होली, भारत का सबसे रंगीन और आनंदमयी त्योहार है, जिसे हर राज्य में धूमधाम से मनाया जाता है। इस बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने होली के मौके पर गोरखपुर में कुछ खास अंदाज में इस त्योहार का जश्न मनाया। आमतौर पर देखा जाता है कि नेता इस दिन अपने घर पर होली मनाते हैं, लेकिन योगी आदित्यनाथ ने इस बार गोरखपुर में जनता के साथ होली मनाने का निर्णय लिया। उनके इस कदम ने न केवल उनके समर्थकों, बल्कि पूरे प्रदेशवासियों का ध्यान खींचा।
गोरखपुर में होली का जश्न: CM योगी का रंगीन अंदाज
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस बार गोरखपुर में होली का पर्व सार्वजनिक रूप से मनाया। वे गोरखपुर के एक कार्यक्रम में पहुंचे, जहां पर उन्होंने लोगों के साथ रंगों से खेला और त्योहार का आनंद लिया। योगी आदित्यनाथ ने अपने गोरखपुर दौरे के दौरान अपने समर्थकों और जनता के साथ इस पर्व को मनाया, और यह उनके नेतृत्व में उत्तर प्रदेश की शांति और सामूहिकता का प्रतीक बन गया।
गोरखपुर के लोगों ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए उन्हें गुलाल और रंगों से सराबोर किया। CM योगी भी इस मौके पर न केवल राजनीतिक प्रतिबद्धताओं को नजरअंदाज कर रंगों के साथ मस्ती करते दिखे, बल्कि उन्होंने अपने समर्थकों और गोरखपुर के निवासियों से भी होली के इस विशेष दिन को उत्साह और भाईचारे के साथ मनाने का संदेश दिया।
“जहां धर्म, वहीं विजय” – CM योगी का संदेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मौके पर अपने भाषण में एक विशेष संदेश दिया। उन्होंने कहा, “जहां धर्म होता है, वहां विजय होती है।” उनका यह बयान विशेष रूप से समाज में धर्म की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करता है और उनके प्रशासनिक दृष्टिकोण को भी साफ तौर पर दर्शाता है। योगी ने कहा कि जब समाज धर्म और संस्कृति के प्रति सम्मान दिखाता है, तब ही वह समाज तरक्की करता है और विजय की ओर अग्रसर होता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि होली केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि यह एक प्रतीक है जो हमें आपसी भाईचारे, प्रेम और समृद्धि का संदेश देता है। उन्होंने यह भी कहा कि हम सभी को मिलजुल कर इस त्योहार को मनाना चाहिए, ताकि समाज में शांति और सौहार्द बना रहे।
होली के रंग और राजनीतिक संदेश
योगी आदित्यनाथ का गोरखपुर में होली मनाना एक राजनीतिक संदेश भी था। उत्तर प्रदेश में भाजपा के सत्ता में आने के बाद से ही मुख्यमंत्री योगी ने धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों को प्राथमिकता दी है। उनकी छवि एक धार्मिक नेता के रूप में भी बन चुकी है, और होली के अवसर पर उनके द्वारा दिया गया यह संदेश भी उसी का हिस्सा था।
गोरखपुर में होली की यह पार्टी एक खास मायने में सामूहिकता और राष्ट्रवाद का प्रतीक बन गई। मुख्यमंत्री ने एक तरह से यह संकेत दिया कि उत्तर प्रदेश में धर्म और संस्कृति का हमेशा सम्मान किया जाएगा, और इस तरह के आयोजन लोगों के बीच सामूहिकता और एकता को बढ़ावा देते हैं।
संकीर्ण राजनीति से परे एकता का प्रतीक
योगी आदित्यनाथ के इस कदम ने न केवल राज्य की राजनीति में हलचल मचाई, बल्कि यह भी दर्शाया कि वह जाति, धर्म या समुदाय के आधार पर किसी प्रकार का भेदभाव नहीं करना चाहते। उनका यह कदम यह साबित करता है कि राजनीति से ऊपर उठकर उन्हें समाज की भलाई और समग्र विकास की चिंता है। होली का त्योहार केवल रंगों और उमंग का नहीं, बल्कि समाज के विभिन्न वर्गों को एकजुट करने का अवसर भी है।
योगी आदित्यनाथ का गोरखपुर में होली मनाना एक रणनीतिक निर्णय था, जो उनके समर्थकों को यह संदेश देता है कि उनके नेतृत्व में प्रदेश विकास की दिशा में आगे बढ़ रहा है, वहीं दूसरी ओर यह उनके सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण को भी मजबूत करता है।
