सीबीएसई बोर्ड में अब 10वीं की परीक्षाएं साल में दो बार आयोजित की जाएंगीं। यह नियम 2026 से लागू होगा। बोर्ड ने मंगलवार को इसके मसौदे को मंजूरी दे दी है। बोर्ड के मुताबिक पहले चरण में कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षाएं फरवरी मार्च में और दूसरे चरण की परीक्षाएं मई में कराई जाएंगीं। इस फैसले का फायदा 26 लाख से ज्यादा बच्चों को मिलेगा। 2025 के एग्जाम में 24 लाख से ज्यादा बच्चे बैठ रहे हैं। बोर्ड ने यह फैसला बच्चों के एग्जाम स्ट्रेस को देखते लिया है।
बच्चों को मानसिक तौर पर फायदा होगा-शिक्षा मंत्री
दरअसल, शिक्षा मंत्रालय की अध्यक्षता में हुई एक अहम बैठक में बोर्ड के उस ड्राफ्ट को मंजूरी मिल गई जिसमें 10वीं बोर्ड की परीक्षा साल में दो बार आयोजित कराने की बात रखी गई थी। प्रस्ताव का उद्देश्य छात्रों को बोर्ड परीक्षाओं में अपने प्रदर्शन को बेहतर बनाने का मौका देना है, जिससे छात्रों पर दबाव और तनाव कम हो। शिक्षा मंत्रालय ने बोर्ड के इस प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि JEE की तरह 2 बार परीक्षा से बच्चों को मानसिक तौर पर फायदा होगा। एक बार स्कोर कम होने पर वह दूसरी उसे बेहतर कर सकें।
पहला चरण फरवरी-मार्च में होगा और दूसरा चरण मई में होगा
CBSE के अनुसार 10वीं बोर्ड परीक्षा का पहला चरण फरवरी-मार्च में होगा और दूसरा चरण मई में आयोजित किया जाएगा। छात्रों को दोनों परीक्षाओं में बैठने का ऑप्शन मिलेगा, लेकिन यह जरूरी नहीं होगा। अगर कोई छात्र पहली परीक्षा से संतुष्ट नहीं है, तो वह दूसरी परीक्षा में शामिल हो सकता है और अपने अंकों में सुधार कर सकता है। दोनों फेज की परीक्षाओं का रिजल्ट भी अलग-अलग जारी होगा। इसके अलावा प्रायोगिक परीक्षा या आंतरिक मूल्यांकन केवल एक बार किया जाएगा। इस नए स्ट्रक्चर का उद्देश्य छात्रों को अधिक फ्लैक्सिबिलिटी प्रदान करना और साल में एक बार बोर्ड एग्जाम देने के दबाव को कम करना है। छात्रों को दोनों सत्रों में उपस्थित होने और अपनी तैयारी के लिए सबसे उपयुक्त सत्र चुनने का अवसर मिलेगा।
नई शिक्षा नीति (NEP) के तहत मंत्रालय ने लिया फैसला
CBSE का यह फैसला नई शिक्षा नीति (NEP) के तहत लिया गया है। यह प्रोसेस छात्रों की मानसिक सेहत और उनके सीखने की प्रक्रिया को ध्यान में रखकर लिया गया है। इस बदलाव से परीक्षा का डर कम होगा और छात्रों को अपनी पढ़ाई के लिए ज्यादा मौका मिलेगा। इससे बच्चों पर बोर्ड एग्जाम्स का दबाव कम होगा। मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन ने पिछले सप्ताह 19 फरवरी को CBSE बोर्ड सचिव और दूसरे शिक्षाविदों के साथ साल में 2 बार बोर्ड एग्जाम कराने को लेकर चर्चा की थी। शिक्षामंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने CBSE, NCERT, KVS, NVS और कई स्कूल पदाधिकारियों के साथ साल में 2 बार परीक्षाएं कराने पर चर्चा की जिसके बाद ये फैसला लिया गया।
