अमेरिका में आयोजित कंजर्वेटिव पॉलिटिकल एक्शन कॉन्फ्रेंस (CPAC) को संबोधित करते हुए इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने लेफ्ट पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सत्ता में वापसी को लेकर वामपंथियों की बेचैनी पर तंज कसा और दक्षिणपंथी नेताओं के वैश्विक एकजुटता की तारीफ की। उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर मिलेई और वह खुद मिलकर एक नए वैश्विक दक्षिणपंथी आंदोलन का निर्माण कर रहे हैं और उसका नेतृत्व कर रहे हैं। मेलोनी के इस बयान ने वैश्विक राजनीति में दक्षिणपंथ और वामपंथ के बीच बढ़ते तनाव को एक बार फिर रेखांकित किया। CPAC में दिए गए उनके भाषण की दुनिया भर में चर्चा हो रही है।
‘मोदी, ट्रंप जब बोलते हैं तो लोकतंत्र के लिए खतरा बताया जाता है’
इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी ने कहा कि जब बिल क्लिंटन और टोनी ब्लेयर ने 90 के दशक में वैश्विक वामपंथी नेटवर्क बनाया था, तब उन्हें राजनेता कहा गया था। लेकिन आज जब ट्रंप, मेलोनी या मोदी बोलते हैं, तो उन्हें लोकतंत्र के लिए खतरा बताया जाता है। इससे इनका ‘दोहरा चरित्र’ उजागर हो गया है। मेलोनी ने कहा कि अब दुनिया वामपंथ की झूठी कहानियों पर विश्वास नहीं करती और वे राष्ट्रवादी नेताओं पर होने वाली ‘प्रेरित आलोचनाओं’ से परिचित हैं।
“ट्रंप के सत्ता में लौटते ही वामपंथी घबरा गए हैं”
मेलोनी ने ये भी कहा कि ट्रंप के सत्ता में लौटते ही वामपंथी घबरा गए। उन्होंने कहा कि यह केवल इसलिए नहीं हुआ कि रूढ़िवादी चुनाव जीत रहे हैं, बल्कि इसलिए भी कि वे अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एकजुट हो रहे हैं। मेलोनी ने ट्रंप को एक मजबूत नेता बताया और इस धारणा को खारिज किया कि उनका राष्ट्रपति बनना दक्षिणपंथी गठबंधन में फूट डाल सकता है। उन्होंने कहा, ‘हमारे विरोधी उम्मीद कर रहे हैं कि राष्ट्रपति ट्रंप हमसे दूरी बना लेंगे, लेकिन मैं उन्हें एक मजबूत और प्रभावी नेता के रूप में जानती हूं। मुझे भरोसा है कि जो लोग यह उम्मीद लगाए बैठे हैं, वो गलत साबित होंगे
