चीन (China) और अमेरिका (America) के बीच टैरिफ को लेकर तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। अमेरिका ने चीनी इंपोर्ट(Chinese Import) पर 20 प्रतिशत टैरिफ का ऐलान किया है। इन सबके बीच अब चीन की निगाहें भारत पर आकर टिक गई हैं। इस बीच चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा है कि ऐसे माहौल में नई दिल्ली और बीजिंग(Indo China Relation) को साथ आने की जरूरत है। उन्होंने आगे कहा कि ये वो मौका है जब दोनों देशों को साझा सफलता हासिल करने के लिए मिलकर काम करने पर ध्यान देने की जरूरत है। यदि दोनों राष्ट्र, जो एशिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं हैं, आपस में मिल जाएं, तो अंतरराष्ट्रीय संबंधों का लोकतंत्रीकरण और ग्लोबल साउथ का विकास और सुदृढ़ीकरण एक उज्जवल भविष्य होगा। फिलहाल चीन के विदेश मंत्री के इस बयान पर भारत ने अभी तक अपने तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
ड्रैगन और हाथी का साथ आना जरुरी है-चीन
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने शुक्रवार को बीजिंग(China) में 14वीं नेशनल पीपुल्स कांग्रेस के तीसरे सत्र के मौके पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ड्रैगन और हाथी का एक सहयोगी “पास डे ड्यूक्स” दोनों पक्षों के लिए एकमात्र सही विकल्प है। उन्होंने भारत और चीन के रिश्तों को लेकर संकेत दिए। उन्होंने कहा, चीन और भारत को ऐसे साझेदार होना चाहिए जो एक-दूसरे की सफलता में योगदान दें। ये वो समय है जब दोनों देशों को एक दूसरे का समर्थन करना चाहिए, ना कि एक दूसरे को कमजोर करने की कोशिश करनी चाहिए। खास बात ये है कि वांग की ये टिप्पणी विदेश मंत्री एस जयशंकर(S Jayshankar) के भारत-चीन संबंधों पर बयान के बाद आई है। जयशंकर ने हाल ही में कहा था कि भारत-चीन के साथ स्थिर संबंध चाहता है। वांग यी(wang yi ) ने आगे कहा कि दोनों देशों को न केवल अपने वैध अधिकारों और हितों की रक्षा करनी चाहिए बल्कि अंतरराष्ट्रीय संबंधों को नियंत्रित करने वाले बुनियादी मानदंडों को भी बनाए रखना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अगर चीन और भारत हाथ मिलाते हैं तो अंतरराष्ट्रीय मामलों में अधिक लोकतंत्र और मजबूत वैश्विक दक्षिण की संभावना में काफी सुधार होगा।
चीन-भारत राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ मनाएंगे-वांग यी
वांग यी ने बताया कि 2025 में चीन-भारत राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ मनाएंगे। चीन भारत के साथ मिलकर काम करने को तैयार है, ताकि दोनों देशों के संबंधों को मजबूत और स्थिर विकास के रास्ते पर तेजी से आगे बढ़ाया जा सके। वांग यी ने आगे कहा कि चीन का मानना है कि सबसे बड़े पड़ोसी होने के नाते दोनों देशों को एक-दूसरे की सफलता में हिस्सेदार बनना चाहिए। ड्रैगन और हाथी के बीच सहयोगात्मक साझेदारी ही दोनों पक्षों के सामने एकमात्र सही विकल्प है। एक-दूसरे को कमतर आंकने के बजाय आपस में समर्थन करना चाहिए। दोनों देशों को एक-दूसरे के खिलाफ सतर्कता बरतने की जगह साथ मिलकर काम करने की जरूरत है।
ट्रंप की टैरिफ नीति देख बौखलाया चीन
दरअसल, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति पद पर काबिज होने के बाद कई कार्यकारी आदेशों से हस्ताक्षर किए। उन्होंने, टैरिफ को बढ़ाने की भी बात की है। ट्रंप ने घोषणा की है कि 2 अप्रैल, 2025 को अमेरिका उन देशों पर पारस्परिक टैरिफ लगाएगा जो अमेरिकी चीजों पर ज्यादा शुल्क लगाते हैं। कांग्रेस में अपने संबोधन के दौरान, ट्रंप ने भारत और चीन सहित अन्य देशों की “बहुत अनुचित” टैरिफ प्रथाओं के लिए आलोचना भी की है। अब चीन के विदेश मंत्री ने अमेरिका के टैरिफ बढ़ाने को लेकर भी सख्त रुख अपनाया। उन्होंने कहा, हम अमेरिका के “मनमाने टैरिफ” का जवाब देना जारी रखेंगे। जब अमेरिका वित्तीय संकट का सामना कर रहा था तो चीन ने इसकी मदद की लेकिन चीन की इस मदद का अमेरिका ने टैरिफ बढ़ा कर जवाब दिया है। हमारी अच्छाई का बुराई से जवाब दिया। यह मनमाने टैरिफ देशों के बीच संबंधों में तनाव पैदा कर रहे हैं।
