होता है। पांचवें, छठे, सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें भी 10 साल के लिए लागू की गईं।

Mayank Dwivedi
Author: Mayank Dwivedi

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