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Sunita Williams: 9 महीने बाद धरती पर वापस लौटीं सुनीता विलियम्स, 8 दिन के मिशन में कैसे लग गए 9 महीने?

NASA के दो अंतरिक्ष यात्री, सुनीता विलियम्स(Sunita Williams) और बुच विलमोर (62) नौ महीने बाद स्पेस से धरती पर वापस आ गए हैं। इनके साथ क्रू-9 के दो और एस्ट्रोनॉट अमेरिका के निक हेग और रूस के अलेक्सांद्र गोरबुनोव भी हैं। इनकी वापसी स्पेसएक्स के ड्रैगन अंतरिक्ष यान के जरिए हुई। दोनों एस्ट्रोनॉट्स ISS (International Space Station) पर एक टेस्ट मिशन के लिए गए थे, लेकिन बोइंग के स्टारलाइनर यान में आई खराबी की वजह से उनका मिशन निर्धारित 8 दिन के बजाए 9 महीने लंबा हो गया। अपने लंबे मिशन के दौरान वे विभिन्न कार्यों में एक्टिव रहें और दोनों ने अपने मिशन को सफलता के साथ पूरा किया। आईएसएस से 17 घंटे का सफर करने के बाद भी सभी चारों एस्ट्रोनॉट्स के चेहरों पर मुस्कान थी। नासा और स्पेसएक्स की टीम ने सुनीता विलियम्स को जैसे ही ड्रैगन कैप्सूल से बाहर निकाला, वैसे ही सीधे स्ट्रैचर पर बैठाया गया। ड्रैगन कैप्सूल से बाहर निकलकर सीधे स्ट्रैचर पर बैठने के दौरान उन्होंने नौ महीने बाद पहली बार पृथ्वी की ग्रैविटी महसूस की। इस दौरान देखा गया कि वह कुछ सेकंड के लिए अपने पैरों पर भी खड़ी हुईं।

लैंडिंग के समय 7 मिनट के लिए संपर्क भी टूटा

इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से उड़ान भरने के 17 घंटे के बाद ड्रैगन कैप्सूल भारतीय समयानुसार तड़के सुबह 3.27 बजे अमेरिका के फ्लोरिडा तट के पास समंदर में पैराशूट की मदद से स्पैलश डाउन किया। इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से पृथ्वी तक के 17 घंटे तक का सफर काफी चुनौतियों से भरा हुआ था। लेकिन जैसे ही स्पेसक्राफ्ट ने पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश किया तो उसका तापमान 1900 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा हो गया। यह वह समय था जब सात मिनट के लिए कम्युनिकेशन ब्लैकआउट (Communication Blackout) हो गया। हालांकि, यह सामान्य है लेकिन चुनौतीपूर्ण चरण होता है। इस दौरान नासा का स्पेसक्राफ्ट से संपर्क नहीं रहता। स्पेसएक्स के ड्रैगन के साथ भी ऐसा ही हुआ। हालांकि, सात मिनट बाद ही बुधवार तड़के लगभग 3.20 बजे स्पेसक्राफ्ट से संपर्क फिर से बहाल हुआ। लेकिन सात मिनट का यह ब्लैकआउट का समय किसी भी स्पेसक्राफ्ट के पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश के लिए बहुत निर्णायक होता है। इस दौरान तापमान सामान्य से बहुत अधिक होने से स्पेसक्राफ्ट के क्रैश होने की संभावना बढ़ जाती है।

8 दिन के जॉइंट ‘क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन’ पर गई थीं सुनीता

सुनीता विलियम्स (Sunita Williams) और बुच विल्मोर बोइंग और NASA के 8 दिन के जॉइंट ‘क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन’ पर गए थे। इस मिशन का उद्देश्य बोइंग के स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट की एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस स्टेशन तक ले जाकर वापस लाने की क्षमता को टेस्ट करना था। यह मिशन नासा के कॉमर्सियल क्रू कार्यक्रम का हिस्सा था, जिसका उद्देश्य ISS तक यात्री परिवहन के लिए नए यानों का परीक्षण करना था। हालांकि, यान में कई तकनीकी समस्याएं आईं, जिसके कारण उनकी वापसी बार-बार टलती रही। इस मिशन से मिले डाटा का उपयोग भविष्य की अंतरिक्ष यात्राओं को सुरक्षित और सफल बनाने में किया जाएगा।

एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस स्टेशन पर 8 दिन में रिसर्च और कई एक्सपेरिमेंट भी करने थे। लेकिन थ्रस्टर में आई गड़बड़ी के बाद उनका 8 दिन का मिशन 9 महीने से ज्यादा समय का हो गया था। विलियम्स ने 9 महीनों में ISS पर 150 से ज्यादा प्रयोग किए। उन्होंने ऑक्सीजन बनाने, पानी साफ करने, पौधे उगाने, बैक्टीरिया के असर और आग के फैलने पर रिसर्च की। इसके साथ ही, उन्होंने लकड़ी के सैटेलाइट, पोषण के लिए सूक्ष्मजीव, नई एक्सरसाइज मशीन और हृदय जांच के लिए सेंसर वाली जैकेट का परीक्षण भी किया औए 3D प्रिंटर से मेडिकल उपकरण बनाए। इस दौरान उन्होंने कैमरे और टैबलेट पकड़ने के लिए HUNCH ब्रैकेट का भी परीक्षण किया।

Mayank Dwivedi
Author: Mayank Dwivedi

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